भारत में लाखों छात्र हर साल हायर स्टडी के लिए विदेश जाते हैं. जिसमें अमेरिका छात्रों की पहली पसंद बनता जा रहा है. अमेरिका को हायर एजुकेशन का हब माना जाता है यहां हर साल लाखों भारतीय छात्र पढ़ाई करने जाते हैं. दुनियाभर में अमेरिका के एजुकेशन सिस्टम की बात होती है क्योंकि अमेरिका में छात्रों को तमाम सुविधाएं दी जाती हैं. छात्रों की प्रतिभा के मुताबिक उन्हें आगे बढ़ने का मौका दिया जाता है. इसके अलावा अमेरिका में नौकरी के बहुत अच्छे विकल्प हैं.
इसके अलावा कनाडा भी भारतीय छात्रों का फेवरिट स्टडी डेस्टिनेशन्स में से एक है. हर साल लाखों स्टूडेंट्स कनाडा की यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए अप्लाई करते हैं. कनाडा में पढ़ाई करना काफी सस्ता है इसके अलावा वहां काफी संख्या में भारतीय रहते हैं जिससे भारतीय छात्रों को दिक्कतें कम आती हैं. वहीं लंदन की फेमस यूनिवर्सिटीज भी इंडियन स्टूडेंट्स को अट्रैक्ट करती हैं. लेकिन लंदन में पढ़ाई का खर्च काफी ज्यादा आता है.
लंदन की फेमस यूनिवर्सिटीज में काफी टफ कॉम्पटीशन भी है लेकिन फिर भी लंबे समय से भारतीय छात्र लंदन पढ़ाई करने जाते रहे हैं. तो चलिए आज हम आपको बताएंगे कि आप अमेरिका, लंदन या कनाडा से आप कैसे पढ़ाई कर सकते हैं और कौन से कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं.
अमेरिका- विदेश से पढ़ाई करने के मामले में अमेरिका भारतीय छात्रों की पहली पसंद है. यहां हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, प्रिंसटन और एमआईटी जैसी यूनिवर्सिटीज हैं जो छात्रों को आकर्षित करती हैं. यहां से आप बिजनेस एंड मैनेजमेंट स्टडीज, इंजीनियरिंग, मैथ्स एंड कंप्यूटर साइंस, सोशल साइंस, फिजिकल और लाइफ साइंस से जुडे़ कोर्स कर सकते हैं.
कनाडा- इन दिनों भारतीयों का पसंदीदा देश कनाडा है. यहां एजुकेशन क्वालिटी, कम खर्चा, सेफ्टी और सरकारी योजनाओं की वजह से छात्र भी स्टडीज के लिए कनाडा का रुख करने लगे हैं. कनाडा की सरकार ने आवेदन प्रक्रिया में कुछ बदलाव करते हुए नया स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) नियम लागू किया है. जिसमें कनाडा में स्टडी परमिट के लिए आवेदन करने वालों के लिए एक नई ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया है. SDS डॉक्यूमेंट्स की चेकलिस्ट मेनटेन रखेगा और वेबसाइट के जरिए आवेदक और यूनिवर्सिटी के बीच बातचीत कराएगा. SDS रजिस्ट्रेशन से पहले स्टूडेंट को किसी कनाडाई यूनिवर्सिटी से मंजूरी लेनी होगी. यहां के कॉलेज,यूनिवर्सिटीज से आप बिजनेस एंड मैनेजमेंट स्टडीज, कंप्यूटर साइंस, मेडिकल, लाइफ साइंस, हॉस्पिटालिटी, होटल मैनेजमेंट, लिबरल आर्ट्स जैसे कोर्स कर सकते हैं
लंदन- यूरोप में यूनाइटेड किंगडम भारतीय छात्रों के लिए सबसे पसंदीदा एजुकेशन कंट्री है लेकिन यूके का वीजा पाना जितना मुश्किल है उससे ज्यादा वहां पढ़ाई करने का खर्च है. भारतीय छात्र ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे विश्वविद्यालयों में पढ़ाई तो करना चाहते हैं लेकिन यहां भी कॉम्पटीशन काफी होता है. यूके का एजुकेशन सिस्टम एक जैसा होने की वजह से छात्रों को वहां हायर स्टडीज करना सुविधापूर्ण लगता है. हालांकि यूके के लिए स्कॉलशिप की भी अच्छी सुविधा है. यहां से बिजनेस / मैनेजमेंट स्टडीज, इंजीनियरिंग, सोशल साइंस, फिजिकल एंड लाइफ साइंस, फाइन एंड अप्लाइड आर्ट्स, मीडिया के कोर्स कर सकते हैं.
एडमिशन से पहले टेस्ट
1- इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (IELTS)
2- स्कॉलास्टिक असेस्मेंट टेस्ट (SAT)
3- टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंगवेज (TOEFL)
4- ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्जामिनेशंस (GRE)- लिबरल आर्ट्स, साइंस और मैथ्स कोर्स में एडमिशन के लिए
5- ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (GMAT) - बिजनेस स्कूलों में एडमिशन पाने के लिए/ एमबीए की पढ़ाई के लिए
6- लॉ स्कूल एडमिशन टेस्टिंग प्रोग्राम (LSAT)- लॉ स्कूलों में एडमिशन पाने के लिए
7- मेडिकल कॉलेज एडमिशन टेस्ट (MCAT)- मेडिकल स्कूलों में एडमिशन के लिए
8- डेंटल एडमिशन टेस्टिंग प्रोग्राम (DAT) - डेंटल स्कूलों में एडमिशन के लिए
9- फार्मेसी कॉलेज एडमिशन टेस्ट (PCAT)
10- ऑप्टोमेट्री एडमिशन टेस्टिंग प्रोग्राम (OAT)
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