(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
IAS Success Story: नौ घंटे की नौकरी के साथ काजल ज्वाला ने पास किया यूपीएससी एग्जाम और बन गईं मिसाल
जहां अधिकतर कैंडिडेट्स दिन-रात सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई करने के बावजूद यूपीएससी की परीक्षा नहीं निकाल पाते, वहीं हरियाणा की काजल ने कोचिंग के बिना और नौ घंटे की नौकरी के साथ आईएएस बनने का अपना सपना पूरा किया. आइये जानें क्या रही काजल की स्ट्रेटजी
Success Story Of IAS Kajal Jwala: यूपीएससी परीक्षा पास करने में सही स्ट्रेटजी और प्लांड स्टडी की बहुत जरूरत होती है. पर ये आइडियाज भी तभी काम करते हैं, जब परीक्षा की तैयारी करने वाले इंसान के पास टाइम हो. हरियाणा के शामली की रहने वाली काजल की सफलता और उनके बीच का सबसे बड़ा रोड़ा था समय का अभाव. काजल यूपीएससी परीक्षा पास तो करना चाहती थीं पर कुछ कारणों की वजह से वे इस प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा की तैयारी के लिये नौकरी नहीं छोड़ सकती थीं. उन्होंने ऐसा ही किया और अपनी मेहनत, सही प्लानिंग और एकाग्रता के बल पर बिना कोचिंग के और नौकरी के साथ ही साल 2018 में 28वीं रैंक के साथ यह परीक्षा पास कर ली.
विवाहित जीवन नहीं बनी बाधा काजल ने एक साक्षात्कार में बताया कि आमतौर पर महिलायें शादी को एक प्रकार की रुकावट मानती हैं और शादी के समय ही यह तय कर लेती हैं कि इसके साथ कुछ भी अचीव कर पाना संभव नहीं. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, उन्होंने शादी को कभी बोझ नहीं माना और इसमें उनके पति कि अहम भूमिका रही. उनके पति आशीष मलिक जो कि खुद इंडिया की अमेरिकन एमबेसी में काम करते हैं, उन्होंने हमेशा उनका सहयोग किया. कभी उन्हें घर के या ऐसे गैरजरूरी कामों में नहीं उलझाया जो उनके बिना हो सकते थे. फलस्वरूप काजल को जितना भी समय मिलता था वे सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई करती थीं.
ऐसे निकाला टाइम काजल ने अपने टाइम मैनेजमेंट के बारे में बात करते हुए एक साक्षात्कार में बताया कि उनका घर नोएडा में था और नौकरी गुड़गांव में. ऐसे में काफी समय आने-जाने में लग जाता था. काजल विप्रो कंपनी की अपनी नौकरी भी नहीं छोड़ सकती थी. ऐसे में वह कैब से आते-जाते समय रास्ते में पढ़ाई करती थीं. करीब तीन घंटे का समय उन्हें इसमें मिलता था. इस पीरियड में वे बेसिकली वह विषय चुनती थीं, जिसमें बहुत एकाग्रता नहीं चाहिये. जैसे करेंट अफेयर्स के लिये न्यूज पेपर और मैगजीन पढ़ने का काम वे इस समय करती थीं. घर आने के बाद उनके पास पढ़ने के लिये एक-डेढ़ घंटे से अधिक का समय नहीं बचता था पर इस टाइम पर वे पूरी एकाग्रता से पढ़ती थीं. इसके साथ ही वीकेंड्स पर वे अपना पूरा-पूरा समय पढ़ाई पर खर्च करती थीं.
कैसे की परीक्षा की तैयारी काजल का मानना है कि यूपीएससी का सिलेबस किसी ओशन जैसा है, जिसका कोई अंत नहीं दिखता. पर चूंकि उनके पास समय की कमी थी तो उन्होंने पूरा सिलेबस कवर न करके सेलेक्टेड स्टडी की और उसे बार-बार रिवाइज़ किया. हालांकि सेलेक्टेड स्टडी सिविल सर्विसेज के लिये कारगार नहीं मानी जाती पर उनके पास विकल्प नहीं था. अपनी तैयारी के लिये वे मुख्यता एनसीईआरटी की किताबों पर निर्भर रहीं, इसके अलावा उन्होंने इतिहास के लिए आर.एस शर्मा, भारतीय राजनीति के लिए लक्ष्मीकांत, भूगोल के लिए गोए चेंग लेओंग, मॉडर्न हिस्ट्री विषयों के लिए स्पेक्ट्रम का अध्ययन किया. आईएएस प्रीलिम्स के लिए, उन्होंने करेंट अफेयर्स और जीएस पर ज्यादा फोकस किया. उन्होंने पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण किया और उन विषयों का चयन किया, जिनसे प्रश्न आने की ज्यादा संभावना थी.
पांचवीं बार में मिली सफलता काजल जो असल जीवन में अपने पिता और बाहरी जीवन में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती हैं, ने यह सफलता आसानी से नहीं पायी. इसके लिये उन्होंने कई अटेम्पट्स किये. हालांकि अपने शुरुआती अटेम्पट्स के बारे में काजल कहती हैं कि उस समय उनकी तैयारी का स्तर वह नहीं था जो इस कठिन परीक्षा के लिये आवश्यक है. परीक्षा पास न कर पाने का कारण वह खुद की अधूरी तैयारी को ही मानती हैं. वे मानती हैं कि कमी उनके अंदर थी. पर अपने पति और परिवार के मोटिवेशन से उन्होंने हर बार पुरानी असफलता को भुलाकर नये सिरे से तैयारी की और अंततः 2018 में 28वीं रैंक के साथ सफलता पा ली. इससे पहले के सभी अटेम्पट्स में काजल प्री-परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं थीं. और साल 2018 में उन्होंने इतना अच्छा प्रदर्शन किया कि उनके साक्षात्कार के अंक उस साल टॉप करने वाले कैंडिडेट के अंकों से भी ज्यादा थे.
काजल के इस सफर से हमें सीख मिलती है कि निरंतर और शतत प्रयास के आगे किसी भी प्रकार की समस्या नहीं टिक सकती.
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