Success Story Of IAS Topper Alok Kumar: आलोक कुमार ने साल 2018 में अपने दूसरे अटेम्प्ट में यूपीएसी सीएसई परीक्षा में टॉप किया था. परीक्षा को लेकर बहुत ही सिंपल सोच रखने वाले आलोक की स्ट्रेटजी भी बहुत ही सिंपल है. उन्होंने यह सफलता कम किताबों से बार-बार रिवीजन करके हासिल की. वे दूसरे कैंडिडेट्स को भी यही सलाह देते हैं कि अपनी स्ट्रेटजी साधारण ही रखें और इसे बनाते वक्त किसी की कॉपी न करें. अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस के अनुसार ही अपने लिए योजना बनाएं. किसी और की योजना आपके काम नहीं आएगी. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में आलोक ने परीक्षा की तैयारी के विषय में खुलकर बात की.
सिलेबस पर दें ध्यान –
आलोक कहते हैं परीक्षा की तैयारी के लिए सबसे अहम है सिलेबस. सबसे पहले सिलेबस ठीक से देख लें और फिर उसी अनुसार किताबें इकट्ठी करें. किताबों के चयन में भी इस बात का ध्यान रखें कि बहुत मैटीरियल इकट्ठा कर लेंगे तो कभी कोर्स खत्म नहीं होगा. इसलिए सीमित किताबें रखें लेकिन उन्हें बार-बार पढ़ें.
इसके बाद अगला जरूरी स्टेप है टेस्ट देना. आलोक कहते हैं जब तक आप यह नहीं जान पाएंगे कि आपके उत्तर सही हैं या नहीं या जो आपने पढ़ा है, उसे शब्दों में कितना अच्छे से कह पा रहे हैं, तब तक तैयारी का कोई फायदा नहीं. यहां फिर वही बात लागू होती है कि पढ़ते तो सब हैं लेकिन जो अपने पढ़े हुए को ढ़ंग से शब्दों में उकेर पाता है, वही सफलता पाता है.
अगला अहम सवाल जो अक्सर कैंडिडेट्स के मन में आता है, वह है कोचिंग को लेकर. इस बारे में आलोक की सलाह यह है कि कोचिंग ज्वॉइन करना या न करना किसी भी कैंडिडेट का पर्सनल डिसीजन है. अगर आपको जरूरत महसूस होती है तो बेशक कोचिंग लें और अगर किन्हीं कारणों से इस काम के लिए दिल्ली नहीं जा पा रहे तो भी परेशान न हों. आजकल इंटरनेट पर लगभग सबकुछ उपलब्ध है, वहां से नोट्स आदि ले सकते हैं. आलोक ने खुद पहले अटेम्प्ट में कोचिंग ली थी पर उसके बाद दूसरे प्रयास में सेल्फ स्टडी को ही चुना और सफल भी हुए.
यहां देखें आलोक कुमार द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू -
बिलकुल परीक्षा वाला माहौल क्रिएट करें –
आलोक अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि एग्जाम की तैयारी के दौरान जब टेस्ट दें तो बिलकुल परीक्षा वाले माहौल में दें. इसे ऐसे न लें कि घर में एग्जाम दे रहे हैं तो उसी हिसाब से चीजों को हल्का कर दें. टाइमर लगाकर बैठें और समय पूरा होते ही पेपर बंद कर दें. जब इस स्ट्रिक्नेस के साथ तैयारी करेंगे तभी लाभ मिलेगा.
टेस्ट पूरा होने के बाद उसे चेक करें और जो उत्तर नहीं आते थे, उन्हें फिर से तैयार करें. जब आखिर में रिवीजन करें तो पूरा रिवीजन भले न कर पाएं पर वे प्रश्न जिन्हें आप हल नहीं कर पाए थे इन्हें जरूर रिवाइज कर लें.
अगला जरूरी बिंदु आलोक मानते हैं आंसर राइटिंग को. परीक्षा के पहले खूब आंसर लिख-लिखकर देखें. इससे आपका अभ्यास तो होता ही है साथ ही आपको अपनी कमियां भी पता चलती हैं. इन्हें समय रहते दूर करें.
जो संसाधन या सुविधाएं आपके पास हैं, उन्हीं का इस्तेमाल करके तैयारी करें. कभी यह न सोचें कि यह होता तो और अच्छा होता. इसी प्रकार किसी और से खुद की तुलना भी न करें. हर किसी की क्षमताएं अलग होती हैं, ऐसे में आपको सफलता पाने में समय लग रहा हो तो परेशान न हों. सही दिशा में कोशिश करते रहें, मंजिल जरूर मिलेगी.
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