Success Story Of IAS Topper Himanshu Gupta: साल 2019 के टॉपर हिमांशु गुप्ता मूलतः दिल्ली के रहने वाले हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई भी यहीं हुई और बारहवीं के बाद हिमांशु ने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री ली. हिमांशु हमेशा से पढ़ाई में अच्छे थे लेकिन ग्रेजुएशन की स्टेज तक आकर भी कभी उन्होंने यूपीएससी के क्षेत्र में जाने की योजना नहीं बनाई थी. इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद हिमांशु एक कंपनी में नौकरी करने लगे और करीब डेढ़ साल उन्होंने यहां काम किया.


इसी दौरान कुछ कारणों से हिमांशु को यूपीएससी का ख्याल आया और उन्होंने पूरे जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी. हिमांशु ने अपना पहला अटेम्प्ट जॉब में रहते हुए ही दिया. इस अटेम्प्ट में जब हिमांशु फेल हुए तो उन्हें लगा कि परीक्षा की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ना ही अच्छा विकल्प है. इस विचार के साथ हिमांशु ने जॉब छोड़ दी और तैयारी करने लगे. इस साल उन्होंने पूरी दम लगा दी लेकिन फिर भी पहले ही चरण में फेल हो गए. आखिर क्या था हिमांशु की बार-बार असफलता के पीछे? ये और ऐसी बहुत सी बातें शेयर की हिमांशु ने दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में.


स्ट्रेस ने किया पेपर खराब –


हिमांशु का दूसरे अटेम्प्ट में प्री स्टेज से ही बाहर हो जाने का कारण यह था कि वे इस बार तैयारियों को लेकर इतना ज्यादा एक्साइटेड और जुनूनी हो गए थे कि दिन-रात केवल पढ़ाई में लगे रहते थे. उन्होंने जमकर टेस्ट दिए, खूब मॉक पेपर सॉल्व किए. इस प्रकार वे दिन-रात केवल एग्जाम ही दे रहे थे. नतीजा यह हुआ कि जब मुख्य परीक्षा की बारी आयी उस समय तक हिमांशु इस कदर थक चुके थे कि उनके अंदर जो उत्साह इस परीक्षा के लिए होना चाहिए था, वह नहीं था. वे तनाव की स्थिति में थे और नतीजा यह हुआ कि हिमांशु बहुत सारे प्रश्न जिनके लिए वे श्योर नहीं थे, हल करते गए. अंत में जब परिणाम आया तो बात हाथ से निकल चुकी थी.


निराश हिमांशु ने तय किया कि वे अगले प्रयास में ऐसी कोई गलती नहीं करेंगे जो उन्होंने पहले की थी. इस बार उन्होंने अपनी सभी कमियों पर काम किया और रिजल्ट सबके सामने है. तीसरे प्रयास में हिमांशु न केवल सेलेक्ट हुए बल्कि टॉपर भी बनें.


यहां देखें हिमांशु गुप्ता द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू - 




 


हिमांशु की सलाह –


हिमांशु कहते हैं कि इस परीक्षा के लिए दो चीजें बहुत जरूरी हैं, एक सिलेबस और दूसरा पिछले साल के प्रश्न-पत्र. वे कहते हैं कि सिलेबस तो इस कदर जरूरी है कि यह आपको अपनी उंग्लियों पर रटा होना चाहिए. जब इस लेवल का सिलेबस का ज्ञान होगा, तभी बात बनेगी. दूसरी जरूरी बात है पिछले साल के क्वैश्चन पेपर देखना. हिमांशु कहते हैं सिलेबस में विषय देखने के बाद यह देखें कि उन विषयों से किस प्रकार के प्रश्न आते हैं. ये दो बहुत ही जरूरी बिंदु हैं, जिनका विशेष ध्यान रखें.


अगली जरूरी बात है तैयारी के दौरान मोटिवेटेड रहने की. हिमांशु कहते हैं चाहे जो हो जाए, चाहे आप कितनी भी बार असफल हो जाएं पर हिम्मत न हारें. दिमाग में यह बैठा लें कि एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी. इसके साथ ही निष्काम कर्म की फिलॉसफी पर भरोसा करते हुए तनाव न लें. तैयारी जमकर करें पर इस बात की चिंता न करें कि सेलेक्शन होगा की नहीं. इन बातों का ध्यान रखकर आगे बढ़ेंगे तो सफल जरूर होंगे.


 

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