हर छात्र का सपना होता है कि वे ऐसी नौकरी करें, जिससे उसका भविष्य संवर जाए. इसलिए वो कठिनतम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता है. देश में सर्वाधिक छात्र अच्छे करियर के लिए आईआईटी जेईई, नीट और यूपीएससी की राह चुनते हैं. समय के साथ इन परीक्षाओं को पाठ्यक्रम तो बदला ही है, बल्कि कॉम्पीटिशन भी बढ़ गया है.  ऐसे में हम यहां पर आपको इन एग्जाम्स के कॉम्पीटिशन और सीट्स से जुड़ी अहम जानकारी दे रहे हैं. 


आईआईटी में 17,740 सीटें, 10 लाख से अधिक छात्र देते हैं जेईई


मैथ विषय से 12वीं बोर्ड परीक्षा पास करने वाले ज्यादातर छात्र आईआईटी में एडमिशन का सपना देखते हैं. जेईई एडवांस्ड में रिजल्ट जारी होने के बाद जोसा काउंसलिंग के जरिए ही स्टूडेंट्स को आईआईटी में सीट अलॉट की जाती है. 2024 में जोसा सीट मैट्रिक्स में आईआईटी की सीटें बढ़ाई गई हैं. बता दें कि देश में कुल 23 आईआईटी हैं. पिछले साल इन 23 आईआईटीज में सीटों की संख्या 17,385 थी.  इस साल से आईआईटी में 355 सीटें बढ़ाई गई हैं. इस हिसाब से 2024 में कुल 17,740 सीटों पर एडमिशन मिला है.


आईआईटी में एडमिशन के लिए जेईई परीक्षा पास करना जरूरी है. जेईई मेन 2024 के अप्रैल सत्र में 11,79,569 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. वहीं, इस सत्र में 10,67,959 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे. जेईई मेन 2024 के दोनों सत्रों (जनवरी-अप्रैल) में कुल 22 लाख से ज़्यादा छात्र शामिल हुए थे. वहीं, जेईई एडवांस्ड परीक्षा में हर साल 2.5 लाख से ज़्यादा छात्र शामिल होते हैं. जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड पास करने के बाद, छात्रों को जोसा काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करना होता है.


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यूपीएससी में 13 लाख से अधिक छात्र शामिल होते हैं


देश में की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी. इस परीक्षा के जरिए सरकार के शीर्ष प्रशासनिक पदों पर भर्तियां की जाती हैं. परीक्षा में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसी विभिन्न सेवाएं शामिल हैं. अभ्यर्थियों का चयन प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के बाद किया जाता है.  यूपीएससी की परीक्षा में हर साल करीब 13 लाख छात्र शामिल होते हैं. इनमें से मुख्य परीक्षा में करीब 14,600 छात्र शामिल होते हैं और व्यक्तित्व परीक्षण के अंतिम दौर में करीब 2,916 छात्र शामिल होते हैं.  यूपीएससी की 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों की संख्या मुश्किल से आठ प्रतिशत होती है.


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हर साल 25 लाख छात्र देते हैं नीट परीक्षा


भारत में स्नातक स्तर पर एमबीबीएस सहित अन्य यूजी कोर्सेस में प्रवेश पाने के लिए नीट परीक्षा अनिवार्य है. एम्स को छोड़कर शीर्ष मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा आयोजित की जाती है. इस परीक्षा में हर साल करीब 25 लाख छात्र शामिल होते हैं. साल 2024 में नीट परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या 23,33,297 थी. इनमें से 13,16,268 छात्र पास हुए थे. 


नीट परीक्षा में पास होने के बाद, मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए कॉलेज कटऑफ भी देखा जाता है.  नीट 2024 के अनुसार, भारत में मेडिकल सीटों की संख्या ऐसी थी. एमबीबीएस में 91,927 सीटें, बीडीएस में 26,949 सीटें, मेडिकल में 52,720 सीटें और वेटनरी में 603 सीटें हैं. मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, 2024 में 272 सरकारी एमबीबीएस कॉलेजों में नीट के जरिए 41,388 मेडिकल सीटें थीं. वहीं, 532 सरकारी और निजी कॉलेजों में नीट के जरिए 76,928 सीटें थीं.


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