Success Story Of IAS Topper Anukriti Sharma: महिलाओं के लिए अक्सर माना जाता है कि शादी के बाद उनके लिए करियर की बहुत संभावनाएं नहीं रह जाती या करियर बनाना काफी मुश्किल हो जाता है. लेकिन ऐसे में अनुकृति शर्मा जैसी कैंडिडेट्स भी सामने आती हैं, जो यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा क्रैक करने के बारे में सोचती ही शादी के बाद हैं. यही नहीं इस कठिन परीक्षा को पास करके भी दिखाती हैं. अनुकृति शर्मा के साथ और भी कई रिकॉर्ड्स जुड़े हैं, जैसे उन्होंने इस परीक्षा को पास करने के लिए न कभी कोचिंग ली और न ही टेस्ट सीरीज ज्वॉइन की. बिना टेस्ट सीरीज ज्वॉइन किए आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करना आसान नहीं होता. लेकिन अनुकृति ने इस कठिन काम को भी सच कर दिखाया. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में अनुकृति ने परीक्षा की तैयारी के साथ ही आंसर राइटिंग कैसे सुधारें, विषय पर बात की.
पांच प्रयासों में दो बार हुईं चयनित –
अनुकृति की यूपीएससी जर्नी खासी लंबी रही. कई प्रयासों के बाद उन्हें अंततः सफलता मिली. हालांकि साल 2019 में 138वीं रैंक के साथ सेलेक्ट होने वाली अनुकृति ने इसके पहले साल 2017 में भी यूपीएससी सीएसई परीक्षा के तीनों चरण पास किए थे और 355 रैंक के साथ उनका सेलेक्शन हुआ था. यह अनुकृति का चौथा प्रयास था. इस समय तक उन्होंने कुल चार अटेम्प्ट्स दिए थे जिसमें से तीन बार उन्होंने मेन्स लिखा. अच्छी बात यह थी की तीनों बार उनके मेन्स के नंबर इंक्रीज हुए यानी उनका सेलेक्शन तो नहीं हुआ लेकिन इम्प्रूवमेंट लगातार होता रहा. साल 2017 के बाद अनुकृति ने 2018 का अटेम्प्ट नहीं दिया और एक साल के ब्रेक के बाद सीधे 2019 में परीक्षा में बैठीं और इस बार कहीं ज्यादा अच्छी रैंक से चयनित हुईं.
दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में अनुकृति शर्मा ने विस्तार से बात की –
इंटरनेट से बढ़िया दूसरा टीचर नहीं –
अनुकृति की पूरी तैयारी इंटरनेट की मदद से हुई. चाहे परीक्षा के बारे में जानकारी करनी हो चाहे अपने आंसर्स को टॉपर्स के आंसर्स से मैच करना हो, अनुकृति ने हर छोटे-बड़े काम के लिए इंटरनेट का सहारा लिया. वे कहती भी हैं कि इंटरनेट पर वह सबकुछ है जो आपको इस परीक्षा की तैयारी के लिए चाहिए और बहुतायात में है इसलिए कोचिंग बिना लिए या टेस्ट सीरीज बिना ज्वॉइन किए भी आप इस परीक्षा में सफलता हासिल कर सकते हैं. वे खुद इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं. जिस भी एरिया में आपको जानकारी हासिल करनी हो, उसे आप नेट पर पा सकते हैं. और तो और मोटिवेशनल वीडियोज भी नेट पर पाए जा सकते हैं जिनसे निराशा भरे दिनों से निकलने में आपको मदद मिल जाती है.
स्ट्रक्चर्ड आंसर्स लिखें, तभी मिलेंगे अंक –
अनुकृति आगे कहती हैं कि उन्होंने बार-बार मेन्स परीक्षा में असफल होने के कारणों को तलाशा तो पाया कि उनके उत्तर वैसे नहीं थे जैसे एक टॉपर के होने चाहिए. वे कहती हैं कि एक स्कूल के बच्चे की तरह मैं उत्तर लिखती थी. फिर टॉपर्स की कॉपी देखकर अनुकृति ने सीखा की एक अच्छे उत्तर को स्ट्रक्चर्ड होना चाहिए और कैसे इस विधा को सीखा जा सकता है.
आपके उत्तर में हेडिंग, सब-हेडिंग्स, बुलेट्स आदि तो होने ही चाहिए साथ ही जहां जो हिस्सा हाइलाइट करने वाला हो उसे हाइलाइट भी करें. यह समझ लें कि एग्जामिनर जब आपकी कॉपी चेक करे तो उसकी नजर खुद ही जरूरी हिस्सों पर पहुंच जाए.
इन बातों का रखें ध्यान –
अनुकृति बात को आगे बढ़ाते हुए कहती हैं कि एक बात का ध्यान और रखें कि प्रश्न में जो पूछा गया है उसी का जवाब दें, घुमा-फिराकर बात न कहें, न ही गैरजरूरी हिस्सों पर जाएं. दूसरी बात की जो-जो पूछा गया है वह सब बताएं. यानी प्रश्न दो हिस्सों में हो तो उत्तर भी दो हिस्सों में होना चाहिए.
डायग्राम्स, फ्लोचार्ट्स, एग्जाम्पल्स वगैरह का जहां संभव हो इस्तेमाल करें, इससे भी अच्छे अंक मिलते हैं. रिपोर्ट्स, डेटा, कोट्स आदि रट लें और उत्तर की जरूरत के मुताबिक इन्हें बीच-बीच में डालते चलें. किसी उत्तर को लिखने के बाद उसे टॉपर के उत्तर से मैच करें और देखें कि आपने कैसे आंसर लिखा है और टॉपर कैसे लिख रहा है. इस प्रकार अपने उत्तरों को निरंतर चेक करते चलें और जहां जरूरत हो उनमें सुधार भी करें. इससे आप जरूर मेन्स में अच्छे नंबर पाएंगे.
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