Success Story: एक समय लोग उड़ाते थे ईरा का मजाक, दिव्यांगता के बावजूद नहीं मानी हार और बनीं IAS
IAS Topper Ira Sehgal: फिजिकली चैलेंज्ड होने के बावजूद ईरा सहगल ने यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया और आईएएस पद के लिए सेलेक्ट हुईं. ऐसा करने वाली ईरा देश की पहली महिला कैंडिडेट हैं.
UPSC Topper Ira Sehgal: अगर जीवन में कुछ भी करने की ठान ली जाए तो क्या कुछ नहीं हो सकता है. आज हम आपको एक ऐसी महिला आईएएस की कहानी बताने जा रह हैं, जिन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए कई चुनौतियों का डटकर सामना किया. साल 2014 की यूपीएससी परीक्षा में टॉप रैंक लाकर ईरा ने सबको हैरान कर दिया था. वे ऐसा करने वाली पहली महिला कैंडिडेट हैं. बचपन से ही एक खास तरह की बीमारी से ग्रस्त ईरा को जमाने भर से न जाने कितने ताने सुनने को मिले पर ईरा ने हार नहीं मानी. उन्होंने किसी और की नजरों से अपनी क्षमता को देखने के बजाय खुद पर भरोसा किया और कुछ ऐसा कर दिखाया जो बड़े-बड़े नहीं कर पाते हैं.
क्या समस्या है ईरा को
ईरा को बचपन से ही स्कोलियोसिस नाम की बीमारी है. इससे स्पाइनल कॉर्ड में समस्या होती है और बॉडी स्ट्रक्चर बिगड़ जाता है. इसी वजह से ईरा की हाइट भी नहीं बढ़ी. पर उन्होंने कभी इस बीमारी को अपनी सफलता के आड़े नहीं आने दिया. ईरा का जन्म मेरठ में हुआ और शुरुआती शिक्षा भी. जब ईरा पैदा हुई थीं तो एक आम बच्चे जैसी ही थीं पर जैसे -जैसे उनकी उम्र बढ़ी ये बीमारी सामने आने लगी. उनके मां-बाप ने बहुत इलाज कराया पर कोई फायदा नहीं हुआ.
ऐसे मिली आईएएस बनने की प्रेरणा
ईरा के बचपन में एक बार उनके शहर में कर्फ्यू लगा और स्कूल वगैरह सब बंद कर दिए गए. तब उन्होंने पूछा कि स्कूल क्यों बंद हैं तो उन्हें जवाब मिला डीएम के ऑर्डर हैं. ईरा को ये बात सुनकर बड़ा अचंभा हुआ कि किसी के ऑर्डर पर पूरा शहर बंद हो सकता है. तभी उन्होंने सोचा कि वे भी बड़े होकर डीएम बनेंगी. बढ़ती उम्र के साथ पीएच कैंडिडेट्स को होने वाली समस्याओं को देखते हुए उनका निर्णय और दृढ़ हुआ.
कुल चार बार हुईं चयनित
ईरा ने कुल चार बार यूपीएससी परीक्षा दी. चारों बार उनका सेलेक्शन हुआ जिसमें तीन बार उन्हें आईआरएस मिला. चौथी बार में ईरा ने न केवल यूपीएससी परीक्षा पास की बल्कि ऑल इंडिया रैंक वन भी लायीं. इसी के साथ ईरा देश की पहली डिफरेंटली एबेल्ड कैंडिडट बनीं जिसने यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया.
ईरा दूसरे कैंडिडेट्स को यही सलाह देती हैं कि अपनी क्षमताएं आप खुद जानते हैं कभी किसी और को ये मौका न दें कि वो आपको आपकी सीमाए बताए. सपने देखिए और उन्हें पूरा करिए पर ये भी याद रखिए कि केवल यूपीएससी ही सबकुछ नहीं. जीवन उसके आगे-पीछे भी है.
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