Success Story Of IAS Topper Abhinav Saxena: अभिनव सक्सेना यूपीएससी के क्षेत्र में आने के पहले इंजीनियरिंग की डिग्री ले चुके हैं और एमबीए भी कर चुके हैं. अपने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल करने वाले अभिनव ने इस क्षेत्र में आने के बाद बहुत से उतार-चढ़ाव देखे लेकिन हिम्मत नहीं हारी. साल 2016 के पहले प्रयास में वे सफल नहीं हुए लेकिन अगले ही साल उन्होंने परीक्षा के तीनों चरण पार करके सफलता हासिल की. अभिनव ने दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में मुख्यतः इस विषय पर बात की कि प्री परीक्षा के पहले रिवीजन की क्या स्ट्रेटजी बनानी चाहिए, जानते हैं विस्तार से.


40, 30 और 20 दिन का बनाएं टारगेट –


अभिनव प्री परीक्षा की तैयारी के शुरुआत के संबंध में कहते हैं कि जब परीक्षा के तीन महीने यानी 90 दिन बचें तो उन्हें चालीस, तीस और बीस दिनों में बांट लें. पहले सेट का रिवाजन आपको चालीस दिनों में करना है, फिर उन्हें किताबों को, उन्हीं विषयों को आपको तीस दिन में दोहराना है और अंत में कोशिश करें की बीस दिनों में यह रिवीजन हो जाए. अंतिम रिवीजन सबसे कठिन पड़ता है और कई बार पूरा हो भी नहीं पाता लेकिन कोशिश करें कि जितना हो सके रिवाइज कर लें. वैसे भी जब आप उन्हीं विषयों को कई बार पढ़ चुके होंग तो रिवीजन में तुलनात्मक कम समय लगता है. जैसा कि हम जानते ही हैं कि रिवीजन इज द की टू सक्सेस इसलिए प्री परीक्षा के लिए जितना हो सके रिवीजन करें.


रिवाइज थ्राइस –


दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में अभिनव सक्सेना ने विस्तार से बात की –



रिवाइज थ्राइस यानी तीन बार रिवाइज करने के बाद अगले जरूरी स्टेप पर आएं और वह है चुनिंदा और जरूरी विषयों पर अतिरिक्त ध्यान. अभिनव कहते हैं कि यह सच है कि यूपीएससी में जरूरी विषयों जैसा कुछ नहीं होता और सभी कुछ इंपॉर्टेंट माना जाता है लेकिन जब आप प्रिवियस ईयर पेपर्स देखते रहेंगे तो आपको कुछ विषयों के लिए अंदाजा हो जाएगा जिनसे ज्यादा प्रश्न बनते हैं. ऐसे विषयों के बारे में आप अपने अनुभव से पता लगा सकते हैं. इन पर अतिरिक्त ध्यान दें.


मॉक टेस्ट के नंबर नहीं एनालिसेस है जरूरी –


अगला जरूरी बिंदु है मॉक टेस्ट देना. यह भी सफलता हासिल करने में जरूरी भूमिका निभाते हैं. हालांकि अभिनव इस समय एक जरूरी बात और कहते हैं कि नंबर ऑफ मॉक जितने जरूरी नहीं हैं उससे कहीं ज्यादा जरूरी है उन मॉक्स का एनालिसेस. वे कहते हैं कि बजाय 50-60 मॉक देने के अगर आप 30-35 मॉक भी देते हैं लेकिन उन्हें एनालाइज करते हैं तो यह ज्यादा बेहतर तरीका है. देखें आप कहां गलती कर रहे हैं और सही उत्तरों को कई बार रिवाइज करें ताकि दोबारा वह गलती न हो.


अपनी जरूरत के मुताबिक लें फैसला –


अंत में अभिनव यह कहते हैं कि किसी की भी स्ट्रेटजी कितनी भी फूल प्रूफ हो लेकिन दूसरे के लिए काम करे यह जरूरी नहीं. इसलिए आप ज्ञान हर जगह से लें पर आपको कितना ज्ञान अपने ऊपर लागू करना है यह देख लें. वे कहते हैं कि अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस के अनुसार निर्णय लें. आपको जिस विषय में ज्यादा मेहनत की जरूरत हो उसमें ज्यादा मेहनत करें और इसी प्रकार जिसमें कम से काम चल जाए वहां उतनी ही करें.


ये याद रखें कि प्री परीक्षा से आपके यूपीएससी सफर की शुरुआत होती है और अभी आपको बहुत लंबा जाना है, इसलिए परेशानियां आएं या हार मिले, किसी भी दिशा में आपको हिम्मत नहीं हारनी है. निरंतर कड़ी मेहनत के साथ सही दिशा में आगे बढ़ें एक दिन जरूर सफल होंगे.


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