IAS Success Story: डॉक्टर से UPSC टॉपर बनने में लग गए चार साल पर नहीं हारी हिम्मत, जानते हैं आनंद से उनकी सफलता का सीक्रेट
डॉक्टर आनंद शर्मा ने साल 2018 में चौथे प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा 62वीं रैंक के साथ क्लियर की थी. ऐस्से लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जानते हैं आनंद से.
Success Story Of IAS Topper Anand Sharma: साल 2018 के टॉपर आनंद शर्मा ने यूपीएससी के क्षेत्र में सफलता हासिल करने के पहले डॉक्टरी की डिग्री ली है. एमबीबीएस पूरा करने के बाद से ही वे इस परीक्षा के अटेम्प्ट देने लगे थे. हालांकि अपनी तरफ से पूरी कोशिश करने के बाद भी वे सफल नहीं हो रहे थे. लेकिन आनंद भी हार मानने वालों में से नहीं हैं और लगातार तीन बार असफल होने के बाद अंततः अपने चौथे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की. उनके इस प्रयास की खास बात यह थी कि वे न केवल एग्जाम क्लियर कर पाए बल्कि उन्होंने 62वीं रैंक के साथ टॉप भी किया और अपने मनमाफिक आईएएस पद पाया. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में आनंद ने मुख्यतः निबंध के पेपर में अच्छे अंक लाने के लिए कुछ छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखने की सलाह दी.
पहले खींच लें एक रफ ढ़ांचा –
निबंध के पेपर के बारे में बात करते हुए आनंद कहते हैं कि पेपर हाथ में आने के बाद जल्दबाजी न करें. पहले आराम से पेपर पढ़ें और जो विषय दिए गए हैं उन पर विचार कर लें. यह देख लें कि किस विषय में आपके पास अच्छा और अधिक मैटीरियल है. यह तय करने के बाद दूसरे स्टेप में एक पेपर में उस विषय के मुख्य बिंदु जिन्हें आप बाद में एक्सेप्लेन करेंगे, वे भी लिख लें. मोटे तौर पर उस पेज पर वह सब मेंशन करें जिनके बारे में आप आगे बात करने वाले हैं. ऐसा करने से निबंध लेखने शुरू करने के बाद आगे परेशानी नहीं आती और न ही आप कोई जरूरी बिंदु भूलते हैं. जैसा कि निबंध को एक फ्लो में लिखने की बात कही जाती है, वह भी इस तरीके से मेंटेन रहता है.
यहां देखें आनंद शर्मा द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया इंटरव्यू -
स्ट्रक्चर्ड होना चाहिए आपका ऐस्से –
आनंद कहते हैं कि एक अच्छे निबंध की पहचान यह होती है कि वह स्ट्रक्चर्ड होता है. एक बात के बाद दूसरी बात आती है और सभी बिंदु आपस में कनेक्टेड होते हैं. ऐसा नहीं होता कि एक बात का दूसरे से कोई जुड़ाव न हो. एक अच्छे स्ट्रक्चर्ड ऐस्से की यही पहचान होती है. इसे लिखने के लिए अभ्यास बहुत जरूरी है. जब आप परीक्षा की तैयारी करते हैं तो बाकी पेपरों की तरह इसके भी मॉक टेस्ट दें और खूब प्रैक्टिस करें. वैसे तो यह विषय पर निर्भर करता है पर कोशिश करें कि पक्ष और विपक्ष दोनों की बात करें और एक बैलेंस्ड अपरोच लेकर चलें.
अपनी बात के सपोर्ट में तर्क रखें और उसे साबित करने के लिए रिपोर्ट्स, डेटा, फैक्ट्स, एग्जाम्पल्स आदि जो भी संभव हो वे सब उसमें डालें. निबंध पढ़कर यह नहीं लगना चाहिए का आप ऐसे ही हवा में बात कर रहे हैं. आपके पास अपनी बात के ठोस आधार होने चाहिए.
समस्या का नहीं समाधान का हिस्सा बनें –
आनंद आगे कहते हैं कि जब किसी विषय पर बात करें तो केवल उसकी कमियां, समस्याएं या निगेटिव बातें ही न डिस्कस करते रहें बल्कि एक जिम्मेदार ऑफिसर की तरह समस्या के संभावित समाधान भी बताएं. आप जिस पद पर बैठने की चाह रखते हैं, उसके लिए जरूरी है कि आपके पास हल हों न की प्रश्न.
अगली जरूरी बात यह कि इस पेपर को गंभीरता से लें. यह समझ लें कि इस पेपर के अंक आपकी रैंक बना सकते हैं. इसलिए मुख्य परीक्षा के पहले खूब अभ्यास करें और ऐस्से लिखकर उन्हें टॉपर्स के ऐस्से से कंपेयर करें और देखें कि एक टॉपर कैसे किसी विषय पर लिखता है और आपने कैसे लिखा है. जो कमियां समझ आएं उन्हें दूर करें. कम से कम दस से पन्द्रह निबंध मुख्य परीक्षा के पहले जरूर लिखें. कुछ बढ़िया कोट्स तैयार कर लें जिनका जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल हो सके. इनसे पढ़ने वाले पर अच्छा प्रभाव पड़ता है. इन कुछ छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखकर आप इस पेपर में बढ़िया स्कोर कर सकते हैं.
IAS Success Story: दूसरे प्रयास में दूसरी रैंक के साथ अक्षत बनें IAS ऑफिसर, ऐसा रहा UPSC का सफरEducation Loan Information:
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