क्या होती है SDM की फुल फॉर्म? ये होती हैं एसडीएम की मुख्य जिम्मेदारियां
SDM Full Form: एसडीएम जिले की प्रशासनिक धुरी के सामान होते हैं. आइए आज जानते हैं एसडीएम की जिम्मेदारियां और उनकी पावर...
जैसे जिले को संभालने के लिए डीएम होते हैं. वैसे ही तहसील स्तर को संभालने का जिम्मा एसडीएम का होता है. जिले को छोटे-छोटे प्रशासनिक हिस्सों में बांटने की प्रक्रिया में एक अहम कड़ी सब डिविजनल मजिस्ट्रेट होते हैं. एसडीएम वह अधिकारी होता है जो एक सब-डिवीजन का नेतृत्व करता है और जिला स्तर से नीचे का प्रशासनिक भार संभालता है. एसडीएम का पद प्रशासनिक संरचना में बेहद अहम है. साथ ही एसडीएम को शानदार सैलरी और तमाम सुविधाएं भी मिलती हैं.
एसडीएम का पद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के जूनियर अधिकारियों या राज्य सिविल सेवा (पीसीएस) के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संभाला जाता है. केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में एसडीएम को सब कलेक्टर के रूप में जाना जाता है, जहां ये अधिकारी रेवेन्यू डिवीजन का नेतृत्व करते हैं.
एसडीएम की मुख्य जिम्मेदारियां
- वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना और उनका नवीनीकरण.
- शस्त्र लाइसेंस जारी करना और नवीनीकरण.
- प्रमाणपत्र जारी करना: जैसे ओबीसी, एससी/एसटी और डोमिसाइल.
- विवाह पंजीकरण का कार्य.
- चुनाव प्रक्रिया से जुड़े कार्य.
महत्वपूर्ण प्रशासनिक लिंक
एसडीएम का अपने सब-डिविजन के तहसीलदारों पर पूर्ण नियंत्रण होता है. साथ ही, वह अपने अनुमंडल के जिला अधिकारी और तहसीलदार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करता है. यह पद न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखता है, बल्कि जनता की जरूरतों को प्राथमिकता देकर सेवाएं भी प्रदान करता है.
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सब कलेक्टर का नाम और भूमिका
तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में, एसडीएम को सब कलेक्टर के नाम से जाना जाता है. जब आईएएस अधिकारी रेवेन्यू डिवीजन के प्रभारी बनते हैं, तो वे इसी पदनाम से कार्य करते हैं और मजिस्ट्रेट पावर का उपयोग करते हैं.
कितनी मिलती है सैलरी?
रिपोर्ट्स के अनुसार एसडीएम को पे बैंड 9300-34800 में ग्रेड पे 5400 के साथ सैलरी प्रदान की जाती है. एसडीएम की सैलरी 56,100 रुपये से शुरू होती है और अधिकतम 1.77 लाख रुपये तक होती है. इसके अलावा उन्हें विभिन्न भत्ते भी दिए जाते हैं.
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1973 के दंड प्रक्रिया संहिता के तहत शक्तियां
एसडीएम को मजिस्ट्रेटी कार्यों का अधिकार 1973 के दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के तहत मिलता है. इन कार्यों में कानून व्यवस्था बनाए रखना, भूमि विवादों को सुलझाना और राजस्व संग्रह का संचालन करना शामिल है. तहसीलदार और जिला अधिकारी के बीच समन्वय बनाए रखना एसडीएम का एक प्रमुख कार्य है.
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