नई दिल्ली: डॉक्टर बनने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET के नतीजे जल्द घोषित हो सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने नतीजों के ऐलान पर मद्रास हाई कोर्ट से लगी रोक हटा दी है. हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.
गौरतलब है कि इस साल देश में लगभग साढ़े 11 लाख छात्रों ने NEET की परीक्षा दी थी. इसमें से 10 लाख से ज़्यादा ने अंग्रेजी में परीक्षा दी. लगभग डेढ़ लाख ने भारतीय भाषाओं में परीक्षा दी. मद्रास हाई कोर्ट में दायर याचिका में प्रश्न पत्रों को अलग-अलग बताया गया था. इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एम वी मुरलीधरन ने 24 मई को NEET नतीजों घोषित करने पर रोक लगाई थी.
आज सीबीएसई की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने शिकायत को गलत बताया. उन्होंने कहा कि इस बात का खास ध्यान रखा गया कि हर भाषा के प्रश्न पत्र एक जैसे हों. सिर्फ भाषा के अंतर की वजह से प्रश्न पत्र अलग नज़र आ रहे हैं.
आज सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने कहा कि फ़िलहाल तय कार्यक्रम के हिसाब से नतीजों का ऐलान होगा और दाखिले की प्रक्रिया चलेगी. हालांकि, जस्टिस पी सी पंत और दीपक गुप्ता की बेंच ने ये साफ़ किया कि तमाम एडमिशन मामले में कोर्ट के अंतिम आदेश के बाद ही पक्के माने जाएंगे.
क्या है पूरा मामला ?
सीबीएसई ने मद्रास हाईकोर्ट में इस बात से इंकार किया था कि एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सेस में प्रवेश के लिए NEET 2017 के लिए रीजनल भाषाओं के क्वेश्चन पेपर अंग्रेजी के क्वेश्चन पेपर के मुकाबले आसान थे.
परीक्षा में कथित असमानता का हवाला देते हुए हाल में हुई NEET परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर जवाबी हलफनामे में सीबीएसई ने इस बात को खारिज किया था कि गुजराती जैसे क्षेत्रीय भाषाओं के क्वेश्चन अंग्रेजी की तुलना में आसान थे.
याचिकाओं पर अंतरिम आदेश में न्यायमूर्ति एम वी मुरलीधरन ने 24 मई को NEET नतीजों के प्रकाशन पर रोक लगाई थी और एमसीआई, सीबीएसई निदेशक और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जवाबी हलफनामे देने का निर्देश दिया था.
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