हर साल यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयारी लाखों छात्र करते हैं. इस परीक्षा की तैयारी के लिए वे काफी सालों तक मेहनत भी करते हैं. यहां हम बात करेंगे हरियाणा राज्य के नसरुल्लागढ़ की रहने वाली वंदना सिंह चौहान की जिन्होंने परिवार के खिलाफ जाकर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की और पूरे देश भर में 8वीं रैंक हासिल की.
वंदना की पढ़ाई को लेकर परिवार के कई लोगों विरोध किया करते थे और लेकिन इसके बावजूद वंदना के पिता ने बेटी की जिद्द मान ली और उन्होंने वंदना को आईएएस की पढ़ाई के लिए उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के पास लड़कियों के एक गुरुकुल में भेज दिया. वंदना के पिता बताते है की उन्होंने बेटी की पढ़ाई के लिए पूरे परिवार का गुस्सा झेला और साथ ही सबकी नजरों में बुरे भी बनें, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपना फैसले को नहीं बदला.
वंदना ने 12वीं तक की पढ़ाई गुरुकुल में रहकर ही की है और इसके बाद वंदना ने लॉ की पढ़ाई घर पर रहकर ही जारी रखी, लेकिन कभी कॉलेज नहीं गई. वंदना ने लॉ की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. वंदना बताती हैं कि गुरुकुल में सीखा हुआ अनुशासन उनके लिए यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने के लिए फायदेमंद रहा और यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने के लिए वंदना ने कोई कोचिंग ज्वाइन नहीं की और ना ही किसी ने उनकी मदद की. वंदना ने घर पर रहकर ही यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की. वंदना ने यूपीएससी की परीक्षा के लिए मेहनत की और पहले प्रयास में ही वंदना ने 2012 में ऑल इंडिया में 8वीं रैंक प्राप्त कर अपना आईएएस अफसर बनने का सपना पूरा किया.
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