Ph.D. After Graduation: अब चार साल के ग्रेजुएशन कोर्स में 7.5/10 का सीजीपीए स्कोर पाने वाले छात्र पीएचडी डिग्री कर सकेंगे. नए नियमों के मुताबिक छात्र मास्टर कार्यक्रम को पूरा किए बिना पीएचडी प्रवेश के लिए पात्र होंगे. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अंतिम रूप दिया गया है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग इस सम्बन्ध में घोषणा जून के अंत तक किए जाने की संभावना है. साथ ही आगामी 2022-23 शैक्षणिक सत्र से लागू होने की भी उम्मीद जताई जा रही है.


राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत शुरू किए गए एफवाईयूपी को बढ़ावा देते हुए, विनियमों में कहा गया है कि 4 साल / 8 सेमेस्टर स्नातक की डिग्री के बाद प्रवेश पाने वाले उम्मीदवार के पास न्यूनतम सीजीपीए 7.5/10 होना चाहिए. वहीं, एससी / एसटी / ओबीसी /  विकलांग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 0.5 सीजीपीए की छूट मिल सकती है.


यूजीसी अध्यक्ष एम जगदेश कुमार के अनुसार चार वर्षीय स्नातक छात्रों को पीएचडी करने के लिए प्रोत्साहित करना हमारे एचईआईएस में अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है. यही वहज है कि हम चार वर्ष के यूजी छात्रों को अनुमति दे रहे हैं, जिनके पास 7.5/10 का सीजीपीए है या उससे ऊपर है. वह पीएचडी प्रवेश के लिए पात्र हैं. वहीं, जिनके पास 7.5 से कम सीजीपीए है, उन्हें एक साल की मास्टर डिग्री करनी होगी.


नए नियमों के मुताबिक खाली सीटों में से 40 फीसद को विश्वविद्यालय-स्तरीय परीक्षा के माध्यम से भरा जा सकता है. प्रवेश के दो तरीके राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर 100% या राष्ट्र स्तर की प्रवेश परीक्षा और विश्वविद्यालय स्तर या राज्य स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर 60-40 विभाजन की सिफारिश की गई है.


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