स्कूल में आई सेकंड डिवीजन फिर अफसर बनकर इस तरह से आए चर्चा में, पढ़िए ऐसे अधिकारी की कहानी
स्कूल में आए कम नंबर और यूनिवर्सिटी में रहे गोल्ड मेडलिस्ट ऐसे आईएएस की कहानी जो आपको प्रेरित करेगी. पढ़िए ऐसे आईएएस की सक्सेस स्टोरी.
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यूपी बोर्ड से सेकेंड डिविजन पास होने वाले आईएएस अफसर की कहानी, जिनके बारे में दोस्तों और रिश्तेदारों ने कम नंबर आने पर हीन भावना से सोचा था. हम आपके लिए एक खास सीरीज 'सक्सेस मंत्रा' लेकर आए हैं, जिसमें आज हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश सरकार के भरोसेमंद अफसर इंद्र विक्रम सिंह की. उनसे जुड़ी कहानी प्रेरणा देने वाली है, क्योंकि यह अफसर जिनका शुरुआती शैक्षिक जीवन कठिनाइयों से भरा था.
सेकेंड डिवीजन पास होने पर लोगों ने उड़ाया मजाक
इंद्र विक्रम सिंह को पहले उनके दोस्तों और रिश्तेदारों ने यूपी बोर्ड से सेकेंड डिविजन पास करने के बाद हीन भावना से देखा था, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से न केवल अपनी शैक्षिक यात्रा को बदला, बल्कि सिविल सर्विसेज की कठिन परीक्षा को भी पहले प्रयास में पास किया.
यूपी पीसीएस से आईएएस बनने तक का सफर
इंद्र विक्रम सिंह का जन्म 15 जून 1969 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ था. उनका शिक्षा जीवन उतना सहज नहीं था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उन्होंने 1994 में यूपी पीसीएस परीक्षा पास की और यूपी सिविल सर्विसेज जॉइन की. 2010 में उन्हें PCS से IAS में प्रमोशन मिला. उनका करियर कई जिलों में शानदार रहा है, और उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं में एक्सीलेंस दिखाई.
इन्हीं जिलों में कर चुके हैं काम
इंद्र विक्रम सिंह ने कई महत्वपूर्ण जिलों में काम किया है. 2013 से 2017 तक वह आगरा के म्युनिसिपल कमिश्नर रहे, फिर 2017 में वह शामली जिले के जिलाधिकारी बने. 2018 में नोएडा के ACEO (अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी) के रूप में कार्य किया और 2019 में शाहजहांपुर, 2022 में बलिया के जिलाधिकारी के रूप में अपनी सेवा दी. उनका तबादला 2022 में अलीगढ़ हुआ और फिर वह गाजियाबाद के DM रहे हैं.
इंद्र विक्रम सिंह और अलीगढ़ का पुराना नाता
इंद्र विक्रम सिंह का अलीगढ़ से गहरा जुड़ाव रहा है. 2000 में वह अलीगढ़ में कोल, अतरौली और इगलास तहसीलों के SDM रहे थे. 2008 में उन्हें अलीगढ़ में ADM (वित्त और राजस्व) के पद पर नियुक्त किया गया. बाद में उन्हें अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के सचिव का पद मिला. 2010 में उन्हें PCS से IAS में प्रमोशन मिला, जिससे उनका प्रशासनिक करियर और भी मजबूत हुआ.
सार्वजनिक हित में काम करने के लिए मशहूर
इंद्र विक्रम सिंह को उनकी सरलता और जनता के लिए काम करने के लिए जाना जाता है. वह अक्सर सरकारी दफ्तरों में छापेमारी करते हैं और अपनी कार्यशैली के लिए सराहे जाते हैं. कुछ साल पहले उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें वह जमीन पर बैठकर एक दिव्यांग व्यक्ति की परेशानियां सुन रहे थे. उस व्यक्ति के दोनों पैर किसी बीमारी की वजह से काम नहीं कर रहे थे, और उसे इलाज के लिए पैसों की जरूरत थी. इंद्र विक्रम सिंह ने उसे तत्काल 13,000 रुपये का चेक दिया और उसकी मदद की.
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