IAS Success Story: इंजीनियर से IAS ऑफिसर तक, कैसे तय किया अभिजीत ने यह सफर, जानें यहां
अभिजीत सिन्हा ने साल 2017 में 19वीं रैंक के साथ अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की थी. जानते हैं इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के अभिजीत ने कैसे किया अपना सपना साकार.
Success Story Of IAS Topper Abhijeet Sinha: अभिजीत सिन्हा ने साल 2017 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा न केवल पास की थी बल्कि 19वीं रैंक के साथ टॉपर्स लिस्ट में भी शामिल हुए. अभीजीत ने आईआईटी कानपुर से बीटेक किया है. इसके पहले के प्रयास में भी अभिजीत इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे थे पर यहां तक पहुंचकर भी उनका फाइनल सेलेक्शन नहीं हुआ था. यह दौर अभिजीत के लिए काफी निराशा भरा था पर परिवार के सहयोग से वे फिर उठ खड़े हुए और अपनी कमियों को दूर करते हुए उन्होंने दोगुनी मेहनत से दूसरा अटेम्पट दिया और चयनित भी हुए. अभिजीत यूपीएससी के इस सफर के लिए तीन एलिमेंट्स को सबसे अधिक जरूरी मानते हैं और वे तीन एलिमेंट्स हैं डेडिकेशन, डिस्प्लिन और डेटेरमिनेशन. इन तीनों के कांबिनेशन से सफलता पायी जा सकती है. इसके अलावा भी अभिजीत अपनी स्ट्रेटजी शेयर करते हुये कहते हैं कि हर कैंडिडेट अलग होता है पर कुछ बातें हर किसी पर लागू होती हैं. आप भी अपनी स्ट्रेटजी अपने हिसाब से बनाएं लेकिन कुछ मूल बातों का ध्यान रखें.
सबसे अहम तीन सलाह –
अभिजीत कहते हैं यूपीएससी की तैयारी शुरू करने से पहले उनके हिसाब से तीन बातों का ध्यान रखना सबसे अधिक जरूरी है. पहला है राइट मोटिवेशन यानी इस परीक्षा को देने के पीछे आपका मकसद क्या है. मकसद कुछ भी हो बस वह इतना सॉलिड होना चाहिए कि आपको साल दर साल मोटिवेट करने की क्षमता रखता हो. चूंकि इस परीक्षा में सफलता आसानी से नहीं पायी जा सकती साथ ही यह प्रक्रिया भी बहुत लंबी है इसलिए सही मोटिवेशन का होना बहुत जरूरी है. दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु है न्यूज पेपर पढ़ना और सही तरीके से पढ़ना. अभिजीत कहते हैं यह एक ऐसी हैबिट है जो आपको बाकी परीक्षाओं में भी बहुत मदद करेगी साथ ही यूपीएससी में तो इसका खास रोल है. स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट, पॉलिटिक्स के स्कैंडल छोड़कर बाकी हिस्से जिसमें देश के डेवलेपमेंट आदि से जुड़े मुद्दे हों, वे जरूर पढ़ें. तीसरा अहम बिंदु अभिजीत मानते हैं एग्जाम की तैयारी शुरू करने से पहले एग्जाम के नेचर को समझना. आखिर इस परीक्षा में क्या देखने की कोशिश की जाती है, ज्ञान के अलावा यहां किस-किसी चीज की परख की जाती है, परीक्षा पैटर्न क्या है आदि समझने के बाद ही तैयारी के लिए आगे बढ़ें. इसी क्रम में ऑप्शनल भी सोच-समझकर चुनें.
एनसीईआरटी से करें बेस मजबूत –
अभिजीत कहते हैं यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए एनसीईआरटी किताबों की बहुत अहम भूमिका है. इनसे अपना बेस मजबूत करें और खासतौर पर क्लास 8 से 12 तक की किताबें एक नॉवेल की तरह पढ़ डालें विशेषकर ज्योग्राफी, हिस्ट्री और इकोनॉमिक्स की बुक्स. अगले चरण में अभिजीत सलाह देते हैं कि गिनी-चुनी किताबें सेलेक्ट करें जो स्टैंडर्ड बुक्स यूपीएससी की तैयारी के लिए अच्छी मानी जाती हैं और इनसे ही बार-बार पढ़ें. पहली रीडिंग इनकी भी केवल समझने के लिहाज से नॉवेल की तरह करें, दूसरी रीडिंग में नोट्स बनाएं. नोट्स बनाते समय सिलेबस जरूर चेक कर लें और उसके अनुसार ही विषयवार नोट्स बनाते चलें ताकि अंत तक पहुंचते-पहुंचते कुछ भूलें न. अभिजीत डिजिटल नोट्स बनाने की सलाह देते हैं. इससे अपने टॉपिक्स को तलाशना आसान हो जाता है. साथ ही बीच में कुछ घटाना या बढ़ाना है तो वो भी डिजिटल नोट्स में आसानी से किया जा सकता है.
आंसर राइटिंग और टेस्ट सीरीज़ पर दें ध्यान –
अभिजीत अंत में आंसर राइटिंग और टेस्ट सीरीज़ पर फोकस करने के लिए कहते हैं. वे कहते हैं मेन्स के पेपर के लिए जितना लिख-लिखकर प्रैक्टिस करेंगे उतना अच्छा रहेगा. केवल आंसर पता होना ही काफी नहीं होता बल्कि उसे कैसे प्रभावशाली तरीके से लिखा जाए यह भी पता होना चाहिए. इसके साथ ही प्री और मेन्स दोनों के लिए खूब मॉक टेस्ट दें. मॉक टेस्ट से आप समय-सीमा के अंदर पेपर खत्म करना और अपनी गलतियों को सुधारना सीख पाते हैं. बाकी कैंडिडेट्स को अभिजीत यही सलाह देते हैं कि इस पूरे सफर में मेहनत के साथ ही धैर्य भी रखना जरूरी है क्योंकि यहां सफलता इतनी आसानी से नहीं मिलती. लेकिन जो हिम्मत नहीं हारते वे एक न एक दिन मंजिल तक अवश्य पहुंचते हैं.
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