Success Story Of IAS Topper Abhishek Verma: हिमाचल प्रदेश के मंडी के रहने वाले अभिषेक वर्मा ने दूसरे प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 32वीं रैंक हासिल की है. इसके पहले अभिषेक आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएशन भी कर चुके हैं. ग्रेजुएशन के अंतिम सेमेस्टर में ही उन्हें यूपीएससी का ख्याल आया और तभी से उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. हालांकि साल 2016 के पहले प्रयास में उनका सेलेक्शन नहीं हुआ पर दूसरे प्रयास में साल 2017 में न केवल उन्होंने यह परीक्षा पास की बल्कि 32वीं रैंक के साथ टॉप भी किया. इसी के साथ अभिषेक का आईएएस बनने का सपना भी पूरा हुआ. यहां एक बात और काबिलेतारीफ है कि अभिषेक की बहन अंकिता भी सिविल सर्वेंट हैं और इस परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने अपने भाई की खूब मदद की.
यहां देखें अभिषेक वर्मा द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया इंटरव्यू
कोचिंग को नहीं मानते जरूरी –
दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में अभिषेक कहते हैं कि अक्सर कैंडिडेट्स उनसे पूछते हैं कि इस परीक्षा को पास करने में कोचिंग का क्या रोल है. वे कोचिंग को अधिक महत्व नहीं देते. उनके अनुसार परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत सारा मैटीरियल ऑनलाइन है, जहां से इसे उठाया जा सकता है. साथ ही इस परीक्षा को पास करने के लिए सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी है. कोचिंग में बहुत समय बर्बाद हो जाता है. हालांकि फिर भी अगर आपको कोचिंग ज्वॉइन करना उचित लगता है तो ये आपका अपना डिसीजन है पर अभिषेक इसे जरूरी नहीं मानते. वे कहते हैं कोचिंग से एक प्रकार का गाइडेंस मिलता है जो आप कहीं और से भी कम समय और पैसे में पा सकते हैं.
सफलता के तीन मंत्र –
अभिषेक के अनुसार यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले कैंडिडेट को तीन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए. पहली तो ये कि यूपीएससी की वेबसाइट पर जाकर सिलेबस देखें और उसके अनुसार ही स्ट्रेटजी बनाएं. दूसरा स्टेप है पिछले साल के क्वैश्चन पेपर देखना. अभिषेक कहते हैं कि पिछले साल के प्रश्न पत्र देखने से आपको पता चलता है कि कैसे सिलेबस को प्रश्नों में कनवर्ट किया जाता है और किस प्रकार के क्वेश्चन किसी विषय से बनते हैं. तीसरा अहम बिंदु सिलेबस जानने और पिछले साल के प्रश्न पत्र देखने के बाद आता है बुक लिस्ट तैयार करना. इस बारे में अभिषेक कहते हैं कि किताबों का चुनाव बहुत सोच-समझकर करना चाहिए क्योंकि इतनी सारी किताबें उपलब्ध हैं कि आप कंफ्यूज हो जाएंगे. इसलिए प्लान करके कम से कम किताबें इकट्ठी करें जिनको बार-बार पढ़ सकें.
मोटिवेशन हो क्लियर –
अभिषेक कहते हैं कि इस क्षेत्र में आने का मोटिव जब साफ होता है तो कैंडिडेट रास्ते में आने वाली मुश्किलों से घबराता नहीं है और कैसे भी उन्हें पार करता है. इसलिए अभिषेक मानते हैं कि इस क्षेत्र में आने के पीछे आपका मोटिवेशन तगड़ा होना चाहिए.
अभिषेक का ऑप्शनल मैथ्स था जिसके लिए वे सजेस्ट करते हैं कि ऑप्शनल वही चुनें जिसमें आपको रुचि हो, दूसरा जो आपके ग्रेजुएशन का विषय रहा हो. हालांकि दूसरा प्वॉइंट फिर आपकी इच्छा पर निर्भर करता है. पर ग्रेजुएशन में अगर आपके पास वह विषय रहा होता है तो पढ़ाई में आसानी रहती है. जहां तक बात मैथ्स की है तो उसमें खूब प्रैक्टिस चाहिए होती है, इसलिए जितना संभव हो अभ्यास करें. किसी भी विषय में कुछ समझ न आए तो इंटरनेट की सहायता लें. यहां आपको सारा मैटीरियल आसानी से उपलब्ध हो जाएगा. वीडियोज देखकर आप बकायदा पूरे-पूरे विषय समझ सकते हैं.
अभिषेक की सलाह –
अभिषेक दूसरे कैंडिडेट्स को यही सलाह देते हैं कि एक बार सिलेबस खत्म हो जाए तो खूब अभ्यास करें और टेस्ट पेपर सॉल्व करें. ये टेस्ट पेपर बिलकुल परीक्षा जैसे माहौल में हल करें और समय के अंदर पेपर खत्म करने की कोशिश करें. अगर कुछ छूटता है तो छूटने दें और धीरे-धीरे अपनी कमियों को सुधारें. अभिषेक ने पहले केवल प्री की तैयारी की थी और उसका सिलेबस खत्म होने के बाद दूसरा हिस्सा छुआ था. हालांकि यह किसी भी इंडिविजुअल की अपनी च्वॉइस है कि वह कैसे तैयारी करना चाहता है पर पूरी तैयारी के लिए समय बांट लेना ठीक रहता है. टेस्ट पेपर देने के साथ ही आंसर राइटिंग भी जरूरी है. अपने उत्तरों को जितना हो सके इंप्रूव करें और देखें कि कैसे उत्तर लिखने पर अच्छे अंक मिलते हैं. इसके लिए टॉपर्स की कॉपी देख सकते हैं.
यह याद रखें कि कड़ी मेहनत का कोई ऑप्शन नहीं होता. खूब मेहनत करें, सही दिशा में स्ट्रेटजी बनाकर तैयारी करें और निरंतरता बनाए रखें. इन छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखकर आप सफलता पा सकते हैं.
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