Success Story Of BPSC Topper Amulya Ratan: बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षा को पहली ही बार में पास करने वाले बरेठा गांव के अमूल्य रतन का एजुकेशनल बैकग्राउंड इंजीनियरिंग का था. अमूल्य एडमिनिस्ट्रेटिट सर्विसेस में आने से पहले सिविल इंजीनियर थे पर उन्होंने न केवल अपने विषय बदले बल्कि अपने कैरियर की दिशा भी बदल दी. साइंस बैकग्राउंड के अमूल्य ने जीतोड़ मेहनत करके पहली ही बार में बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन एग्जाम क्लियर कर लिया वो भी 7वीं रैंक के साथ. जानते हैं कैसा रहा अमूल्य का यहां तक का सफर.


शुरुआती शिक्षा –


अमूल्य की शुरुआती शिक्षा पटना से हुयी. वे पढ़ाई में शुरू से ही अच्छे थे, अमूल्य ने 93.4 प्रतिशत अंकों के साथ सेंट्रल स्कूल से दसवीं पास की थी. इसके बाद वे कोटा चले गए, जहां डीएवी पब्लिक स्कूल से उन्होंने 82 प्रतिशत अंकों के साथ क्लास 12 पास किया. इसके बाद अमूल्य ने जेईई की परीक्षा दी और चयनित हो गए और इसी के साथ आगे की पढ़ाई के लिये प्रतिष्ठित कानपुर आईआईटी चले गये. यहां से बीटेक करने के बाद उन्होंने एमटेक भी किया पर इतने माइलस्टोन एचीव करने के बाद भी अमूल्य का मन नहीं भरा और उन्होंने बीपीएससी परीक्षा देने की योजना बनाई. इस बीच उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में भी भाग्य आजमाया पर साक्षात्कार राउंड में सेलेक्ट नहीं हुये. हालांकि इससे उनका इंटरव्यू फेस करने का कांफिडेंस काफी बढ़ गया. उनके परिवार में दो बहनें और माता-पिता हैं. उनकी दोनों बहनें भी सीडीपीओ के पद पर कार्यरत हैं. अमूल्य के पिता सिंचाई विभाग से रिटायर हो चुके हैं, जहां वे असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर थे. अमूल्य के घर में हमेशा से पढ़ाई का माहौल था और माता-पिता बच्चों को पढ़ने के लिए उचित वातावरण से लेकर सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराते थे.


ऐसे की तैयारी –


अमूल्य रतन अपनी तैयारी के विषय में बात करते हुये कहते हैं कि किसी भी परीक्षा को पास करने के लिय आपका बेस मजबूत होना बहुत जरूरी है. इसीलिए उन्होंने सबसे पहले एनसीईआरटी की क्लास 6 से लेकर 12 तक की सारी किताबें पढ़ीं. इसके बाद उन्होंने बीपीएसी सिलेबस के अनुसार अपनी किताबों का चुनाव किया. किताबों के चुनाव के समय इस बात का ध्यान रखा कि क्वालिटी हो क्वांटिटी नहीं क्योंकि अनावश्यक किताबें आपको कंफ्यूज़ करती हैं. एक साक्षात्कार में बात करते हुये अमूल्य बताते हैं कि उन्होंने पढ़ने के साथ ही लिखने पर भी काफी फोकस किया. जैसा की यूपीएससी परीक्षा में होता है बीपीएससी में भी प्री, मेन्स और इंटरव्यू तीन राउंड होते हैं. बेहतर यही होता है कि कैंडिडेट प्री और मेन्स की तैयारी एक साथ करें. चूंकि प्री में ऑब्जेक्टिव क्वेश्चंस आते हैं, इसलिये अमूल्य ने इनके लिए एक कोचिंग ज्वॉइन करके खूब पेपर दिए. उनका कहना था, इससे उनका अच्छा अभ्यास हुआ.


ठीक इसी प्रकार मेन्स में भी इस बात का ख्याल रखना होता था कि केवल उत्तर पता होने से काम नहीं चलता उसे ठीक से कॉपी पर उतारना भी आना चाहिए और इसके लिये भी चाहिए अभ्यास. कुल मिलाकर अमूल्य लिखकर अभ्यास करने पर काफी जोर देते हैं. जहां तक साक्षात्कार की बात है तो अमूल्य ने पहले भी यूपीएससी परीक्षा का साक्षात्कार दिया था इसलिये इस बार उन्हें इंटरव्यू में ज्यादा डर नहीं लगा. उन्होंने पूरे कांफिडेंस के साथ साक्षात्कार दिया और चयनित भी हो गए. अमूल्य कहते हैं कि साक्षात्कार के लिए भी मॉक टेस्ट ज्वॉइन किये जा सकते हैं. इसके साथ ही करेंट अफेयर्स पर भी पैनी निगाह रखें, रोज़ न्यूज़पेपर पढ़ें और समाचार देखें. अगर पूरी ईमानदारी से तैयारी करेंगे तो सफलता निश्चित है. चयन के बाद अमूल्य ने एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस को चुना और एसडीएम के पद पर ज्वॉइनिंग की.


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