Study In USA: अमेरिका के विश्वविद्यालयों में 2023-24 में छात्रों को भेजने के मामले में जहां एक ओर चीन ने भारत को पछाड़ दिया है. वहीं भारत के अंदर सबसे ज्यादा छात्रों को अमेरिका भेजने के मामले में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने देश के अन्य राज्यों को काफी पीछे छोड़ दिया है. हैदराबाद के यूएस काउंसलेट जनरल की ओर से जारी डाटा के अनुसार देश भर के कुल यूएस गए छात्रों में 56 फ़ीसदी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के हैं. 


तेलंगाना पहले, आंध्र दूसरे स्थान पर
आंकड़ों के अनुसार यूएस का स्टडी वीजा पाने वाले छात्रों में सबसे ज्यादा 34 फीसदी तेलंगाना के हैं जबकि 22 फीसदी आंध्र से ताल्लुक रखते हैं. वहीं, भारत के शैक्षणिक संस्थानों में अमेरिकी छात्रों की संख्या में 300 फ़ीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. हैदराबाद के यूएस काउंसलेट चीफ रेबेका ड्रेम और पब्लिक अफेयर ऑफिसर एलेक्जेंडर मैक्लॉरेन ने बताया कि 2023 में करीब 3.30 लाख भारतीय छात्र अमेरिका पढ़ाई करने के लिए गए, जिनमें से करीब 1.80 लाख छात्र आंध्र और तेलंगाना से ताल्लुक रखते हैं.


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बढ़ाना पड़ रहा है स्टाफ 
अमेरिकी काउंसलर चीफ का कहना है कि भारत में काम करने वाले किसी भी काउंसलेट में इतने विजा प्रोसेस नहीं किए हैं. उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल में अकेले हैदराबाद के ही ऑफिस में स्टाफ को दोगुना किया गया है. 2025 तक इस 3 गुना करने की तैयारी है ताकि आने वाले विजा एप्लीकेशंस को प्रोसेस करने में आसानी हो सके.


हर दिन प्रोसेस हो रहे 1600 वीजा
जानकारी के अनुसार यूएस काउंसलेट में हर दिन करीब 1600 वीजा प्रोसेस किए जा रहे हैं जिनकी मदद से भारतीय युवा अमेरिका में पढ़ने का सपना पूरा कर रहे हैं. इस संख्या को अगले साल फरवरी तक ढाई हजार तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.


2023 से 12 हजार ज्यादा इंटरव्यू किए गए अबतक
आंकड़ों के अनुसार 2023 में जहां समर स्टूडेंट विजा के लिए उस काउंसलेट ने 35000 इंटरव्यू किए थे. वहीं, 2024 में अबतक 47000 से ज्यादा छात्रों को स्टूडेंट वीजा के लिए इंटरव्यू किया गया है. यानी अभी तक पिछले साल से 12 हजार ज्यादा वीजा इंटरव्यू हो चुके हैं. 


H-1B प्रोग्राम बन रहा अहम कड़ी
रेबेका ड्रेम का कहना है कि यूएस में स्टडी वीजा लेने के लिए इजाफा इसलिए भी हो रहा है क्योंकि अमेरिका ने अपने वीजा मानकों में खासकर भारतीय छात्रों के लिए काफी बदलाव किए हैं. इसमें h-1b डॉमेस्टिक रीवैलिडेशन प्रोग्राम ने एक बड़ी भूमिका निभाई है. इस प्रोग्राम के तहत भारतीय छात्रों को अपने वीजा को रिन्यू कराने के लिए भारत लौटने की जरूरत नहीं होती है. यही वजह है कि पिछले 3 महीने में ही h-1b वीजा के साथ यूएस में रह रहे 10 हजार युवाओं को यूएस में ही अपॉइंटमेंट देकर उनके वीजा को रिन्यू किया गया है. 


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