यूपीएससी की परीक्षा भारत में आयोजित होने वाली कठिन परीक्षाओं में से एक है, जिसमें हर वर्ष अभ्यर्थी काफी ज्यादा संख्या में भाग लेते है. इस परीक्षा को पास करना उनका सपना होता है जिसके लिए वे मेहनत करते है और तैयारी करते है. इनमें से कुछ अभ्यर्थी अपनी अच्छी खासी नौकरी भी छोड़ देते है और इस परीक्षा की तैयारी में जुट जाते हैं.
इस परीक्षा को पास कर और अभ्यर्थी को मिसाल देने में लड़कियों का भी काफी बड़ा हाथ है. ऐसी ही एक कहानी है एक महिला अफसर की है जिन्होंने खुद को 6 महीने के लिए खुद को कमरे में बंद कर लिया था. यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी में वे इतनी व्यस्त हो गई की अपने माता पिता से भी बात नहीं कर पाती थीं. लेकिन इस परीक्षा के परिणाम (Result) के साथ उनकी मेहनत का परिणाम भी आ गया. हम बात कर रहे हरियाणा के गुरुग्राम की निधि सिवाच (Nidhi Siwach) की जिन्होंने 10 वीं और 12 वीं के बाद मेकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering) में दाखिला लिया और अच्छे नंबरों के साथ मेकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की.
डिग्री मिलने के बाद मेकेनिकल इंजीनियर निधि सिवाच की हैदराबाद में नौकरी भी लग गई. नौकरी के सिलसिले में निधि हैदराबाद (Hyderabad) भी चली गई. दो साल नौकरी करने के बाद निधि ने महसूस किया की वह नौकरी नहीं प्रशासनिक सेवा करना चाहती है, इसी कारण उन्होंने अपनी नौकरी को इस्तीफा दे दिया और अपनी सेटल नौकरी को छोड़ यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया. हालांकि ये सब निधि के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था तैयारी करने के बाद निधि ने दो बार यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) दी मगर सफल नही हो पाई साथ ही नौकरी ना होने का प्रेशर उन पर पड़ने लगा.
रंग लाई मेहनत
इसी बीच निधि के माता पिता ने उनके सामने एक शर्त रख दी की अगर वे इस बार परीक्षा में पास नहीं हो पाई तो उनकी शादी करा दी जाएगी. अपने माता पिता की शर्त मानते हुए उन्होंने निश्चय कर लिया की एक आखिरी बार वो खुद को मौका देंगी. इसी के साथ उन्होंने खुद को 6 महीने (Six Months) के लिए कमरे मैं बंद कर लिया. उन्होंने पूरे फोकस के साथ तैयारी करने का निश्चय कर लिया और आलम ये था कि उन्होंने निकालना अपने माता पिता से बात करना बिल्कुल बंद कर दिया और सिर्फ और सिर्फ अपनी पढ़ाई और यूपीएससी की परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की. बिना किसी कोचिंग के निधि ने वह 6 महीने खुद तैयारी की और तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी. इस बार निधि ने 83 रैंक हासिल की और अपनी मेहनत को सफलता में बदल कर अपना आईएएस बनने का सपना सच किया.
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