IAS Success Story: इलाहाबाद के छोटे से गांव से निकले किसान के इस बेटे ने कैसे पायी UPSC परीक्षा में सफलता, जानिए
इलाहाबाद के छोटे से गांव दसेर के अनुभव सिंह ने साल 2017 में दूसरे प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 8वीं रैंक के साथ टॉप किया था. यह उनका दूसरा प्रयास था. जानते हैं अनुभव से परीक्षा को पास करने के टिप्स.
Success Story Of IAS Topper Anubhav Singh: इलाहाबाद उत्तर प्रदेश के अनुभव सिंह बहुत ही साधारण बैकग्राउंड के हैं और उनकी परवरिश भी बहुत ही सादे तरीके से हुई है. अनुभव के पिता किसान हैं और मां सरकारी स्कूल में क्लर्क. वे बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे और सामान्यतः हर क्लास में उनके अच्छे अंक आते थे. साधारण हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़े अनुभव ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा दो बार पास की और इसके पहले वे आईआईटी भी क्लियर कर चुके हैं. कुल मिलाकर अनुभव का एजुकेशनल बैकग्राउंड काफी रिच रहा है. वे स्वभाव से ही बहुत धीर-गंभीर और पढ़ाई के प्रति कमिटेड रहे हैं. उनकी शुरुआती शिक्षा दसेर से ही हुई और ग्यारहवीं तथा बारहवीं उन्होंने शिवकुटी के एक स्कूल से की. साल 2011 से उन्होंने जेईई परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी और उनका सेलेक्शन भी हो गया. अनुभव को मिला आईआईटी रुड़की जहां से उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया. इसके साथ ही वे सिविल सेवा की तैयारी भी आरंभ कर चुके थे.
पहली बार में हुए सेलेक्ट
अनुभव का पहले अटेम्पट में ही सेलेक्शन हो गया था पर रैंक कम आने की वजह से उन्हें मिला था इंडियन रेवेन्यू सर्विस. उन्होंने यहां ज्वॉइन कर लिया पर यूपीएससी की तैयारी जारी रखी. दूसरे अटेम्पट में अनुभव ने न केवल यूपीएससी सीएसई परीक्षा में सफलता पाई बल्कि आठवीं रैंक के साथ टॉप भी किया. अनुभव ने पहले ट्रेनिंग के साथ तैयारी जारी रखी बाद में छुट्टी लेकर पढ़ाई की. अंततः साल 2017 में उनका आईएएस बनने का सपना साकार हुआ और 8वीं रैंक लाकर उन्होंने अपने परिवार और गांव का मान बढ़ाया. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में अनुभव ने परीक्षा संबंधी अपना अनुभव शेयर किया.
एनसीईआरटी की किताबों पर दें ध्यान
साक्षात्कार में बात करते हुए अनुभव कहते हैं कि इस परीक्षा के तीन भाग होते हैं, प्री, मेन्स और इंटरव्यू. तीनों की तैयारी ठीक से करें और जब जो परीक्षा पास आए पहले उस पर ध्यान दें. यूपीएससी का सिलेबस ठीक से देखें और आवश्यकता अनुसार किताबों का चयन करें. अनुभव एनसीईआरटी की किताबों को पढ़ने पर खासा जोर देते हैं. वे कहते हैं कि इन किताबों को अच्छे से पढ़ें और बार-बार रिवाइज करें. हालांकि यह बात वे हर बुक के लिए कहते हैं कि जो भी किताबें चुनें उन्हें बार-बार पढ़ें, इतना की उसमें लिखी हर बात पक्की हो जाए और परीक्षा के समय कोई समस्या न आए.
देखें अनुभव सिंह द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
मेन्स के लिए ज्वॉइन करें टेस्ट सीरीज
प्री के बाद मेन्स पर आते हुए अनुभव कहते हैं कि पहले सिलेबस के अनुसार डिटेल में तैयारी कर लें उसके बाद जब तैयारी एक सर्टेन लेवल पर पहुंच जाए तो टेस्ट सीरीज ज्वॉइन करके अपने आप को परखें. हालांकि अनुभव बहुत ज्यादा टेस्ट सीरीज ज्वॉइन करने की सलाह नहीं देते. उनके अनुसार दस से बारह टेस्ट सीरीज ही काफी हैं क्योंकि इससे ज्यादा टेस्ट सीरीज हल करने से पूरा समय इन्हीं में चला जाता है और बाकी तैयारी के लिए समय नहीं बचता. उनके हिसाब से रेग्यूलर पढ़ाई भी बहुत जरूरी है. इसलिए इतनी प्रैक्टिस कर लें की परीक्षा का पैटर्न पता चल जाए.
ऐस्से पर दें ध्यान और ऑप्शनल चुनें सावधानी से
अनुभव बातचीत को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि मेन्स परीक्षा के बाकी विषयों के साथ ही ऐस्से पर पूरा ध्यान दें और इसे लाइकली न लें. इसके लिए भी प्रैक्टिस सबसे अधिक जरूरी है. कुछ ऐस्से लिखकर देख लें ताकि परीक्षा के दिन दिक्कत न हो. अगली मुख्य बात आती है ऑप्शनल चूज करने की. इस बारे में अनुभव कहते हैं कि ऑप्शनल बहुत जरूरी होता है इसलिए इसका चुनाव सोच-समझकर करें. उनका ऑप्शनल मैथ्स था और उन्होंने इसमें बहुत ही अच्छा स्कोर किया. हालांकि मैथ ऑप्शनल का कोर्स बहुत लेंदी होता है पर अनुभव को यही विषय ऐसा लगता था जिस पर उनकी पकड़ थी. वे कहते हैं कि ऑप्शनल में रुचि होने के साथ ही यह भी देख लें कि उस विषय में अंक मिलते हैं या नहीं तभी उसका चुनाव करें.
अनुभव का अनुभव
दूसरे यूपीएससी एस्पिरेंट्स को अनुभव यही सलाह देते हैं कि परीक्षा की तैयारी को लेकर गंभीर रहना बहुत जरूरी है. चुनी हुई किताबों को एक बार नहीं बार-बार पढ़ें और खूब अभ्यास करें. अपनी स्ट्रेटजी अपने अनुसार बनाएं और रूटीन को लेकर सख्त रहें. जितने भी घंटे पढ़ें मन लगाकर पढ़ें और परीक्षा को हर स्तर पर समझने के बाद तैयारी शुरू करें ताकि एंड में कहीं कोई हिस्सा कंफ्यूजन की वजह से न छूट जाए. साल 2016 में 683 रैंक लाने वाले अनुभव ने साल 2017 में छलांग लागकर सीधे 8वीं रैंक पायी जोकि आसान नहीं था. पर कठिन मेहनत, निरंतरता और सही दिशा में प्रयास करने से कोई भी कठिन काम आसान बनाया जा सकता है.
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