Delhi MCD Primary School Student Enrolment: म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ दिल्ली के प्राइमरी स्कूलों में स्टूडेंट्स के इनरोलमेंट की संख्या में खासी कमी आयी है. ताजा रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले साल की तुलना में यहां इस साल करीब 76 हजार कम छात्र प्राइमरी स्कूलों में इनरोल हुए. अगर संख्या के लिहाज से बात करें तो पिछले साल अक्टूबर महीने तक 2.5 लाख नये इनरोलमेंट्स हुए थे जबकि इस साल ये संख्या 2.1 लाख पर ही सिमट गई. इसके पीछे कारण क्या है, ये जानने की कोशिश करते हैं.


क्या कहते हैं आंकड़े


टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक अगले लेवल की बात करें तो इस साल एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की कुल संख्या 7.8 लाख पर ही सिमट गई जबकि पिछले साल ये 8.6 लाख थी. इस बारे में जब अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने ये जवाब दिया.


क्या कहना है अधिकारियों का


इस बारे में ऑफीशियल्स का कहना है कि एमसीडी स्कूलों के साथ इनरोलमेंट कराने वाले बहुत से छात्र पिछले काफी समय से एक्टिव नहीं थे. ऐसे स्टूडेंट्स का नाम जब स्कूल से हटाया गया तो कुल इनरोलमेंट की संख्या में गिरावट नोटिस की गई. इसके साथ ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नर्सरीज खुलने की वजह से भी एमसीडी स्कूलों में कम इनरोलमेंट हुए.


बार-बार नोटिस दिया गया


एमसीडी स्कूलों में कम इनरोलमेंट के बारे में जब आगे बात हुई तो सामने आया की कोविड के समय से ऐसे बहुत से बच्चे थे जो स्कूल से गायब से हो गए. उनका सालों से कोई अता-पता नहीं हैं. ऐसे स्टूडेंट्स की पहचान की गई और उन्हें 6-6 महीने के गैप में तीन बार नोटिस भी भेजा गया पर उनके या उनके परिवार की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं आया. ये सालों से स्कूल से गायब हैं. ऐसे में जब इन स्टूडेंट्स को लिस्ट से हटाया गया तो कुल इनरोलमेंट्स में कमी दिखायी दी.


कुल एडमिशन की संख्या है टारगेट के करीब


इस बारे में अधिकारियों का ये भी कहना है कि इनरोलमेंट की संख्या में कमी होने के बावजूद कुल एडमिशन का जो टारगेट था वो एचीव कर लिया गया है. इस साल सिविक बॉडी ने दो लाख एडमिशन का टारगेट रखा था और कुल 2 लाख 14 हजार से ज्यादा नये प्रवेश हुए हैं.


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