Success Story Of IAS Topper Akash Bansal: जब हम यूपीएससी टॉपर्स की बात करते हैं तो हमारे सामने कई तरह के कैंडिडेट्स आते हैं. यह सफर आसान किसी के लिए नहीं होता है, लेकिन जहां कुछ कैंडिडेट सालों गुजर जाने के बाद भी पीडीएफ में अपना नाम देखने को तरस जाते हैं. वहीं कुछ कैंडिडेट आकाश जैसे भी होते हैं, जो एक नहीं पूरे तीन बार यूपीएससी सीएसई एग्जाम क्रैक करते हैं.


यही नहीं पहले अटेम्प्ट से सफल होने वाले आकाश ने तीन साल में तीन प्रयास किए और वह तीनों में सफल रहे और तो और उनकी रैंक भी हर बार पहले से बेहतर होती गई. हालांकि आकाश के दिमाग में हमेशा से आईएएस पद था, इसलिए उन्होंने तब तक कोशिश बंद नहीं की, जब तक आईएएस नहीं बन गए. कैसे आकाश ने बार-बार एग्जाम क्रैक किया, यह बताया उन्होंने दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में. जानें उनकी पूरी कहानी.


 ऐसा था आकाश का यूपीएससी सफर –


आकाश ने साल 2016 से यूपीएससी सीएसई परीक्षा देनी शुरू कर दी थी. इस साल उनका पहला प्रयास था और पहली ही बार में आकाश ने परीक्षा की तीनों स्टेजेस पार कर लीं. नतीजा यह हुआ कि साल 2016 में आकाश का 165वीं रैंक के साथ सेलेक्शन हुआ. रैंक के अनुसार उन्हें इंडियन रेवेन्यू सर्विस एलॉट हुई. हालांकि आकाश इस सेवा से खुश नहीं थे पर कैलकुलेटेड रिस्क लेने के चक्कर में उन्होंने यहां ज्वॉइन कर लिया और तैयारी जारी रखी. यूपीएससी जैसा एग्जाम जहां कुछ भी सर्टेन नहीं होता, वहां आकाश बार-बार एग्जाम देने का रिस्क ले रहे थे.


योजना के मुताबिक साल 2017 में उन्होंने फिर परीक्षा दी और इस साल रैंक आयी 130. इस रैंक के तहत आकाश को मिली इंडियन फॉरेन सर्विसेस पर उन्होंने यह पद स्वीकार नहीं किया. यह दूसरा बड़ा रिस्क था जो आकाश ने लिया. इरादे के पक्के आकाश ने साल 2018 में तीसरी बार परीक्षा दी और अंततः उनकी सालों की मेहनत का परिणाम उन्हें मिला जब वे 76वीं रैंक के साथ चयनित हुए और अपने मनपसंद पद आईएएस के लिए चुने गए. इस प्रकार बार-बार परीक्षा देने का आकाश का सिलसिला तीसरे प्रयास के बाद मंजिल पर पहुंचा.


 


यहां देखें आकाश बंसल द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू - 




 


सफलता के लिए सबसे अहम है आंसर राइटिंग -


आकाश अपनी सफलता का मूलमंत्र शेयर करते हुए कहते हैं कि आपकी सफलता का एक बड़ा हिस्सा आंसर राइटिंग पर निर्भर करता है. आप जैसा उत्तर लिखेंगे, वैसे अंक पाएंगे. आप में और दूसरे कैंडिडेट्स में यही अंतर होता है कि पढ़ते आप भी हैं, पढ़ते वो भी हैं लेकिन उस पढ़े हुए को शब्दों में जो ढ़ंग से ढ़ाल पाता है, वही विजेता बनता है.


आकाश दूसरी अहम बात कहते हैं कि आंसर राइटिंग जहां सफलता का मूल है, वहीं सही तरीके से उत्तर लिखना सीखना, कठिन भी नहीं. ऐसा नहीं है कि इस कला पर कमांड पाने के लिए आपको कुछ अलग करना होगा, यह केवल अभ्यास से सीखा जा सकता है. अभ्यास के लिए टेस्ट सीरीज के अलावा, यूपीएससी के पिछले साल के पेपर भी देखें. इनसे बहुत लाभ मिलता है. साथ ही टॉपर्स की कॉपी भी देख सकते हैं.


अंत में आकाश की राय है कि जहां तक संभव हो आंसर्स प्वॉइंट में लिखें और इधर-उधर की बात न करके सीधे मुद्दे की बात करें. अपने आंसर्स को प्रभावशाली बनाने के लिए उनमें डायग्राम्स, फ्लोचार्ट्स, टेबल्स, फैक्ट्स, डेटा, एग्जाम्पल्स, रिपोर्ट्स, फिगर्स आदि डालें और समय के अंदर पेपर खत्म करें. पेपर पूरा हल करें क्योंकि कई बार कैंडिडेट्स पेपर छोड़ आते हैं. समय के अंदर पेपर पूरा करना भी अभ्यास से ही आएगा. इन कुछ छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखकर आप भी सफल हो सकते हैं.


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