UPSC Final Result 2020: डेंटल मेडिसिन की पढ़ाई पूरी करने के बाद क्यों डेंटिस्ट ना बनकर सिविल सेवाओं की तैयारी में जुट गईं 9वीं रैंक हासिल करने वाली अपाला मिश्रा?
UPSC Final Result 2020: अपाला मिश्रा में डेंटल मेडिसिन की पढ़ाई पूरी की, लेकिन 2018 के बाद फुल फोकस से यूपीएससी की तैयारी शुरू की.
UPSC CSE Main 2020: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बीते दिन सिविल सेवा एग्जाम 2020 के नतीजे घोषित किए, जिसमें बिहार के शुभम कुमार टॉपर रहे हैं. वहीं जागृति अवस्थी को दूसरा और अंकिता जैन को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है. वहीं 9वीं रैंक हासिल करने वाली अपाला मिश्र से एबीपी न्यूज़ ने बात की. वो कहती हैं कि डेंटल मेडिसिन की पढ़ाई पूरी करने के दौरान वर्ष 2018 से वो पूर्ण समर्पण के साथ यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं. जिसमें सबसे मुश्किल पहले व्यापक सिलेबस को समझना रहा.
उन्होंने कहा कि डेंटिस्ट्री के फाइनल ईयर में आने तक मेरा झुकाव सिविल सर्विस की तरफ हो गया क्योंकि सिविल सर्विस काम करने का बहुत बड़ा मौका देता है. ऑप्शनल सब्जेक्ट एंथ्रोपॉल्जी था. स्वास्थ के क्षेत्र में काम करूंगी, महिलाओं की सेहत को लेकर आगे काम करना चाहूंगी. मैंने निर्णय लिया कि पूरी तरह ध्यान केंद्रित करके पढ़ाई करूंगी. टाइम टेबल बनाया. 7 से 8 घंटे पढ़ाई करनी होती है. टाइम टेबल बनाना भी इस दौरान ही सीखा. 8 बजे उठती थी. 2 घंटे की पढ़ाई होती थी. फिर ब्रेक लेती थी. ये मेरा तीसरा अटेंप्ट (3rd Attempt) था. पहले प्रयास में सिलेबस को स्टडी करना जरूरी था. एग्जाम के लिए प्री-प्रिपरेशन करना भी जरूरी है.
डेंटिस्ट ना बनकर क्यों चुनी सिविल सर्विस की राह ?
डेंटिस्ट्री के फाइनल ईयर में आने तक मेरा झुकाव सिविल सर्विस की तरफ हो गया था क्योंकि सिविल सर्विस काम करने का बहुत बड़ा मंच प्रदान करता है.
किस क्षेत्र में बदलाव लाना चाहती हैं ?
स्वास्थ के क्षेत्र में काम करने की इच्छुक हूं. महिलाओं की सेहत को लेकर आगे काम करना चाहूंगी.
कितने घंटे करती थीं पढ़ाई?
मैंने निर्णय लिया कि पूरी तरह ध्यान केंद्रित करके पढ़ाई करूंगी. टाइम टेबल बनाया. 7 से 8 घंटे पढ़ाई करनी ही होती है.
कौन सा अटेम्प्ट है ?
ये मेरा तीसरा अटेम्प्ट था. पिछले दोनो अटेम्प्ट में प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई थी. पहले प्रयास में सिलेबस को स्टडी करना जरूरी था.
कोरोना वायरस ने किस तरह तैयारी में मुश्किलें पैदा की?
अपाला बताती हैं कि एग्जाम दो बार कोरोना वायरस के कारण आगे बढ़ाया गया था. मेरे मां बाप को भी covid हो गया था. ऐसे समय में अपने मानसिक संतुलन को बनाए रखना और खुद पर विश्वास रखना, अनुशासन का पालन करना बहुत जरूरी है. अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान दें. जल्द बनने जा रहीं IAS अधिकारी अपाला मिश्रा की मां अल्पना मिश्रा दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं. वो कहती हैं, "ये परीक्षा धैर्य और हौसले की मांग करती है. ये एक तपस्या है." आर्मी में मेजर पिता कहते हैं कि पिछली बार प्लानिंग में कमी थी, इसलिए हम लोगों ने बैठकर तैयारी के लिए जरूरी सही प्लानिंग पर बात की और आज उसका सकारात्मक नतीजा सबके सामने है.
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