एग्जाम में फेल छात्र को रीचेकिंग में मिले फर्स्ट क्लास नंबर, जानें क्या है पूरा मामला?
सूरत से एक हैरान कर देने वाला जहां एग्जाम में फेल छात्र को पुनर्मूल्यांकन में फर्स्ट क्लास किया गया. चांसलर ने मामले में कार्रवाई की बात कही है.
आपने फिल्मों में देखा होगा कि कैसे एक फेल छात्र क्लास का टॉपर बन जाता है. लेकिन अगर ऐसा हकीकत में हो जाए तो? दरअसल इससे ही मिलता जुलता मामला गुजरात के सूरत के एक कॉलेज का है. जहां पर एक छात्र को फेल कर दिया गया था, लेकिन जब उसने कॉपी की रिचेकिंग कराई तो वह फर्स्ट डिवीजन से पास हो गया.
ये मामला सूरत के वीटी चोकसी कॉलेज का है. इस घटना ने वीएनएसजी यूनिवर्सिटी के परीक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो वीटी चोकसी कॉलेज में बैचलर ऑफ लॉ (LLB) प्रोग्राम की छठी सेमेस्टर की परीक्षा अप्रैल 2024 में आयोजित की गई थी और मई में नतीजे घोषित किए गए थे. उस वक्त एक छात्र को असफल घोषित किया गया था. लेकिन उसने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया. जब उसकी कॉपी का दोबारा से मूल्यांकन हुआ तो यह सामने आया कि छात्र ने परीक्षा पास की है और उसे पहले फर्स्ट क्लास नंबरों से पास कर दिया गया.
मिले थे कम नंबर
कॉलेज के चांसलर किशोर सिंह चावड़ा ने इस मामले पर कहा है कि छात्र को कम अंक एक मूल्यांकन त्रुटि के कारण मिले थे. छात्र ने विश्वविद्यालय में लिखित आवेदन दिया, जिसके बाद फिर से मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की गई. जांच के दौरान यह पता चला कि छात्र असफल था क्योंकि परीक्षक ने गलती से उसके अंक कम दिए थे. गलती को सुधारने के बाद छात्र को फर्स्ट क्लास में पास किया गया.
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होगी कार्रवाई
चांसलर ने कहा कि विश्वविद्यालय की समिति दोषी परीक्षक के खिलाफ कार्रवाई करेगी. इसमें जुर्माना और भविष्य में परीक्षाओं से निलंबन जैसी सजा शामिल हो सकती है. छात्र को गलत तरीके से पास नहीं किया गया है. वह एक मूल्यांकन त्रुटि का शिकार था, जिसे सही किया गया है.
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