30 लाख की नौकरी छोड़कर बने नायब तहसीलदार, फिर नौकरी के साथ की तैयारी और बन गए IAS
30 लाख के पैकेज की नौकरी छोड़कर पहले बने नायब तहसीलदार फिर डीएमआईएस पास कर बने एसडीएम फिर यूपीएससी की पास. जानिए कैसे रही आईएएस अभिनव सिवाच की सक्सेस स्टोरी...
अभिनव सिवाच, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की, अपनी प्रेरणादायक यात्रा से कई लोगों के लिए मिसाल बन चुके हैं. उन्होंने न केवल डीएमआईएस परीक्षा में 16वीं रैंक हासिल की, बल्कि यूपीएससी में 12वीं रैंक हासिल की थी. डीएमआईएस परीक्षा पास कर वो दिल्ली में एसडीएम के पद पर कार्य किया. इससे पहले, वह हरियाणा में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत थे. यह जानकर चौंकाने वाला है कि यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के लिए उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी से 30 लाख रुपये का आकर्षक पैकेज वाली नौकरी छोड़ दी थी.
30 लाख की नौकरी छोड़ पहले बने नायब तहसीलदार
अभिनव सिवाच ने बताया कि उन्होंने दिल्ली से बीटेक करने के बाद आईआईएम कोलकाता से एमबीए भी किया. इसके बाद प्लेसमेंट से उन्हें एक निजी कंपनी में लगभग तीस लाख के सैलरी पैकेज पर नौकरी भी मिल गई. लेकिन उनका सिविल सर्विस के प्रति उनका मोह कम नहीं हो सका. इसके चलते उन्होंने अच्छी लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़कर एचपीएससी क्लियर किया और नायब तहसीलदार के पद पर तैनाती मिली. इस दौरान वो टोहाना में लगभग छह माह तक नायब तहसीलदार के पद पर रहने के बाद दिल्ली सिविल सर्विस की परीक्षा पास करके दिल्ली में एसडीएम बने. इस दौरान वो साउथ दिल्ली के एसडीएम भी रहे.
एसडीएम की नौकरी के साथ रोजाना सात-आठ घंटे की पढ़ाई
अभिनव सिवाच ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने नौकरी के साथ-साथ आईएएस की तैयारी की है. क्योंकि उनका शुरू से ही सपना आईएएस बनने का था. हालांकि दिल्ली में एसडीएम का पद भी काफी अच्छी पोजिशन है. लेकिन मैने अपने सपने को मरने नहीं दिया. नौकरी के साथ लगभग सात से आठ घंटे की पढ़ाई लगातार की. इसके अलावा सोशल मीडिया से बिल्कुल दूरी बनाए रखी ताकि फोकस ना टूटे. आईएएस बनने के बाद सोसाइटी की सेवा करना ही मुख्य लक्ष्य है. मेरे पास अच्छा पद होगा तो मैं इसका उपयोग आम आदमी की भलाई के लिए इस्तेमाल करूंगा.
परिवार में हैं कई अधिकारी
अभिनव के पिता सतबीर सिवाच एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्रर हैं और उसके चाचा ललित सिवाच आईएएस ऑफिसर हैं. इनका परिवार हिसार में रह रहा है.
सेल्फ स्टडी से क्रैक किया यूपीएससी
आईएएस अभिनव सिवाच की सफलता की कहानी एक प्रेरणा है, जो यह साबित करती है कि सही दिशा, समर्पण और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय सेल्फ-स्टडी को दिया और बताया कि उन्होंने किसी भी कोचिंग का सहारा नहीं लिया. घर पर ही 5 से 6 घंटे की नियमित पढ़ाई से उन्होंने यूपीएससी परीक्षा को पास किया. अभिनव ने अपनी सफलता के बारे में कहा कि उन्हें पूरा विश्वास था कि उनका चयन होगा और जब उनकी ऑल इंडिया 12वीं रैंक आई, तो वह अपने प्रदर्शन से खुश थे.
युवाओं को दी टिप्स
यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं को अपनी यात्रा से टिप्स देते हुए अभिनव ने कहा कि सफलता की कुंजी बेसिक्स को सही से समझने में छिपी होती है. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे मेहनत से पढ़ाई करें और जो कुछ भी पढ़ें उसका अच्छे से रिवीजन करें, ताकि सफलता मिल सके. उनके इस मार्गदर्शन से लाखों छात्र प्रेरित हो सकते हैं, जो अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत कर रहे हैं.
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