UPSC Success Story : आंगनवाड़ी में सहायिका मां के बेटे ने पा ली मंजिल, अपनी मेहनत और जज्बे से हासिल की 329वीं रैंक
UPSC Success Story : दादा किसान , पिता वकील और मां आंगनबाड़ी में सहायिका, कृष्णपाल ने यूपीएससी में सफलता पा कर परिवार का नाम किया रौशन. जानें उनके बारे में ..
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UPSC Success Story : किसान के पोते, अंगनवाड़ी सहायिका और वकील के बेटे कृष्णपाल सिंह राजपूत ने संघ लोग सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास कर सिर्फ परिवार का ही नहीं गांव का भी नाम रौशन किया है. कृष्णपाल सिंह मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिला के पृथ्वीपुर तहसील के पपावनी नेगुआ गांव के रहने वाले हैं. लेकिन वर्तमान में परिवार संग वह ओरछा में रहते हैं. इनकी माँ ममता राजपूत पपावनी गांव में आंगनवाड़ी सहायिका है, पिता रामकुमार राजपूत ओरछा में वकालात करते है और दादाजी नाथुराम राजपूत किसान है.
छोटे शहर से पढ़कर हासिल की कामयाबी
कृष्णपाल सिंह ने 5वीं तक की पढ़ाई पपावनी गांव में की है. 8 वीं की पढ़ाई उन्होंने ओरछा में प्राप्त की और 10वीं पढाई निवाड़ी से की. इसके बाद 12वीं और ग्रेजुएशन इंग्लिश लिटरेचर में ग्वालियर से किया था. वहीं यूपीएससी की तैयारी कृष्णपाल ने दिल्ली से की है. 23 साल उम्र में ही कृष्णपाल ने यूपीएससी को एक जुनून की तरह लिया और दूसरे प्रयास में उन्होंने 329वीं रैंक हासिल की. उनकी इस उपलब्धि से पूरा जिला गौरवान्वित है.
मेरा बेटा हीरा साबित हुआ
पिता रामकुमार राजपूत बताया कि बुंदेलखंड में हीरे की खानें मिलती है और उन्हीं खानों का एक हीरा साबित हुआ है उनका बेटा. उन्होंने कहा कि मौज शौक से परे उनका बेटा हर समय अपनी पढ़ाई में ही खोया रहता था. हैरत की बात है कि उन्हें अभी तक मोटरसाइकिल भी चलाना नहीं आती. वहीं मां ममता राजपूत ने भी बेटे की इस सफलता पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को ईमानदारी और मेहनत से पढ़ाएं तो सफलता जरूर मिलेगी.
पहली असफलता को बनाई अपनी ताकत
कृष्णपाल सिंह ने अपनी पहली असफलता को दूसरी बार में अपनी ताकत बनाई. उन्होंने बताया कि जब वे पहली बार में सफल नहीं हुए तो दूसरी बार में उन्होंने उन कमियों में सुधार किया और सफलता हासिल की.
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