Success Story Of BPSC Topper Bhaskar Jyoti: भास्कर ज्योति सहरसा जिले के एक छोटे से गांव बटराहा के रहने वाले हैं, जिन्होंने अपने तीसरे अटेम्पट में 38वीं रैंक के साथ बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की. भास्कर ने बीपीएससी के साथ ही यूपीएससी परीक्षा भी दी लेकिन सफल नहीं हुये हालांकि इस परीक्षा की तैयारी का अच्छा लाभ उन्हें बीपीएससी की परीक्षा की तैयारी के दौरान मिला. भास्कर को रैंक और प्रायॉरिटी के अनुसार सब-रजिस्ट्रार का पद मिला है. भास्कर की बहन पल्लवी भी बिहार लोक सेवा आयोग में चयनित हुई थी, जिनके लिए भास्कर कहते हैं कि उन्होंने परीक्षा के दौरान उनकी बहुत मदद की.


भास्कर का बैकग्राउंड –


भास्कर के पिता नृपेश चन्द्र झा और मां नमिता झा के अलावा परिवार में बहन पल्लवी हैं जिन्होंने भी बीपीएससी को ही कैरियर के रूप में चुना. अगर भास्कर के एजुकेशनल बैकग्राउंड की बात करें तो उन्होंने बीपीएससी परीक्षा देने के पहले काफी पढ़ाई की है. भास्कर ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया, इसके बाद पॉलिटिकल साइंस में एमए किया, इसके बाद एम.फिल और जब उनका चयन बीपीएससी में हुआ, उस समय वे जवाहरलाल यूनिवर्सिटी दिल्ली से पीएचडी अंतिम वर्ष के छात्र थे.


इस प्रकार आप देख सकते हैं कि भास्कर के ऊपर इन परीक्षाओं के साथ ही अपनी रेग्यूलर एकेडमिक्स की भी बहुत जिम्मेदारी थी. एक साक्षात्कार में वे स्वीकार भी करते हैं कि उनकी रेग्यूलर स्टडीज़ की वजह से उन्हें जो समय बीपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिये देना चाहिए था, वे नहीं दे पाए इसलिए शायद उन्हें सफल होने में तीन अटेम्पट लग गए.


प्रिपरेशन टिप्स –


भास्कर परीक्षा की तैयारी के टिप्स देते हुए कहते हैं कि जो सफल होते हैं और जो नहीं होते उनकी तैयारी में ज्यादा फर्क नहीं होता बस कई बार स्ट्रेटजी गलत हो जाती है. कुछ बारीक सी गलतियां रह जाती हैं जो सफलता और असफलता के बीच का गैप खड़ा कर देती हैं. बीपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिये टिप्स देते हुए कहते हैं कि इस परीक्षा और यूपीएससी परीक्षा में बड़ा अंतर यह होता है कि इसमें बिहार केंद्रित तैयारी की जरूरत होती है. कम से कम 20 से 25 प्रश्न ऐसे पूछे जाते हैं जो बिहार के विभिन्न एरियाज़ से संबंधित होते हैं. इसलिए परीक्षा की तैयारी के दौरान इस बात का विशेष ख्याल रखें.


इसके बाद दूसरा जरूरी भाग आता है पॉलिटी का जिसे भास्कर बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं. पॉलिटी और करेंट अफेयर्स के बाद बारी आती है साइंस और मैथ्स की जिनसे कुछ प्रश्न आते हैं. यहां बात अभी प्री परीक्षा की हो रही है. कुल मिलाकर आपको प्री परीक्षा पास करने के लिये बेस मजबूत करने और कांसेप्ट्स क्लियर करने की बहुत जरूरत होती है. इसके लिये एनसीईआरटी की किताबें पढ़ें. भास्कर कहते हैं कि बहुत सारी किताबों की भीड़ लगाने की जरूरत नहीं होती पर जितना भी पढ़ें अच्छे से पढ़ें. इसमें रिवीज़न की भी अहम भूमिका है. अगर पढ़ा हुआ भूल गये तो सारी मेहनत बेकार इसलिये बेहतर होगा रिवीज़न लगातार करते रहें. चुनिंदा किताबें उठायें और अंत तक उन्हीं से स्टिक रहें. करेंट अफेयर्स के लिये जरूर एक से ज्यादा किताबों का इस्तेमाल करें और अखबार भी नियमित रूप से पढ़ें.


अगर सिलेबस के अनुसार पढ़ाई करेंगे और तैयारी के दौरान ध्यान केंद्रित रखेंगे तो सफलता मिलना तय है.



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