Success Story Of BPSC Topper Anisha Bharti:  बिहार लोक सेवा आयोग की 63वीं परीक्षा पास करने वाली अनीषा को यहां तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी. अपनी तरफ से भरपूर तैयारी करने वाली अनीषा से कहीं न कहीं चूक हो जाती थी और उनका चयन नहीं होता था. लेकिन अनीषा ने अपनी गलतियों का रोना रोने के बजाय उनसे सीखने का फैसला किया और नतीजा हम सब के सामने है. कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि गलती किसी से भी हो सकती है पर बुद्धिमान वही है जो उनसे सीखता है और दोबारा उन्हें नहीं दोहराता. जैसा कि अनीषा ने किया.


पहले भी दो बार दी थी परीक्षा –


अनीषा ने तीसरी बार चयनित होने के पहले भी दो बार बीपीएससी की परीक्षा दी थी पर उनका चयन नहीं हुआ था. उनसे हर बार कहीं न कहीं कोई कमी रह जाती थी. दरअसल अनीषा बीपीएससी के साथ ही यूपीएससी की तैयारी भी कर रही थी. जहां यूपीएससी की तैयारी करने की वजह से उन्हें बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा की तैयारी करने में काफी मदद मिली वहीं एक-आध बार परेशानी भी हुई. यूपीएससी की वजह से बीपीएससी की तैयारी को उन्होंने वो महत्व नहीं दिया जो उन्हें देना चाहिए था. दूसरी बार की असफलता का कारण वे ओवर कांफिडेंस को मानती हैं. अनीषा कहती हैं जब एक बार यूपीएससी के इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गयीं तो उन्हें अपने ऊपर ओवर कांफिडेंस हो गया था इसीलिए दोबारा में भी वे बीपीएससी में सफल नहीं हुईं. हालांकि उन्होंने इन गलतियों से सीखा और तीसरी बार में न केवल परीक्षा पास कर ली बल्कि 17वीं रैंक भी लायीं.


अनीषा के टिप्स –


दूसरे कैंडिडेट्स को परीक्षा की तैयारी के विषय में सलाह देते हुए एक साक्षात्कार में अनीषा कहती हैं कि इस परीक्षा को पास करने के लिए पिछले सालों के प्रश्न-पत्र देखना बहुत मदद देता है. कई विषय तो ऐसे होते हैं, जिनमें पिछले सालों के पेपरों से प्रश्न रिपीट हो जाते हैं. इसके साथ ही लास्ट ईयर्स के क्वैश्चन पेपर्स को ध्यान से एनालाइज़ करेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि कौन सा सेक्शन कितना इंपॉर्टेंट है और किसको कितना वेटेज़ दिया जाता है. उसी के अनुसार आप तैयारी कर सकते हैं. अगर बात किताबों की करें तो मुख्य किताबें वही रहती हैं बस आपकी स्ट्रेटजी क्या रही यह महत्व रखता है. अनीषा इस परीक्षा का प्री पास करने के लिए करेंट अफेयर्स पर खासा जोर देती हैं. इसके लिए अगर किसी कोचिंग के एनुअल नोट्स मिल जाएं तो ज्यादा बेहतर होता है. दरअसल इन नोट्स में पूरे साल के घटनाक्रम का अच्छा निचोड़ रहता है. नोट्स बनाते समय अगर आपसे कोई विषय छूट भी गया तो इनमें वह मिल जाता है.


अनीषा इसके बाद मुख्य तौर पर जोर देती है आंसर लिखने की स्टाइल पर. वे कहती हैं कि आंसर पता होना ही काफी नहीं होता उसका प्रेजेंटेशन भी उतना ही महत्व रखता है. अगर किसी विषय के बारे में आपसे पूछा गया है तो उसके प्रेजेंट तक सीमित न रहें. उसका बैकग्राउंड, आगे की योजनाएं आदि भी एक्सप्लेन करें. चार्ट्स और डायग्राम्स से अपने आंसर्स को और इफेक्टिव बना सकते हैं. साथ ही कम समय में आंसर लिखने की खूब प्रैक्टिस करें. अनीषा कहती हैं कि आप कितना भी अभ्यास कर लें पेपर देते समय कई बार ऐसा होता है कि समय कम पड़ जाता है. ऐसे में अगर आप बिना अभ्यास के जाएंगे तो पेपर छूटना तय है.


ह्यूमन टेंडेंसी होती है कि कैंडिडेट्स शुरू में पेपर धीरे लिखते हैं फिर जैसे-जैसे समय निकलता है स्पीड पकड़ते हैं. इससे अंत के आंसर खराब होते ही हैं. पूरे पेपर को समय-सीमा के  अंदर बांधकर ही हल करें. एक बात का ध्यान और रखें की प्री, मेन्स और इंटरव्यू की तैयारी अलग-अलग न करें. तीनों की तैयारी एक साथ स्ट्रेटजी बनाकर करें. जितना भी पढें, रोज पढ़ें और बीपीएससी क्लियर करने के लिए खास बिहार केंद्रित पढ़ाई जरूर करें.


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