सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्लस वन (11वीं कक्षा) की परीक्षा ऑफलाइन मोड में आयोजित करने के केरल सरकार के फैसले के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया. इसी के साथ सर्वोच्च अदालत ने केरल में 11वीं कक्षा की लिखित परीक्षा करवाने की अनुमति दे दी है. राज्य सरकार ने इस परीक्षा को अहम बताया था और  कोविड प्रोटोकॉल के पालन और छात्रों की सुरक्षा का आश्वासन दिया था. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.  


जस्टिस एएम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और सीटी रवि कुमार की पीठ ने कहा कि कोर्ट राज्य सरकार द्वारा अपने हलफनामे में दिए गए कारणों से आश्वस्त है और इसलिए याचिका को खारिज कर रहा है. बेंच ने अपने आदेश में कहा कि, “हम आशा और विश्वास करते हैं कि अधिकारी आवश्यक सावधानी बरतेंगे."


3 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा के आयोजन पर लगा दी थी रोक


बता दें कि इससे पहले 3 सितंबर को न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने परीक्षाओं के आयोजन पर रोक लगा दी थी ने परीक्षा पर अंतरिम रोक लगाई थी. बेंच जिसमें न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति CT रविकुमार भी शामिल थे ने राज्य सरकार से यह कहते हुए जवाब मांगा था कि जब कोरोना के कुल मामलों में 70 प्रतिशत से ज़्यादा केरल से आ रहे हों, तब ऐसा निर्णय क्यों लिया गया?


केरल सरकार ने परीक्षा आयोजित करने को बताया था अनिवार्य


बाद में, केरल सरकार ने एक हलफनामा दायर कर परीक्षा आयोजित करने की अनुमति मांगी थी. जनरल एजुकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया था कि ऑनलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करने से पिछड़े वर्ग के कई छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिनके पास कंप्यूटर और मोबाइल फोन तक पहुंच नहीं है. राज्य ने कहा कि उच्च शिक्षा के उद्देश्यों के मूल्यांकन के लिए प्लस वन के अंक प्लस टू (कक्षा 12) के अंकों में जोड़े जाते हैं, और इसलिए परीक्षा आयोजित करना अनिवार्य है.  राज्य ने अदालत को आश्वस्त किया था की परीक्षाएं कोविड-प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन में आयोजित की जाएगी. 


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