Success Story Of IAS Topper Amit Shinde: अमित शिंदे ने साल 2017 में यूपीएससी सिविल सर्विसेस परीक्षा में सफलता हासिल की. इसी साल वे इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेस के लिए भी चयनित हुए. अमित के इन प्रयासों की खास बात यह है कि दोनों ही परीक्षाओं में अमित का ऑप्शनल विषय एग्रीकल्चर था. उनका मानना है कि इस विषय में अच्छे अंक पाने के कारण ही उनका दोनों परीक्षाओं में चयन सुनिश्चित हुआ. अगर उन्होंने ऑप्शनल में बढ़िया स्कोर नहीं किया होता तो शायद उनकी रैंक नहीं आती. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में अमित ने खास तौर पर एग्रीकल्चर विषय की तैयारी के बारे में चर्चा की.
आप यहां अमित शिंदे द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया इंटरव्यू भी देख सकते हैं -
लेंदी लेकिन स्कोरिंग विषय है –
एग्रीकल्चर विषय की तैयारी के बारे में बात करते हुए अमित कहते हैं कि यह विषय लेंदी जरूर है लेकिन स्कोरिंग भी है. इसे तैयार करना मुश्किल होता है लेकिन एक बार तैयारी पूरी हो जाने के बाद अगर सही से उत्तर लिखा जाए तो अंक भी पूरे मिलने की बहुत संभावना रहती है. अमित का कहना है कि उन्होंने इस विषय की तैयारी के लिए न कहीं से कोचिंग ली थी और न ही कोई टेस्ट सीरीज ज्वॉइन की थी. जिस समय अमित ने एग्जाम दिया उस समय उनके अनुसार विषय की कोचिंग वगैरह अच्छे स्तर पर उपलब्ध नहीं थी. इसलिए उन्होंने सारी पढ़ाई खुद ही की. केवल उनके साथी जो इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, ने उनका सपोर्ट किया.
नोट्स मेकिंग है अहम –
अमित आगे कहते हैं कि चूंकि यह विषय बहुत ही लेंदी होता है इसलिए इसके नोट्स बनाना बहुत जरूरी हो जाता है. अगर नोट्स नहीं बनाएंगे तो अंत में किसी भी हाल रिवीजन पूरा नहीं कर पाएंगे. वे कहते हैं कि उन्होंने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर नोट्स बनाए थे. वे दोनों आपस में विषय बांट लेते थे और मिलकर नोट्स बनाते थे जिन्हें बाद में एक्सचेंज कर लेते थे.
शुरू में आपको भी नोट्स बनाना मुश्किल लगेगा लेकिन अमित की सलाह के अनुसार अगर नोट्स नहीं बनाए तो गाड़ी आगे नहीं बढ़ेगी और अंत में आप कहीं नहीं पहुंचेंगे क्योंकि बिना रिवीजन के सारी मेहनत बेकार है.
प्रेजेंटेशन दिलाता है अंक –
अमित कहते हैं कि यूं तो किसी भी विषय में आंसर के प्रेजेंटेशन का बड़ा महत्व होता है लेकिन जब बात एग्रीकल्चर की हो तो उसमें खासतौर पर डायग्राम्स, टेबल्स, चार्ट्स आदि डालना जरूरी हो जाता है. इसलिए खूब आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करें. इससे आप सीखेंगे की उत्तर कैसे लिखने हैं. इस विषय में बहुत से वर्ड्स काफी टिपिकल होते हैं, जिन्हें याद रखना आसान नहीं होता. इसलिए ऐसे वर्ड्स और टर्म्स को लिख-लिखकर याद करें. ताकी इनमें कोई गलती न हो.
अमित का अनुभव –
अंत में अमित यही कहते हैं कि इस विषय को चुनने के लिए तब आगे बढ़ना बेहतर होता है जब आपका बैक्रग्राउंड एग्रीकल्चर का ही हो. जैसे अमित ने पीजी तक की पढ़ाई इसी विषय से की थी इसलिए उनके लिए यह विषय मैनेज करना तुलनात्मक रूप से आसान था. ऐसा नहीं है कि जिनका बैकग्राउंड एग्रीकल्चर का नहीं होता वे यह विषय नहीं ले सकते लेकिन ऐसा होने पर आसानी रहती है.
तैयारी की शुरुआत से ही नोट्स बनाते चलें और एक विषय की एक ही किताब पढ़ें. जो न मिले उसे इंटरनेट पर सर्च कर लें. रही कोचिंग की बात तो जरूरी नहीं की इस विषय में अच्छे अंक लाने के लिए कोचिंग ज्वॉइन करनी पड़े. अमित ने ऐसे ही बढ़िया स्कोर किया था. आप भी सही प्लानिंग और स्ट्रेटजी से अच्छे अंक पा सकते हैं.
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