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IAS Success Story: कौन थे देश के पहले SC-ST आईएएस ऑफिसर, जानें उनकी सफलता की कहानी
साल 1950 में पहली बार यूपीएससी ने सिविल सर्विस की परीक्षा करायी थी. पहली परीक्षा में 3,647 छात्रों ने हिस्सा लिया था. जिसमे अचूतानंद को लिखित में सबसे ज्यादा अंक हासिल हुए थे, लेकिन उन्हें इंटरव्यू में अच्छे नंबर नहीं मिल सके और मद्रास के एन कृष्नन देश के पहले IAS टॉपर बने.
आज के दौर में UPSC की परीक्षा पास करना बड़ी सफलता माना जाता है माता पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा बड़ा होकर आईएएस ऑफिसर बने. लेकिन इस सपने को साकार करने के लिए छात्रों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. इस परीक्षा के लिए हर साल करीब 10 लाख आवेदन प्राप्त होते हैं, जिनमें से मात्र 1 हजार छात्रों का सलेक्शन होता है.
छात्रों को अपनी मेहनत और लगन से दिन रात एक करना पड़ता है तब जाकर सफलता हासिल हो पाती है. संघ लोक सेवा आयोग तीन चरणों में इस परीक्षा को कराता है जिसमें प्री एग्जाम, मेन एग्जाम और इंटरव्यू शामिल हैं. इन तीनों चरणों में प्राप्त अंकों के आधार पर रैंक तैयार की जाती है, हालांकि जब संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विस के एग्जाम की शुरुआत की थी, तब इस परीक्षा के लिए न तो इतने आवेदन प्राप्त होते थे और न इतनी मुश्किल परीक्षा होती थी. आइये आपको बताते हैं UPSC के Civil Service एग्जाम की शुरुआत कब और कैसे हुई और क्या है देश के पहले SC-ST आईएएस ऑफिसर की कहानी.
देश को आजादी मिलने के बाद जब 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ. इसी साल संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विस की पहली परीक्षा शुरु की. पहली बार इस परीक्षा में 3,647 छात्रों ने हिस्सा लिया था. उस वक्त UPSC की रिपोर्ट में SC-ST कैंडीडेट्स की संख्या का खुलासा नहीं किया जाता था. लेकिन परिणाम आने के बाद देश के पहले SC आईएएस के बारे में जरूर बताया गया था. अचूतानंद दास देश के पहले SC आईएएस ऑफिसर बने थे. उन्होंने लिखित परीक्षा में टॉप किया था. कहते हैं अचूतानंद दास को SC होने की वजह से इंटरव्यू में सबसे कम नंबर मिले थे. अगर ऐसा न होता तो भारत का पहला IAS टॉपर बनने का तमगा भी उन्हीं के नाम होता.
वेस्ट बंगाल से आने वाले अचूतानंद दास ने सिविल सर्विस की लिखित परीक्षा में 1050 में से 609 नंबर यानि 58% अंक हासिल किए. जबकि मद्रास के एन कृष्नन को 602 नंबर यानि 57.33% अंक मिले. कृष्नन को इंटरव्यू में इन्हें 300 में से 260 नंबर मिले जबकि अचूतानंद को इसके आधे नंबर ही हासिल हो पाए. वहीं वेस्ट बंगाल के एक और कैंडीडेट अनिरुद्ध दासगुप्ता ने इंटरव्यू में शानदार प्रदर्शन किया था. तीनों कैंडीडेट्स में से कृष्नन ने टॉप किया था. अनिरूद्ध दासगुप्ता को 22 वीं और अचूतानंद को 48 वीं रैंक हासिल हुई थी. सिविल सर्विस की पहली परीक्षा के इन परिणामों ने सभी को चौंका दिया था.
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