IAS Success Story: शादी, क्लीनिक और प्रेग्नेंसी की जिम्मेदारियों के बीच डॉ. प्रज्ञा ने पूरा किया UPSC सफर और बनीं टॉपर
डॉ. प्रज्ञा जैन ने साल 2016 में अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास की थी. इस समय वे प्रेग्नेंट भी थी लेकिन प्रज्ञा ने विभिन्न जिम्मेदारियों के बीच कभी हार नहीं मानी और ऐसे पाई सफलता.
Success Story Of IAS Topper Pragya Jain: हम सब जानते हैं कि यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करना आसान नहीं होता. उस पर भी अगर आपके साथ और जिम्मेदारियां जुड़ी हों तो यह सफर और मुश्किल हो जाता है. लेकिन प्रज्ञा जैन ने यह साबित कर दिया कि अगर आपके अंदर लग्न है तो चाहे कैसी भी कंडीशन हो आप सफलता हासिल कर सकते हैं. प्रज्ञा के साथ वे सारी कंडीशंस थी जो सफलता हासिल करने के रास्ते की बाधा मानी जाती हैं. जैसे प्रज्ञा शादीशुदी थी, डॉक्टर होने के नाते क्लीनिक भी संभालती थी और तीसरे अटेम्प्ट के दौरान वे प्रेग्नेंट भी थी. इतनी सारी जिम्मेदारियों के बीच प्रज्ञा ने न केवल परीक्षा दी बल्कि 194वीं रैंक के साथ सफलता भी हासिल की. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में प्रज्ञा ने अपनी तैयारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. जानते हैं विस्तार से.
तीसरे प्रयास में हुआ चयन –
प्रज्ञा जैन एक होम्योपैथिक डॉक्टर हैं और दिन के कई घंटे अपनी क्लीनिक पर देती हैं. घर परिवार की जिम्मेदारी भी साथ-साथ चलती ही है. इसी बीच उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने का मन बनाया और तैयारी शुरू कर दी. अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करने के बावजूद प्रज्ञा का सेलेक्शन पहले दो प्रयासों में नहीं हुआ. खास बात यह है कि उम्र के लिहाज से प्रज्ञा का तीसरा अटेम्प्ट उनका आखिरी अटेम्प्ट भी था. अगर इस साल वे चयनित न होती तो फिर परीक्षा देने का मौका उन्हें नहीं मिलता. शायद इसीलिए घर, क्लीनिक और सबसे बड़ी जिम्मेदारी प्रेग्नेंसी के बीच भी उन्होंने जान लगा दी और अंततः सफल भी हुईं.
दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में डॉ. प्रज्ञा ने विस्तार से बात की
कोचिंग का नहीं लिया सहारा, सेल्फ स्टडी से की पढ़ाई –
प्रज्ञा के केस में दूसरी खास बात यह थी कि इन सालों में उन्होंने कभी कोचिंग नहीं ली और पूरी तैयारी अपने दम पर की. क्लीनिक और घर के काम के बीच जो समय बचता था वे उसी में पढ़ती थी और इसके अलावा जब जहां समय मिलता था उस मौके का लाभ उठाती थी. दिन के 6 से 8 घंटे तो क्लीनिक में ही निकल जाते थे बावजूद इसके प्रज्ञा ने कभी समय की कमी का रोना नहीं रोया और जो था उसी में एडजस्ट करने की हमेशा कोशिश की.
प्रज्ञा आगे कहती हैं कि यूपीएससी को लेकर दूसरी बात अक्सर लोग कहते हैं कि जितना जल्दी तैयारी शुरू कर दें उतना अच्छा है उनके केस में यह भी नहीं हो पाया क्योंकि उन्होंने तैयारी का मन ही बहुत अंत में बनाया था. कुल मिलाकर यह समझ लें कि परीक्षा पास करने के कोई सेट नियम नहीं होते. आप जैसे चाहें वैसे चीजें हैंडल की जा सकती हैं.
प्रज्ञा की सलाह –
प्रज्ञा कहती हैं कि कोचिंग लें या न लें लेकिन टेस्ट सीरीज जरूर ज्वॉइन करें. जब तक आप पेपर की प्रैक्टिस नहीं करेंगे तब तक मुख्य परीक्षा वाले दिन आपका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहेगा. इसके साथ ही इंटरव्यू के लिए ज्यादा नहीं लेकिन कुछ मॉक टेस्ट जरूर दें. इससे आप माहौल से परीचित हो जाते हैं.
रही तैयारी की बात तो प्रज्ञा ने एनसीईआरटी और स्टैंडर्ड बुक्स से ही तैयारी की थी और जब एक स्तर पर तैयारी पहुंच गई तो प्रैक्टिस आरंभ कर दी थी. वे खूब मॉक देती थी और बिलकुल परीक्षा वाले माहौल में टेस्ट देती थी ताकि उसकी आदत बन सके. अंत में बस इतना ही कि नोट्स जरूर बनाएं क्योंकि इनसे रिवीजन अच्छे से होता है और इस परीक्षा में सफलता का एक ही मूल-मंत्र है बार-बार रिवीजन.
IAS Success Story: इंटरव्यू में सबसे ज्यादा नंबर लाकर विश्वांजली ने किया UPSC परीक्षा में टॉप, स्टूडेंट्स को दिए हैं ये खास टिप्सEducation Loan Information:
Calculate Education Loan EMI