Bihar Girl Success Story: बिहार की एक छात्रा ने अमेरिका के प्रतिष्ठित वर्जीनिया विश्वविद्यालय (यूवीए) में उच्च शिक्षा में पीएचडी करने का सफर शुरू किया है. यह उपलब्धि न केवल कठिन प्रक्रिया के कारण बल्कि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह इस विभाग में दाखिला लेने वाली एकमात्र भारतीय छात्रा हैं.


चेतना ने बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने प्रोफेसरों से संपर्क करके और अपने शोध के बारे में प्रभावशाली ढंग से लिखकर प्रवेश प्रक्रिया शुरू की. कई चरणों और साक्षात्कारों के बाद आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें फुल स्कॉलरशिप मिली.


कई परेशानियों के बावजूद चेतना ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार मेहनत की. उनकी मां ने भी उनका पूरा साथ दिया. मां की हिम्मत और ताकत ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया. चेतना ने कहा इस सफलता में उनके परिवार और शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान है. वह अपनी मां को इस सफलता का श्रेय दिया, जिन्होंने हमेशा उनका साथ दिया. एक ऐसे समाज में जहां सरकारी नौकरी को ही मुख्य लक्ष्य माना जाता है, वहां पीएचडी करना एक अलग रास्ता चुनना था. लेकिन उन्होंने दिखाया कि दृढ़ संकल्प और समर्थन के साथ कोई भी चुनौती पार की जा सकती है.


डीयू से की है ग्रेजुएशन


छात्रा चेतना ने अपने सफर के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने बचपन से ही पढ़ाई में रुचि दिखाई और दिल्ली विश्वविद्यालय से पोलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से मास्टर्स और फिर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (एनआईईपीए) से एम फिल की.


रिसर्च केवल एक शौक या साइड प्रोजेक्ट नहीं


चेतना ने कहा कि वह यूवीए में अपनी पीएचडी शुरू करने के लिए काफी उत्साहित हैं और उम्मीद करती हैं कि उनसे अन्य छात्र भी मोटीवेट होंगे. चेतना कहती हैं कि रिसर्च केवल एक शौक या साइड प्रोजेक्ट नहीं है, इसके लिए वास्तविक जुनून और समर्पण की जरूरत होती है.


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