Success Story Of IAS Topper Gunjan Dwivedi: यूपीएससी एक ऐसा एग्जाम है जिसके नेचर के बारे में कुछ भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. कई बार कुछ कैंडिडेट्स एक साल प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाते तो अगले साल टॉपर बन जाते हैं. और कई बार एक साल इंटरव्यू राउंड तक पहुंचकर भी अगले साल प्री में अटक जाते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ हमारी आज की टॉपर गुंजन द्विवेदी के साथ. गुंजन अपने दो प्रयासों में प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाई थी और तीसरे में तीनों स्टेजेस पार करते हुए न केवल सेलेक्ट हुईं बल्कि टॉप टेन की सूची में भी शामिल हुईं. साल 2018 में अपने तीसरे प्रयास में गुंजन ने ऑल इंडिया रैंक 9 पायी और उन्हें उनका मनचाहा आईएएस पद मिला. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में गुंजन ने परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के विषय में चर्चा की.


गुंजन का बैकग्राउंड -


गुंजन मूलतः लखनऊ की हैं और उनके पिताजी आईपीएस ऑफिसर के पद से रिटायर्ड हैं. गुंजन की बड़ी बहन भी इनकम टैक्स ऑफिसर हैं. इस प्रकार आप देख सकते हैं कि उनके घर में शुरू से पढ़ाई का माहौल तो था ही साथ ही वे सिविल सर्वेंट्स के बीच पली थी. बचपन से ही उन्होंने एक ऑफिसर के काम काज को करीब से देखा था और यही वजह थी कि वे इस क्षेत्र में बहुत छोटी उम्र से रुझान लेने लगी थी. गुंजन ने दिल्ली के दौलत राम कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में डिग्री ली. 2014 में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने अपना पहला अटेम्पट 2016 में दिया, फिर 2017 में. दोनों में ही वे प्री तक भी नहीं पहुंची. 2018 में उन्होंने 9वीं रैंक के साथ टॉप किया.


यहां देखें गुंजन द्विवेदी द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू - 


प्री के लिए देती हैं बेसिक्स पर जोर –


गुंजन कहती हैं कि परीक्षा के तीन स्टेजेस में से पहली स्टेज प्री को वे सबसे अधिक टिपिकल मानती हैं और इसका कारण शायद यह है कि वे बार-बार इसी स्टेज पर आकर अटक जाती थी. वे कहती हैं कि तैयारी की शुरुआत के पहले बहुत अच्छे से सिलेबस देखें और जल्दबाजी न करते हुए पहले बेसिक्स पर फोकस करें. इसके लिए एनसीईआरटी की किताबें बहुत मदद करती हैं. गुंजन की सलाह है कि क्लास 6 से 12 की एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ें और विशेष ध्यान क्लास 11 और 12 की किताबों पर दें. ये सबसे अधिक मदद करती हैं. एक बार बेस क्लियर और मजबूत हो जाने के बाद आगे बढ़ें, इससे आगे चलकर परेशानी नहीं आती.


गुंजन एक सलाह और देती हैं कि इस परीक्षा के किसी भी स्टेज पर शॉर्टकट अपनाने की कोशिश न करें, बुरी तरह फेल होंगे. जो और जितना पढ़ना जरूरी है वह सब पढ़ें. यह परीक्षा शॉर्टकट से नहीं पास हो सकती.


 


मेन्स है एनालिटिकल एग्जाम –


गुंजन कहती हैं कि मेन्स की तैयारी के लिए आपको थोड़ा डीप में जाना पड़ता है. हालांकि दोनों ही स्टेजेस की तैयारी साथ करें लेकिन जब बात मेन्स की आए तो थोड़ा गरहाई से विषयों को समझें और उस पर आपका जो मत हो, वह भी कहें. मेन्स के कई विषयों में कई बार आपका व्यू पूछा जाता है इसलिए चीजों को देखने का अपना नजरिया डेवलेप करें.


न्यूज पेपर परीक्षा की तैयारी की शुरुआत से लेकर अंत तक पढ़ते रहें और किसी भी स्टेज पर आकर अखबार पढ़ना न बंद करें. इससे आपको दुनिया भर की हर छोटी-बड़ी जानकारी रहती है और यह जानकारी परीक्षा के हर स्टेज पर बहुत काम आती है.


जैसा कि हम सब जानते हैं कि इस एग्जाम में सफलता पाने के लिए रिवीजन बहुत जरूरी है इसलिए जब तैयारी एक स्तर पर पहुंच जाए तो जितना हो सके रिवाइज करें. किताबें कम रखें लेकिन उन्हें बार-बार पढ़ें.


गुंजन की सलाह -


गुंजन कहती हैं कि इस परीक्षा में सफलता हासिल करने में कई बार समय लग जाता है. ऐसे में खुद को मोटिवेटेड रखें और यह काम आपको खुद करना होगा. कोई भी बाहरी व्यक्ति आपको अधिक समय तक मोटिवेट नहीं कर सकता, यह अंदर से आना चाहिए. आप क्या पढ़ रहे हैं, कैसे पढ़ रहे हैं ये सब किसी को बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप किसी को दिखाने के लिए नहीं बल्कि अपने लिए पढ़ रहे हैं. कुल मिलाकर खुद से ईमानदार रहें.


कई बार इस सफर में सफलता देर से मिलती है लेकिन घबराएं नहीं क्योंकि यह सफर हर किसी के लिए अलग होता है. अगर सच्चे दिल से प्रयास किया जा रहा है तो वह बेकार नहीं जाता. भले देर से सही लेकिन मंजिल मिलती जरूर है.


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