Success Story Of IAS Topper Nidhi Patel: निधि पटेल की यूपीएससी जर्नी कई मायनों में खास है. हमने आज तक जितने भी कैंडिडेट्स की सक्सेस स्टोरी आपसे शेयर की है, उन्होंने बहुत जल्दी भी परीक्षा पास की है तो कम से कम डेढ़ से दो साल का समय इसके लिए दिया है. लेकिन निधि या कहां डॉ. निधि पटेल की स्टोरी थोड़ी अलग है. निधि ने केवल नौ महीने की तैयारी से अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास की और दूसरों के लिए मिसाल बनीं. इसमें निधि की कड़ी मेहनत तो थी ही साथ ही थी सही स्ट्रेटजी और प्लानिंग. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में निधि ने शेयर किए आंसर राइटिंग टिप्स जिनकी मदद से आप भी अच्छे अंक पा सकते हैं.
न बहुत नोट्स बनाए, न की बहुत आंसर राइटिंग प्रैक्टिस –
अपनी तैयारी के विषय में बात करते हुए निधि कहती हैं कि इस परीक्षा को लेकर लोगों के मन में कई तरह के मिथ्स होते हैं. उनमें से एक है नोट्स बनाना. वे कहती हैं कि उन्होंने कभी किसी विषय के नोट्स नहीं बनाए क्योंकि उनके पास समय ही नहीं था. इसी प्रकार बहुत ज्यादा आंसर राइटिंग प्रैक्टिस के लिए भी उन्हें समय नहीं मिला. प्री के पहले उन्होंने जरा भी आंसर राइटिंग प्रैक्टिस नहीं की थी क्योंकि उस समय उनका सिलेबस ही खत्म नहीं हुआ था.
देखें निधि पटेल द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
निधि आंसर राइटिंग प्रैक्टिस को महत्व देती हैं लेकिन एक सीमा में. वे कहती हैं कि अभ्यास करें सीमा में रहकर. अगर आपकी स्पीड ठीक है तो बहुत अभ्यास के पीछे न भागें. उन्होंने भी बहुत आंसर नहीं लिखे.
टॉपर्स की आंसरशीट देखें और कंटेंट पर फोकस करें –
निधि मानती हैं कि अगर कंटेंट तैयार है तो आंसर फ्रेम करने में बहुत समय नहीं लगता. कैसे आंसर लिखने हैं यह जानने का बेस्ट तरीका है इंटरनेट पर उपलब्ध टॉपर्स की आंसरशीट्स. इन्हें देखें और समझें की एक अच्छा उत्तर कैसे लिखा जाता है. इसके साथ ही कंटेंट पर मुख्य ध्यान दें अगर कुछ आएगा ही नहीं तो लिखेंगे क्या. अगर एक अच्छा कंटेंट आपके पास है तो उसे पेन डाउन करने में न ज्यादा समय लगता है न ही बहुत समस्या पेश आती है. सभी उत्तरों का एक तय फॉरमेट होता है इंट्रोडक्शन, मेन बॉडी और कॉनक्लूजन. इसे फॉलो करते हुए ही आंसर लिखें. इंट्रोडक्शन में उस विषय से संबंधित जो भी फैक्ट्स, डेटा वगैरह आप जानते हों, वे सब डालें इससे अच्छा इंप्रेशन पड़ता है. सभी विषयों का इंट्रोडक्शन आप पहले से तैयार नहीं कर सकते पर जहां तक संभव हो एक प्रभावी शुरुआत करें.
पेपर कभी न छूटे, यह ध्यान रखें –
निधि आगे बताती हैं कि इस परीक्षा में इतना कांपटीशन है कि अगर आपने एक भी प्रश्न छोड़ दिया तो सेलेक्शन के चांसेस तो कम हो ही जाते हैं साथ ही रैंक आने की संभावना तो न के बराबर रह जाती है. भले उतने अच्छे से सभी उत्तर न लिख पाएं पर सभी प्रश्न अटेम्पट करें. निधि भी शुरू में दिए गए समय में पेपर हल नहीं कर पाती थी और तीन-चार प्रश्न छूट ही जाते थे. इसके साथ ही उनके मार्क्स भी मॉक टेस्ट में बहुत खराब आते थे पर उन्होंने कभी इन बातों से दिल छोटा नहीं किया और हमेशा यह माना की प्रैक्टिस से ये सब सुधर जाएगा और ऐसा ही हुआ. वे कहती भी हैं कि मॉक के रिजल्ट को ज्यादा सीरियसली न लें और तैयारी जारी रखें. अपनी कमियां दूर करें पर निराश न हों. धीरे-धीरे आप हर चीज पर कमांड करना सीख जाएंगे.
मोटिवेशन हो तगड़ा –
निधि के केस में शुरू से ही यह साफ था कि उनके पास ज्यादा अटेम्पट्स देने का समय नहीं है. वे इसके पहले एमबीबीएस और बीएचयू से एमएस भी कर चुकी थी और एक अस्पताल में सीनियर रेसिडेंट के पद पर काम कर रही थी. उन्हें एमएस के दौरान लगा कि एक डॉक्टर मरीजों का इलाज करने के अलावा कुछ खास उनके लिए नहीं कर सकता जबकि एक एडमिनिस्ट्रेटेव ऑफिसर बहुत कुछ बदल सकता है. इस विचार के कारण ही वे इस परीक्षा में अपियर हुईं थी और उनकी उम्र भी दो अटेम्प्ट्स देने से ज्यादा की नहीं बची थी. इसमें भी उन्होंने टारगेट एक ही अटेम्पट का रखा था. वे कहती हैं कि जब कोई बाहरी कारण नहीं बल्कि अंदर से कोई तगड़ा मोटिवेशन होता है तो बाकी हर बात छोटी पड़ जाती है और आप सफलता की राह पर निकल पड़ते हैं. निधि ने भी इस सफर के दौरान बहुत कड़ी मेहनत की, अपनी जरूरत के मुताबिक स्ट्रेटजी बनाई और इंटरनेट व सीनियर्स से जितनी हो सके हेल्प ली. अपने आंसर्स को खुद एनालाइज किया और अपनी गलतियों को समय रहते दूर किया. इन्हीं वजहों से निधि ने डॉ. निधि पटेल से निधि पटेल आईएएस तक का सफर एक बार में पूरा कर लिया.
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