(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
IAS Success Story: पहले ही प्रयास में निधि ने पास की UPSC परीक्षा और ऐसे बनीं डॉक्टर से IAS
डॉ. निधि पटेल ने साल 2017 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास की थी. इसके पहले वे मेडिकल साइंस में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर चुकी थी. जानते हैं निधि से कैसे उन्होंने बहुत कम समय में इस परीक्षा के लिए तैयारियां की.
Success Story Of IAS Topper Nidhi Patel: साल 2017 की टॉपर निधि पटेल कई मायनों में खास हैं. आईएएस पद के लिए चुने जाने से पहले निधि एमबीबीएस और एमएस की डिग्री ले चुकी हैं. यही नहीं मेडिकल साइंस में इतनी पढ़ाई के बाद निधि ने कुछ समय तक काम भी किया. इसी दौरान निधि को किसी ऐसे क्षेत्र में जाने का ख्याल आया जहां से जरूरतमंद लोगों की ज्यादा सेवा की जा सके.
दरअसल मेडिकल की डिग्री के बाद जब निधि जॉब कर रही थी तो ऐसे बहुत से जरूरतमंद लोगों के संपर्क में आईं जिन्हें बहुत से क्षेत्रों में मदद की जरूरत थी और निधि केवल एक डॉक्टर के ही तौर पर उनकी सहायता कर पा रही थी. ऐसे में निधि को लगा कि कोई और क्षेत्र ज्वॉइन करना चाहिए जिससे इनकी और मदद की जा सके.
इसी विचार के साथ निधि ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा देने का मन बनाया और जुट गईं तैयारियों में. निधि की तैयारियों की खास बात यह थी कि उन्होंने एग्जाम क्रैक करने में बहुत समय नहीं लगाया और पहले ही प्रयास में केवल नौ से दस महीने की तैयारी में परीक्षा पास कर ली. कैसे किया निधि ने यह कमाल, जानते हैं उनके द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए गए इंटरव्यू में.
कंटेंट पर दिया सबसे अधिक ध्यान –
निधि अपनी तैयारियों के विषय में बात करते हुए कहती हैं कि चूंकि उनके पास समय कम था और उन्होंने पहले ही प्रयास में परीक्षा पास करने का टारगेट रखा था इसलिए परीक्षा से जुड़ी किसी भी चीज को सीमित समय के लिए ही प्रैक्टिस किया. दरअसल जब निधि ने इस एग्जाम को देने की योजना बनाई उस समय उनके पास केवल दो अटेम्प्ट बचे थे, जिसमें भी निधि पहले प्रयास को ही आखिरी बना देना चाहती थी और ऐसा ही हुआ.
इस वजह से चाहे नोट्स बनाने हों या आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करनी हो, निधि ने बहुत समय किसी पर भी खर्च नहीं किया. उन्होंने अपने टारगेट सेट किए थे जिन्हें वे समय के अंदर खत्म करके ही दम लेती थी.
आंसर राइटिंग को निधि जरूरी मानती हैं पर वे यह भी कहती हैं कि अगर आपको पास कंटेंट तैयार है तो उत्तर लिखने में बहुत समस्या नहीं होगी. अगर जो लिखना है वही नहीं आता तो आंसर राइटिंग प्रैक्टिस का भी कोई मतलब नहीं. इसलिए निधि ने पूरा फोकस अच्छा कंटेंट तैयार करने पर दिया और थोड़ी ही आंसर राइटिंग प्रैक्टिस की. हालांकि उन्होंने इस बात का ख्याल रखा कि आंसर लिखने के बाद उन्हें टॉपर्स की कॉपी से कंपेयर किया और जहां कमी दिखी, उसे समय रहते दूर किया.
यहां देखें निधि पटेल द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू -
निधि का अनुभव –
निधि परीक्षा के बारे में अपना अनुभव शेयर करते हुए कहती हैं कि उत्तर लिखते समय उन्हें प्रभावशाली बनाने की पूरी कोशिश करें और जो भी एक अच्छे आंसर के एलिमेंट्स माने जाते हैं, वे सब अपने उत्तर में डालें, तभी आपको बढ़िया अंक मिलेंगे.
इसी प्रकार आंसर राइंटिंग प्रैक्टिस सीमित करें पर इस बात का ध्यान रखें कि पेपर समय के अंदर पूरा करने की क्षमता विकसित कर लें. मुख्य परीक्षा वाले दिन अगर प्रश्न छोड़कर आएंगे तो सेलेक्शन मुश्किल होगा या रैंक अच्छी नहीं आएगी. इसलिए दिए गए समय के अंदर पेपर जरूर पूरा करें. इसके लिए खूब मॉक दें. इससे आपको अपनी कमी पता चल जाएगी.
अगली जरूरी बात निधि मोटिवेशन को लेकर कहती हैं. वे कहती हैं जब इस परीक्षा की तैयारी का मन बनाते हैं तो राह में बहुत कठिनाइयां आती हैं लेकिन उन कठिनाइयों से पार वही पाता है जो हिम्मत नहीं हारता और जिसके अंदर इस फील्ड में आने का तगड़ा मोटिवेशन होता है. इसलिए लक्ष्य को साफ रखने के साथ ही पाक भी रखें, सफल जरूर होंगे.
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