Success Story Of BPSC Topper Priyanka Kumari: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के एक छोटे से गांव मधुबन की प्रियंका ने एसडीएम बनकर अपने परिवार का ही नहीं पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया. प्रियंका की सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने यह सफलता बहुत ही लिमिटेड रिर्सोसेस और सुविधाओं के साथ पायी. जिस जगह वे रहती थीं, वहां न कोचिंग की सुविधा थी, न शिक्षक थे और न ही स्टडी मैटीरियल. ऐसे में आमतौर पर डिस्ट्रैक्शन का साधन माने जाने वाले सोशल मीडिया की मदद से उन्होंने इस परीक्षा में सफलता हासिल की. एक मिस्त्री की बेटी ने अभावों और बंदिशों के बीच रहते हुये आखिर कैसे यह सफलता पायी, यह जानने के लिए डालते हैं एक नज़र उनके सफर पर.
प्रियंका का शुरुआती जीवन –
मिट्टी के छोटे से घर में रहने वाली प्रियंका के पिता मिस्त्री हैं और जैसे-तैसे उन्होंने बच्चों को पढ़ाया. प्रियंका की शुरुआती शिक्षा तो प्राइवेट स्कूल में हुयी पर पैसे की तंगी की वजह से उन्होंने बाकी की पढ़ाई सरकारी स्कूल से की. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने घर से ही बहुत सी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी. प्रियंका के घर का माहौल काफी पिछड़ा था जहां लड़कियों को पढ़ाने पर खास जोर नहीं दिया जाता था.
चूंकि प्रियंका पढ़ने में अच्छी थी इसलिए वे किसी तरह यहां तक पहुंच गयी थी. उनके परिवार से वह पहली ग्रेजुएट थी. घर से ही तैयारी करने के दौरान प्रियंका विभिन्न परीक्षाओं के फॉर्म भरती रहती थी ताकि बस कहीं न कहीं नौकरी मिल जाये और शादी के झंझट में न फंसना पड़े. उन्होंने बीपीएससी परीक्षा पास करने का लक्ष्य कभी नहीं बनाया था पर बहुत सी सरकारी नौकरियों के फॉर्म भरते और तैयारी करते उन्होंने बीपीएससी का फॉर्म भी भर दिया. इसी क्रम में साल 2014 में उनका एलडीसी स्टेनोग्राफर पद पर चयन हुआ पर टाइपिंग और शॉर्ट हैंड न आने कारण आगे परीक्षा नहीं दे पायीं. तभी बीपीएससी परीक्षा का रिजल्ट आ गया. 60 से 62वीं बीपीएससी परीक्षा प्रियंका ने 433 रैंक के साथ पास की और उन्हें आरडीओ पद मिला क्योंकि अधिकतर पदों के लिये वे अंडरऐज़ थीं. इसके बाद प्रियंका ने दोबारा फॉर्म भरा और अबकी बार 101 रैंक के साथ जो सपने में भी नहीं सोचा था वो कर दिखाया और एसडीएम बन गयीं.
कैसे की प्रियंका ने तैयारी –
प्रियंका एक लंबे समय से विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी इसलिए उनकी जनरल स्टडीज़ पर अच्छी पकड़ थी, इसमें उन्हें बाद के सालों में बहुत मेहनत नहीं करनी पड़ी. बाकी तैयारियों के अलावा प्रियंका अपनी तैयारी में सोशल मीडिया उसमें भी खासकर फेसबुक और व्हॉट्सअप को काफी महत्व देती हैं. एक साक्षात्कार में प्रियंका ने बताया कि बेसिक तैयारी का मैटीरियल तो उनके पास था जिसे उन्होंने अच्छे से तैयार भी कर लिया था पर अपनी स्किल्स को ब्रशअप करने का काम इन दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की हेल्प से ही हुआ. यहां उन्हें काफी स्टडी मैटीरियल मिला. व्हॉट्सअप पर बीपीएससी का ग्रुप बना जिस पर सीनियर्स और जो परीक्षा पास कर चुके हैं उनसे समय-समय पर गाइडेंस मिलता था.
यहां तक कि ये लोग प्रियंका के लिखे आंसर चेक करके उसकी कमियां भी बताते थे. कुल मिलाकर अपने भाई द्वारा तोहफे में मिले फोन पर सोशल मीडिया के पॉजिटीव आस्पेक्ट का उन्होंने जमकर फायदा उठाया. वे कहती हैं हर चीज़ के दो पहलू होते हैं, यह हम पर है कि हम किसे तवज्जो देते हैं. प्रियंका बाकी उम्मीदवारों को सलाह देती हैं कि परीक्षा में सफल होने के लिए पढ़ाई के साथ ही रिवीज़न पर भी ध्यान दें, अखबार पढ़ें, समाचार सुनते रहें और आंसर लिखकर देखें ताकि खुद की कमियों को समय रहते सुधारा जा सके. अगर आप गांव या किसी कम डेवलेप्ड प्लेस से हैं तो परेशान न हों आज के समय में सूचनाएं बहुत तेजी से पहुंचती हैं. जरूरी नहीं की बड़े शहर में रहकर ही तैयारी की जा सके. इसके अलावा जो परीक्षा दे चुके हैं, उनसे बात करें, उनका अनुभव बहुत काम आता है. अंत में बस इतना ही कि खुद को किसी से कम न समझें अगर आप ईमानदारी से प्रयास करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी.
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