Success Story Of IAS Topper Gopal Krishna: साल 2018 बैच के आईएएस गोपाल कृष्ण की यूपीएससी जर्नी काफी उतार-चढ़ाव भरी रही. उन्होंने यूपीएससी सीएसई परीक्षा के चार अटेम्पट्स दिए जिसमें से तीन बार वे मेन्स क्लियर करके अंतिम चरण तक पहुंचे पर दो बार किसी न किसी वजह से असफल रहे. इस क्षेत्र में आने से पहले गोपाल मेडिसिन में अपना कैरियर बना चुके हैं. जब उन्होंने यूपीएससी का मन बनाया उस समय वे मेडिकल ऑफिसर के रूप में दो साल और ट्यूटर के रूप में एक साल काम कर चुके थे. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में गोपाल ने अपनी जर्नी के उतार-चढ़ाव शेयर किए.


चौथी बार में मिली सफलता –


गोपाल मुख्यतः बंगलुरू के रहने वाले हैं. उन्होंने यहीं से अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की और दो अलग-अलग क्षेत्रों में तीन साल काम किया. कुछ कारणों से उन्होंने सिविल सेवा के क्षेत्र में आने का मन बनाया और प्रयास शुरू कर दिए.


पहले प्रयास में गोपाल प्री पासकर मेन्स तक पहुंचे पर यहां अटक गए यानी मेन्स क्लियर नहीं कर पाए. दूसरे प्रयास में प्री, मेन्स, इंटरव्यू सब क्लियर हुआ लेकिन फाइनल लिस्ट में नाम नहीं आया. तीसरी बार में यानी साल 2016 में उन्हें इंडियन ऑडिट और एकाउंट्स सर्विसेस सेवा एलॉट हुई क्योंकि उनकी रैंक थी 786. जाहिर सी बार है इस साल उन्होंने सभी परीक्षाएं पास कर ली थी. गोपाल ने अभी भी अपने प्रयास बंद नहीं किए साल 2017 की परीक्षा में 265 रैंक के साथ सफल हुए. इस प्रकार गोपाल को चार साल के संघर्ष के बाद मंजिल मिली. साल 2018 में उन्हें आईएएस पद एलॉट हुआ.


देखें गोपाल कृष्ण द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू



सफलता का शोर न मचाएं –


गोपाल ने इन चार सालों में जो कुछ सीखा उसका निचोड़ कुछ इस प्रकार बताया. वे कहते हैं कि जब तक परीक्षा पूरी तरह पास न हो जाए तब तक चरण पास करने का शोर न मचाएं क्योंकि अगर अगले चरण में अटक गए तो बहुत शर्मिंदगी होती है. अपने रिश्तेदार या जानने वाले को न कहें कि प्री पास हुआ है या मेन्स. जब रैंक आ जाए तभी बात आगे बढ़ाएं.


दूसरी जरूरी बात की अपनी स्टडी प्लान करें. शॉट टर्म से लेकर मीडियम और लांग टर्म गोल बनाएं और उन्हें पूरा करें. एक डायरी में लिखते चलें कि आपको कब क्या करना है वरना अंत में देर हो जाती है. वे कहते हैं कि समय सभी के पास उतना ही होता है पर सफल वही होता है जो समय को बांट लेता है और टारगेट पूरा करता चलता है.


स्मार्ट स्टडी करें –


गोपाल खासतौर पर वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए कहते हैं कि आपको स्मार्ट स्टडी करनी चाहिए क्योंकि आपके पास दूसरों की तुलना में कम समय होता है. उदाहरण के लिए खुद नोट्स बनाने की जगह उन कोचिंग इंस्टीट्यूट्स से मैटीरिल ले लें जो सबकुछ तैयार रखते हैं. अगर खुद से हर चीज करने की कोशिश करेंगे तो बहुत समय लगेगा.


इस काम के लिए इंटरनेट की मदद लेना भी एक अच्छा ऑप्शन है क्योंकि यहां आपको एक क्लिक पर सब मिल जाएगा. पहले की बात और थी जब हर चीज को अरेंज करने के लिए परेशान होना पड़ता था लेकिन अब इंटरनेट का जमाना है इसका लाभ उठाएं.


मोटिवेशन बनाएं रखें –


गोपाल अगली जरूरी बात मानते हैं मोटिवेशन को. वे कहते हैं कि पूरे सफर के दौरान अपना मोटिवेशन हाई रखें. इसके लिए इंस्पिरेशनल मूवी देखना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है जैसा कि वे करते थे. वे कहते हैं कि पढ़ाई के बीच में क्वालिटी ब्रेक लेना बहुत जरूरी है जो आपके दिमाग को रिफ्रेश कर सके.


दूसरी जरूरी चीज है पियर ग्रुप. अपना ग्रुप स्ट्रांग और सपोर्टिव रखें, यह शुरू से अंत तक बहुत मदद करता है. पढ़ाई में कहां क्या चल रहा है, क्या जरूरी है क्या नहीं इस सबका अपडेट अगर आप नहीं रख पा रहे हैं तो आपके दोस्त आपकी मदद कर सकते हैं.


अंतिम सलाह –


गोपाल आखिर में यही कहते हैं कि खूब आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करें. बिना अच्छे उत्तरों के आपने कितनी भी अच्छी तैयारी की हो पर कोई फायदा नहीं होता. हमेशा पॉजिटिव रहें और अपना टेंपो भी हाय रखें. अकसर पहले प्रयास के बाद कैंडिडेट्स का टेंपो लो हो जाता है, इस पर काम करें. खुद से दस या पन्द्रह मिनट रोज बात करें और सबसे जरूरी बात कि खुद पर विश्वास रखें. सही प्रयास और कड़ी मेहनत से चीजें ठीक से होने लगती हैं. हो सकता है तुरंत सफलता न मिले पर समय आने पर आप मंजिल तक जरूर पहुंचेंगे, बस धैर्य बनाएं रखें.


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