IAS Success Story: तमाम मुश्किलों के बावजूद नहीं रुके अनुज और तीसरे प्रयास में ऐसे बनें IAS ऑफिसर
अनुज प्रताप सिंह की छोटी सी गलती से उनका एक पूरा साल बर्बाद हुआ साथ ही उन्हें तमाम और परेशानियों का सामना भी करना पड़ा. जानते हैं अनुज से उनके संघर्ष के बारे में.
Success Story Of IAS Topper Anuj Pratap Singh: अनुज की यूपीएससी जर्नी दूसरे कैंडिडेट्स से काफी अलग रही पर किसी के लिए भी उनका यह सफर प्रेरणास्त्रोत बन सकता है. इस दौरान उन्हें तमाम तरह की परेशानियां आई पर वे कभी पीछे नहीं हटे और डटकर हर मुश्किल का सामना किया. आज जानते हैं अनुज से उनके इस सफर के बारे में जिसकी संक्षिप्त जानकारी उन्होंने दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में दी.
साल 2016 में शुरू हुआ था सफर
अनुज का यह सफर साल 2016 में शुरू हुआ था जिसमें सारी कोशिशें करने के बावजूद वे इंटरव्यू राउंड में बाहर हो गए थे. अनुज ने अपनी कमियों को समझा और दूर किया और साल 2017 में फिर से परीक्षा दी. इस साल उनका प्री और मेन्स दोनों क्लियर हो गए पर इंटरव्यू के दस दिन पहले उन्हें खबर मिली की उनका कैंडिडेचर यूपीएससी ने कैंसिल कर दिया है. दरअसल उन्होंने अपनी जन्मतिथि वाले कॉलम में 30 मार्च 1991 की जगह 31 मार्च 1991 भर दिया था. कैलकुलेशन के हिसाब से इसमें समस्या थी और उनका एप्लीकेशन रद्द कर दिया गया.
पहले किया परीक्षा देने का इंतजाम
इस बाबत काम करने वाली संस्था में एप्लीकेशन देकर और बहुत दौड़-भाग करके अनुज ने सबसे पहले अपना इंटरव्यू वापस शिड्यूल कराया. साथ ही तैयारी की कोर्ट केस की जिसमें वे अपने कैंडिडेचर को कैंसिल करने के खिलाफ अपील करने वाले थे. पहले से फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स झेलने वाले अनुज के लिए यह दौर बहुत ही मुश्किल था. वे कहते हैं कि एंजाइटी, स्ट्रेस क्या होता है ये उन्हें अब पता चलना शुरू हुआ था, जो तैयारी के दैरान कभी नहीं हुआ.
एक तरफ कोर्ट केस, एक तरफ परीक्षा
अनुज कहते हैं कि उनके पास एक ऑप्शन तो ये था कि वे कोर्ट केस को कारण बताकर मुंह लटकाए बैठे रहें या दूसरा ऑप्शन यह था कि आगे बढ़कर अगले साल की परीक्षा की तैयारी करें. अनुज ने हिम्मत की और दूसरा विकल्प चुना. उनका कैंसिल इंटरव्यू भी कंडक्ट हुआ और इस परीक्षा के बाद से उन्होंने अगली परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी. एक तरफ कोर्ट केस चल रहा था, एक तरफ परीक्षा की तैयारी और भी बहुत सी मुश्किलें पर अनुज ने कभी भी हिम्मत नहीं हारी और हर तरफ की जंग जीतने में लगे रहे. अनुज का इंटरव्यू अच्छा गया था पर उनका रिजल्ट रोक दिया गया और आईएएस बनने के बावजूद उन्हें ये पद नहीं मिला.
दूसरे साल भी हुए सफल
अनुज तमाम परेशानियों के साथ जैसे-तैसे आगे बढ़ते रहे और इन मानसिक, आर्थिक, इमोशनल परेशानियों के बीच ही उन्होंने साल 2018 का अटेम्पट भी दिया और इस साल भी सफलता दर सफलता पाते चले गए. पहले प्री पास किया फिर मेन्स और अंत में इंटरव्यू का नंबर आया. वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में केस भी चल रहा था.
देखें अनुज प्रताप सिंह द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया इंटरव्यू
खैर अनुज ने अपने प्रयासों में कमी नहीं आने दी और तभी उन्हें यह खबर मिली की सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी है. इस प्रकार अनुज एक एंड पर तो केस हार गए पर दूसरे एंड पर उन्हें सफलता मिली जब उनका रिजल्ट आया और वे आईएएस पद के लिए सेलेक्ट हुए. इस प्रकार अनुज की सालों की मेहनत रंग लायी और उन्हें उनका मनचाहा पद तीसरे प्रयास में मिला.
अनुज की सलाह
अपने सफर से सबक लेते अनुज कहते हैं कि जीवन में कब क्या हो जाए कुछ नहीं पता. एक छोटी सी गलती ने न केवल उनका साल खराब किया बल्कि उन्हें और परिवार को बहुत तनाव भी दिया. आईएएस बनकर भी जो ज्वॉइन न कर पाए यह पीड़ा केवल वही समझ सकते हैं. वे कहते हैं कि जीवन में मौका और मुश्किलें एक साथ आती हैं, आपको इन्हें कैसे संभालना है यह देख लीजिए. अपने परिवार को हमेश साथ लेकर चलिए क्योंकि उनका सपोर्ट लाइफ में बहुत जरूरी होता है.
याद रखें कि समय कभी एक सा नहीं होता. अच्छा समय है तो बुरा भी आएगा और बुरा समय है तो अच्छा भी आएगा. दोनों ही स्थितियों में धैर्य बनाए रखें. दूसरी जरूरी बात वे कहते हैं कि हार्डवर्क का कोई विकल्प नहीं होता लेकिन एटीट्यूड वह एलिमेंट है जो सबसे ज्यादा मैटर करता है. जब कभी बुरा समय आए तो एक ऑप्शन है कि उसे लेकर रोते रहो और दूसरा ऑप्शन है की अपनी क्षमताओं को बढ़ाओ. याद रखो की नीचे की तरफ जाने वाला रास्ता आसान और तेजी से जाता है जबकि ऊपर की तरफ जाने वाला रास्ता कठिन जरूर होता है लेकिन आपको ऊंचाइयों तक ले जाता है.
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