Success Story Of IAS Topper Abhishek Tiwari: वे सभी कैंडिडेट्स जो यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास करते हैं या पास नहीं कर पाते हैं उन सभी की एक कहानी होती है जो उनके इस सफर के उतार-चढ़ाव बयां करती है. लेकिन हमारे आज के टॉपर अभिषेक का किस्सा कुछ ज्यादा ही अलग है. ज्यादातर कैंडिडेट्स जहां तीन-चार या अधिकतम 6 साल इस परीक्षा की तैयारी में खर्च करते हैं, वहीं अभिषेक ने अपने जीवन का एक दशक यानी करीब दस साल इस परीक्षा के लिए दिए हैं. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में अभिषेक कहते हैं कि यूं तो मैंने अटेम्प्ट्स देना बहुत पहले नहीं शुरू किया लेकिन लगभग ग्रेजुएशन के बाद से ही मेरी तैयारी इस दिशा में मुड़ गई थी. अभिषेक ने अपने जीवन का एक लंबा हिस्सा यूपीएससी और दूसरी परीक्षाओं को पास करने में खर्च किया है.


बंगलुरू में हुई स्कूलिंग –


अभिषेक की स्कूलिंग बंगलुरू के मिलिट्री स्कूल से हुई और तभी से उनके दिमाग में डिफेंस में कैरियर बनाने की इच्छा ने भी जन्म लिया. बारहवीं के बाद ग्रेजुएशन के साथ ही अभिषेक ने एनडीए, एनए और ऐसी ही विभिन्न परीक्षाएं दीं लेकिन किसी न किसी स्टेज पर आकर अटक गए और सेलेक्शन नहीं हुआ. इसी समय से वे यूपीएससी के बारे में भी विचार करने लगे और उन्होंने तय किया की ये परीक्षा तो निकालकर ही रहेंगे. अभिषेक बताते हैं कि प्रयास देर से शुरू हुए पर अपने दिमाग को वे 2011 से ही इस बाबत तैयार करने लगे थे और बेसिक तैयारियां भी आरंभ कर दी थी. उन्होंने प्री परीक्षा पास करने के कुछ खास टिप्स दिए.



एक विषय की बस एक किताब –


सबसे पहले अपने लिए सिलेबस के हिसाब से किताबें चुनें. यहां इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी विषय की बहुत किताबें न रखें वरना आप कभी कोर्स खत्म नहीं कर पाएंगे. उनके हिसाब से बेहतर तरीका यह होता है कि एक विषय की एक ही किताब सेलेक्ट करें और उसे तमाम बार पढ़ें. इतनी बार की उसमें लिखी हर बात आपको रट जाए. अभिषेक कहते हैं कि सिलेबस के अनुसार किताबें चुनने में समय लग सकता है पर बहुत रिसोर्स न इकट्ठे करें.


12 महीने की 12 मैगजीन –


स्टैंडर्ड बुक्स चुनने के बाद दूसरे जरूर बिंदु पर आएं और वह है करेंट अफेयर्स के लिए मंथली मैगजीन पढ़ना. वन सब्जेक्ट वन बुक के बाद 12 महीने की 12 मैगजीन जरूर पढ़ें. इसके अलावा न्यूज पेपर भी पढ़ते रहें. यह एक ऐसा काम है जो आपको कभी बंद नहीं करना है.


अगला जरूरी प्वॉइंट अभिषेक के अनुसार है नोट्स बनाना. वे कहते हैं कि हो सके तो हर विषय के नोट्स बनाएं यहां तक कि न्यूज पेपर के भी. इससे अंत में रिवाइज करना आसान हो जाता है और जब आप किसी चीज को पढ़ने के बाद लिखते हैं तो वह और पक्की हो जाती है.


रिवाइज, रिवाइज और रिवाइज –


प्री परीक्षा में सफल होने के लिए अभिषेक के अनुसार एक ही फंडा काम करता है और वह है रिवीजन. वे कहते हैं कि कोर्स खत्म करने के बाद जितनी बार हो सके रिवाइज करें. इससे आपकी पढ़ी हुई चीजें पक्की हो जाएंगी.


जब रिवीजन एक स्तर पर पहुंच जाए तो मॉक टेस्ट दें. टेस्ट सीरीज इस पेपर में सफल होने के लिए बहुत जरूरी हैं. इनसे एक तो आपका अभ्यास होता है साथ ही आप समय से पेपर करना भी सीखते हैं. पेपर में जो गलतियां हो रही हों उन्हें समय रहते दूर करें.


परीक्षा के माहौल में पेपर देना है जरूरी –


अभिषेक अंत में यही कहते हैं कि प्री परीक्षा में सफल होने के लिए जब आप टेस्ट सीरीज दें तो बिलकुल परीक्षा वाले माहौल में दें. इसे पूरी गंभीरता से लें और बिलकुल परीक्षा वाला माहौल घर में क्रिएट करें. इससे आपका माइंड मुख्य परीक्षा वाले दिन का प्रेशर लेने के लिए तैयार होता है. वे कहते हैं कि नौ से बारह का एलार्म सेट करें और पेपर हल करना शुरू करें. इस टाइम में समय के अंदर पेपर खत्म करना, ओएमआर शीट भरना आदि सब करें. अभिषेक ओएमआर भरने पर भी खासा फोकस करते हैं. वे कहते हैं कि यह सुनने में छोटा लगता है पर कई बार कैंडिडेट इसमें सिली मिस्टेक करके नंबर खो देते हैं. और इस परीक्षा में लोग .33 मार्क्स से भी फेल होते हैं. इसलिए इसका भी अभ्यास करें. इन छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखकर आप बड़ी सफलता पा सकते हैं.


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