Success Story Of IAS Topper Atul Prakash: साल 2017 में ऑल इंडिया रैंक चार के साथ टॉप करने वाले अतुल प्रकाश बिहार के बक्सर जिले के हैं. पढ़ाई में हमेशा से अच्छे अतुल को यूपीएससी का ख्याल ग्रेजुएशन के दिनों में आया और इसी दौरान उन्होंने तैयारी शुरू कर दी. तुलनात्मक रूप से कठिन मानी जाने वाली इस परीक्षा को अतुल ने दो बार अटेम्प्ट किया और दोनों बार क्लियर भी किया. हालांकि पहली बार में मिली रैंक से असंतुष्ट अतुल ने दोबारा परीक्षा दी और दूसरी बार सभी रिकॉर्ड ब्रेक करते हुए ऑल इंडिया रैंक 4 के साथ टॉपर बनें. इस प्रकार आईआईटी से ग्रेजुएट अतुल अपने दूसरे प्रयास में आईएएस बन गए. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में अतुल ने शेयर किए परीक्षा की तैयारी के कुछ टिप्स.


अतुल ने दिखायी समझदारी –


जब अतुल ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा देने का मन बनाया तो बाकी कैंडिडेट्स की तरह केवल इस एग्जाम के बारे में नहीं पता किया बल्कि यह भी पता किया कि चयन हो जाने के बाद कैंडिडेट को मिलने वाली सर्विसेस के अंतर्गत उसे किस प्रकार का काम करना होता है. अतुल का यह निर्णय काफी बुद्धिमानी भरा था क्योंकि उन्होंने केवल यूपीएससी का नाम और चर्चा सुनकर इस क्षेत्र में आने का फैसला नहीं लिया बल्कि इसके कार्यक्षेत्र को भली प्रकार समझने और यह देखने के बाद की वे इस काम को करने में रुचि रखते हैं या नहीं, उन्होंने तैयारी आरंभ की.


अतुल ने इसके लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया और टॉपर्स के इंटरव्यू, ब्लॉग आदि से जितनी हो सकी परीक्षा के विषय में जानकारी इकट्ठी की. इसके लिए नेट पर मौजूद बहुत सी वेबसाइट्स भी अतुल ने देखी और परीक्षा के बारे में एक्स वाई जेड हर चीज पता करने के बाद तैयारी आरंभ कर दी. इसमें उनके कॉलेज के सीनियर्स ने भी मदद की.


यहां देखें अतुल प्रकाश द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू - 



निरंतरता है जरूरी –


अतुल ने पहले तो परीक्षा की तैयारी के लिए कुछ समय कोचिंग ली लेकिन थोड़े ही समय में उन्होंने यह महसूस किया कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग से ज्यादा सेल्फ स्टडी महत्व रखती है. हां बस एक बात का ध्यान रखें कि पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखें. यहां ऐसे काम नहीं चलता कि एक बार या एक दिन पढ़ लिया फिर कुछ दिन का गैप कर दिया. ऐसे नहीं चलेगा. यहां आपको लगातार पढ़ना है और रोज पढ़ना है.


अगली जरूरी चीज अतुल मानते हैं टेस्ट सीरीज को. यही नहीं अपने पिछले प्रयास की गलती ही अतुल को यह लगती है कि उन्होंने पहले अटेम्प्ट में कम प्रश्न हल किए थे. अगर आंसर राइटिंग प्रैक्टिस ठीक से की होती तो शायद पहली ही बार में मंजिल तक पहुंच गए होते. खैर अतुल ने लास्ट अटेम्प्ट की गलतियों से सीखा और अगली बार न सिर्फ परीक्षा पास की बल्कि टॉप भी किया.


इन बातों का रखें ध्यान –


अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अतुल कहते हैं कि आंसर लिखते समय एक ही प्वॉइंट की डेप्थ में जाने की जगह विभिन्न बिंदुओं को यानी डिफरेंट डायमेंशंस को टच करने की कोशिश करें. बजाय इसके कि एक ही बात को समझाएं जा रहे हैं. उदाहरण के लिए अगर दस नंबर का प्रश्न है तो कम से कम दस प्वॉइंट लिखें अगर 15 नंबर का प्रश्न है तो कम से कम 15 बिंदु लिखना तो बनता है, तभी अंक मिलते हैं.


करेंट अफेयर्स के लिए अतुल ने मंथली मैगजींस सब्सक्राइब की थी और बात किताबों के चुनाव की आयी तो उन्होंने सामान्य स्टैंडर्ड बुक्स ही चुनी थी, बस उन्हें बार-बार रिवाइज किया था. प्री, मेन्स और इंटरव्यू तीनों के लिए अतुल मॉक टेस्ट देने पर जोर देते हैं.


अंत में अतुल यही सलाह देते हैं कि आंसर राइटिंग पर खूब फोकस करें, करेंट अफेयर्स पर लगातार नजर रखें, आंसर्स को मल्टी डायमेंशनल बनाएं, उन्हें डायग्राम्स वगैरह से इनरिच करें और जो भी इश्यू वर्तमान में चल रहे हों, उन पर अपना ओपीनियन जरूर फॉर्म करें.


IAS Success Story: बार-बार असफल होने के बावजूद गुंजन ने नहीं मानी हार, तीसरी बार में की यूपीएससी परीक्षा पास

Education Loan Information:

Calculate Education Loan EMI