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IAS Success Story: बार-बार असफल होने के बावजूद गुंजन ने नहीं मानी हार, तीसरी बार में की यूपीएससी परीक्षा पास

गुंजन सिंह ने साल 2019 में 16वीं रैंक के साथ यूपीएससी सीएसई परीक्षा में टॉप किया था. यह उनका तीसरा प्रयास था. आईआईटी से आईएएस बनने तक, गुंजन सिंह की जर्नी को जानते हैं नजदीक से.

Success Story Of IAS Topper Gunjan Singh: गुंजन सिंह उन कैंडिडेट्स में से नहीं आती जो हमेशा से यूपीएससी के क्षेत्र में आने का सपना देखते हैं. जीवन के कुछ अनुभव उन्हें इस ओर रुख करने के लिए प्रेरित करते हैं और इरादे की पक्की गुंजन कई असफलताओं के बावजूद हिम्मत नहीं हारती और लगी रहती हैं. अंततः अपने दृढ़ निश्चय से वे मंजिल तक पहुंच ही जाती हैं. गुंजन को यह सफलता अपने तीसरे प्रयास में मिली. साल 2019 में गुंजन  ने ऑल इंडिया रैंक 16 के साथ यह परीक्षा पास की. इसी के साथ उनका आईएएस बनने का लक्ष्य पूरा हुआ. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में गुंजन ने अपने सफर के बारे में विस्तार से बात की.

गुंजन का एजुकेशनल बैकग्राउंड और मोटिवेशन –

गुंजन मूलतः कानपुर, उत्तर प्रदेश की हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई यहीं हुई. चूंकि इस समय गुंजन के दिमाग में यूपीएससी दूर-दूर तक नहीं था इसलिए उन्होंने अपने पुराने प्लान के हिसाब से जेईई का एंट्रेंस दिया और सेलेक्ट होकर आईआईटी रुड़की चली गईं. यहां से गुंजन ने ग्रेजुएशन पूरा किया. इसी दौरान वे इंटर्नशिप के लिए पास के गांव गईं और बच्चों को पढ़ाया. यही वो वक्त था जब गुंजन को ऐसे किसी क्षेत्र को ज्वॉइन करने का ख्याल आया जिससे समाज के गरीब तबके की मदद की जा सके. तभी उन्हें लगा कि यूपीएससी के माध्यम से यह ख्वाहिश पूरी की जा सकती है.

इस विचार के साथ गुंजन ने यूपीएससी की तैयारी आरंभ कर दी. इसके पहले उन्होंने एक कंपनी में एक साल नौकरी भी की लेकिन तैयारी के पहले गुंजन ने जॉब छोड़ना उचित समझा.

गुंजन की मां उनकी सबसे बड़ी प्रेरणास्त्रोत रहीं जिनके सानिध्य और गाइडेंस में उन्होंने जीवन में कई मुकाम हासिल किए. फिर चाहे वह आईआईटी हो या यूपीएससी.

यहां देखें गुंजन सिंह द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू - 

  

गुंजन का यूपीएससी सफर –

गुंजन को यूपीएससी एग्जाम में आसानी से सफलता नहीं मिली लेकिन बार-बार मिलती असफलताओं से वे निराश भी नहीं हुईं. पहले प्रयास में गुंजन का प्री में ही सेलेक्शन नहीं हुआ. दूसरे प्रयास में वे इंटरव्यू राउंड तक पहुंचीं लेकिन अंतिम सूची में नाम नहीं आया. दो बार असफल होने के बावजूद गुंजन ने फिर कोशिश की और अंततः अपने तीसरे अटेम्प्ट में साल 2019 में न केवल सेलेक्ट हुईं बल्कि 16वीं रैंक के साथ टॉप भी किया. इस प्रकार उन्हें उनका मन-माफिक आईएएस पद मिला. इस दौरान मिलती बार-बार असफलताओं से निराश गुंजन को उनके परिवार और खासतौर पर मां ने काफी संभाला. गुंजन भी इस बात को स्वीकारती थी की कहीं न कहीं कमी उनकी तरफ से ही रह जाती है. जैसे उनके दूसरे अटेम्प्ट के लिए वे मानती हैं कि आंसर राइटिंग प्रैक्टिस न करने से उनके मेन्स में कम अंक आए.

गुंजन की सलाह –

गुंजन परीक्षा की तैयारी के विषय में बात करते हुए कहती हैं कि सबसे पहले जरूरी है इनर मोटिवेशन जो केवल आपको पता होगा और जो इतना तगड़ा होना चाहिए कि चाहे जो भी हो आप अपने कदम पीछे न करें. जब इस लेवल का मोटिवेशन होता है तभी बार-बार मिलती असफलताओं से आप हार नहीं मानते.

अगली जरूरी बात गुंजन कहती हैं कि एक ऑर्गेनाइज्ड स्ट्रक्चर बनाकर पढ़ें. यानी आपको पता होना चाहिए कि अगले एक-डेढ़ साल में एग्जैक्टली किस महीने में आपको क्या पढ़ना है. यह जर्नी कई बार लंबी होती है. अगर प्लान करके नहीं पढ़ेंगे तो एक तो समय पूरा नहीं पड़ेगा, दूसरा सिलेबस भी छूटेगा और समय से खत्म नहीं हो पाएगा.  इस मैक्रो प्लान के अलावा एक माइक्रो प्लान भी बनाएं जिसमें डेली और वीकली टारगेट्स लिखें और ये भी देखें कि वे पूरे हो रहे हैं या नहीं.

स्ट्रेटजी देखें सबकी और गाइडेंस भी लें लेकिन अपने लिए अपने अनुसार प्लान बनाएं जो आपकी जरूरतों पर आधारित होना चाहिए. सिलेबस के की-वर्ड्स सर्च करके पढ़ें तभी आपकी यह धारणा बदलेगी कि इस एग्जाम में कुछ भी पूछा जाता है. दरअसल ऐसा नहीं है. जब आप छोटी-छोटी चीजों को प्लान करते हैं तो कुछ भी असंभव नहीं लगता. अंत में बस इतना ही की इस सफर में कई बार मंजिल देर से मिलती है लेकिन परेशान न हों, प्रयास सच्चा है तो एक दिन एग्जाम क्लियर जरूर होगा.

IAS Success Story: दूसरे ही प्रयास में एक छोटे से गांव की तपस्या बनीं IAS ऑफिसर, ऐसे पहुंची मंजिल तक  

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