Success Story Of IAS Topper Anudeep Durishetty: तेलांगना के अनुदीप दुरीशेट्टी का यूपीएससी का सफर काफी कठिनाई भरा रहा. यूं तो साल 2017 में उन्होंने न केवल यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास की बल्कि  रैंक वन के साथ ऑल इंडिया टॉपर भी बने लेकिन यहां तक पहुंचने में उन्होंने बहुत पापड़ बेले. एक के बाद एक असफलताएं मिली पर अनुदीप पीछे हटने वालों में से नहीं थे. कुल पांच प्रयासों में से दूसरे प्रयास में उनका सेलेक्शन आईआरएस सेवा के लिए हुआ भी लेकिन अनुदीप के मन में हमेशा से आईएएस ही घूमता रहता था. उन्होंने अपने आखिरी अटेम्पट तक प्रयास किया और ईश्वर ने भी अंत तक उनकी परीक्षा लेने के बाद उन्हें सफलता का स्वाद चखाया. इन सालों में अनुदीप ने बहुत से उतार-चढ़ाव देखे और अपनी इस जर्नी की कुछ खास बातें दिल्ली नॉलेज ट्रैक के साथ शेयर भी की. जानते हैं विस्तार से.


अनुदीप का बैकग्राउंड –


अनुदीप तेलांगना में मेटपल्ली नामक स्थान के हैं और उनकी शुरुआती शिक्षा भी यहीं हुई. उनके पिताजी एक सरकारी कमर्चारी हैं और माता जी गृहणी हैं. स्कूल की पढ़ाई के बाद अनुदीप ने बिट्स पिलानी, राजस्थान से साल 2011 में ग्रेजुएशन पूरा किया. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन में यह डिग्री ली. इसी दौरान अनुदीप को सिविल सेवा की तरफ रुझान महसूस हुआ.


देखें अनुदीप दुरीशेट्टी द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू



2012 में अनुदीप ने पहला अटेम्पट दिया और इस साल वे इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे लेकिन सेलेक्ट नहीं हुए. इसके अगले ही साल अनुदीप ने साल 2013 में परीक्षा पास की लेकिन रैंक कम आने की वजह से उन्हें एलॉट हुई आईआरएस सेवा. यहां उन्होंने कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज ऑफिसर के तौर पर ज्वॉइन कर लिया लेकिन आईएएस पद के लिए अपने प्रयासों को नहीं रोका.


अगले प्रयासों में मिली लगातार असफलता –


इसके पहले अनुदीप ने फर्स्ट अटेम्पट में सेलेक्ट न होने के बाद गूगल इंडिया कंपनी ज्वॉइन कर ली थी और हैदराबाद में जॉब करने लगे थे. अनुदीप की तैयारी की एक और खास बात यह रही की पूरी तैयारी के दौरान उन्होंने कभी नौकरी नहीं छोड़ी और हमेशा जॉब के साथ ही तैयारी की. इसी कारण से उनकी मुख्य तैयारी केवल वीकेंड्स पर हो पाती थी. वे इन दो दिनों में जान लगा देते थे और बाकी के दिनों में जो थोड़ा-बहुत समय मिलता था उसे यूटिलाइज करने का पूरा प्रयास करते थे.


अनुदीप का ऑप्शनल था एंथ्रोपोलॉजी और दिल के करीब होने के कारण उन्होंने यह विषय चुना. हालांकि कड़ी मेहनत और अथक प्रयास के बावजूद अनुदीप को अपने तीसरे और चौथे प्रयास में सफलता नहीं मिली. पर धुन के पक्के अनुदीप लगे रहे और अंतिम प्रयास में सफलता पाने में कामयाब हुए.


अनुदीप की सलाह –


अनुदीप दूसरे कैंडिडेट्स को यही सलाह देते हैं कि नौकरी के साथ तैयारी करना मुश्किल तो है पर नामुमकिन नहीं. अपनी प्रायॉरिटीज तय करें और उन्हीं के हिसाब से एक्ट करें. पूरा सिलेबस कवर करें यहां सेलेक्टिव स्टडी नहीं चलती. सिलेबस के साथ ही गवर्नमेंट स्कीम्स पर पूरी निगाह रखें. जितना संभव हो बार-बार अपने लिमिटेड सोर्सेस को रिवाइज करें और प्री में एजुकेटेड गेस लें क्योंकि ऐसा तो कोई होता ही नहीं जिसे सभी प्रश्न आते हों.


आंसर राइटिंग की जितनी हो सके प्रैक्टिस करें, न्यूज पेपर लगातार पढ़ते रहें और एथिक्स एवं ऐस्से के पेपर को पूरी इंपॉर्टेंस दें. अनुदीप कहते हैं कि पढ़ता हर कोई है पर कौन लिख पाता है, वह मैटर करता है. लिखते समय आपके थॉट्स क्लियर होने चाहिए. अनुदीप अपने पिछले फेलियर्स के बहुत से कारणों में से एक कारण आंसर राइटिंग प्रैक्टिस न करने को भी मानते हैं. अपने आस-पास की चीजों को लेकर अवेयर रहें और आंसर्स में एक्स्ट्रा इनपुट्स जैसे डायग्राम्स आदि डालें. इतने करने पर आप भी यूपीएससी सीएसई परीक्षा में सफल हो सकते हैं.


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