IAS Success Story: दो साल के बच्चे और फुल टाइम जॉब के साथ बुशरा ने बिना कोचिंग के कैसे पास की UPSC परीक्षा, पढ़ें
बुशरा बानो ने साल 2018 की यूपीएससी परीक्षा अपने दूसरे प्रयास में पास की. मैनेजमेंट ऑप्शनल चूज करने वाली बुशरा ने दिए ऑप्शनल सेलेक्ट करने के टिप्स, पढ़ें विस्तार से.
Success Story Of IAS Topper Bushara Bano: बुशरा बानो ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता ऐसी स्थितियों में पाई जो किसी भी कैंडिडेट के लिए आइडियल नहीं मानी जाती. कैंडिडेट्स सबकुछ छोड़कर दिन रात केवल परीक्षा की तैयारी में लगे रहते हैं तब भी सफल नहीं होते. वहीं बुशरा जैसे कैंडिडेट्स भी होते हैं जो शादी, घर-परिवार, बच्चा और फुल टाइम नौकरी के साथ इस परीक्षा में सफलता हासिल करते हैं. बुशरा उन महिलाओं के लिए भी बड़ा प्रेरणास्त्रोत हैं जिन्हें लगता है कि शादी और खासकर बच्चे के बाद करियर के सभी द्वार लगभग बंद हो जाते हैं. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में बुशरा ने ऑप्शनल विषय मैनेजमेंट की तैयारी के विषय में खुलकर बात की साथ ही ऑप्शनल चुनने के दौरान किन बातों का ख्याल रखें, इस पर भी चर्चा की.
हमेशा से रही हैं मैनेजमेंट की स्टूडेंट –
अगर बुशरा के एजुकेशनल बैकग्राउंड की बात करें तो उन्होंने हमेशा से मैनेजमेंट विषय से ही पढ़ाई की है. एमबीए करने के बाद बुशरा ने मैनेजमेंट से ही पीएचडी की और जिस समय यूपीएससी परीक्षा दी उस समय वे इसी विषय से पोस्ट डॉक्टोरल कर रही थी. इसके साथ ही बुशरा कोल इंडिया में असिस्टेंट मैनेजमेंट के पद पर काम भी कर रही थी. परीक्षा की तैयारी के दौरान बुशरा ने कभी नौकरी नहीं छोड़ी और बच्चे और जॉब दोनों के साथ ही समय निकालकर पढ़ाई की.
दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में बुशरा बानो ने विस्तार से बात की –
बुशरा का मैनेजमेंट ऑप्शनल लेने का कारण साफ था कि उनका इसी विषय का बैकग्राउंड है और इस विषय पर उनकी अच्छी पकड़ है. हालांकि मैनेजमेंट विषय का कोर्स बहुत लेंदी है (साथ ही स्कोरिंग भी) लेकिन बुशरा ने चूंकि पहले से ही बहुत कुछ पढ़ा हुआ था इसलिए उन्हें बहुत समस्या नहीं हुई.
ऑप्शनल चुनते समय रखें इन बातों का ख्याल –
बुशरा अपने अनुभव से बताती हैं कि किसी भी विषय को ऑप्शनल चुनते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. जैसे पहले तो ऑप्शनल अपने हिसाब से और अपनी स्ट्रेंथ के हिसाब से चुनें, किसी की कही सुनी बातों में न आएं. कौन सा विषय कठिन है, कौन सा स्कोरिंग है, किस का सिलेबस ज्यादा है या किसमें अच्छे अंक नहीं मिलते, ऐसी बहुत सी सलाह आपको दी जाएगी लेकिन आप अपनी क्षमताओं, पसंद और पकड़ के हिसाब से निर्णय लें.
वे आगे कहती हैं कि जो इस परीक्षा में टॉप करते हैं उनके अक्सर ऑप्शनल में बहुत बढ़िया अंक होते हैं. इसलिए दिमाग में हमेशा यह बात रखिए कि यह विषय बहुत महत्वपूर्ण है और आपको लंबे समय तक पढ़ना है. इसलिए वही सब्जेक्ट चुनें जिसमें आपको रुचि हो और जिसमें आप स्कोर कर सकें.
बुशरा की सलाह –
बुशरा ने जब मैनेजमेंट विषय चुना तो वे जानती थी कि न तो इस विषय की कोचिंग उपलब्ध है और न ही बहुत गाइडेंस लेकिन उन्हें अपनी स्किल्स पर भरोसा था इसलिए वे दिल की राह पर चली. इसी प्रकार जब आप अपना ऑप्शनल चुनें तो यह जरूर देख लें कि किताबें उपलब्ध हैं या नहीं या अगर किताबें न भी हों तो कम से कम इंटरनेट पर मैटीरियल हो. एक बात दिमाग में रखें कि पढ़ना आपको है इसलिए जो आपको उचित लगे उसी तरह और उसी तरफ बढ़ें.
अपना शेड्यूल अपने अनुसार बनाएं और किसी प्रकार की बहानेबाजी न करें कि मैं इस वजह से टाइम नहीं निकाल पाता या इस कारण समय नहीं मिलता. यहां सबसे ज्यादा जरूरी है आपका खुद के प्रति ईमानदार होना. इंसान सोच ले तो कुछ भी पा सकता है और फिर किसी भी प्रकार की समस्या उसके रास्ते का रोड़ा नहीं बन सकती. अगर शादी, बच्चे और नौकरी के बावजूद बुशरा इस परीक्षा में सफल हो सकती हैं तो कोई भी हो सकता है. जरूरत है बस कड़ी मेहनत के साथ सही दिशा में आगे बढ़ने की और टाइम मैनेजमेंट सीखने की.
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