IAS Success Story: हमेशा एक एवरेज स्टूडेंट रहे जुनैद ने यूपीएससी में तीसरी रैंक लाकर लिखी सफलता की नई कहानी
कभी 60 परसेंट से ज्यादा अंक न ला पाने वाले जुनैद अहमद ने जब यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया तो यह मिथक टूटा की हमेशा अव्वल रहने वाले स्टूडेंट ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर सकते हैं.
Success Story Of IAS Junaid Ahmad: यूपीएससी जैसी बड़ी और कठिन परीक्षा की जब बात चलती है तो एक मत में सब कहते हैं कि यह परीक्षा पास करने वाले बहुत इंटेलीजेंट होते हैं. यह परीक्षा पास करना हर किसी के बस की बात नहीं. यही नहीं अगर आंकड़ें उठाकर देखें तो यह भी निकलकर आएगा कि अधिकतर आईएएस बनने वाले या यूपीएससी पास करने वाले शुरू से ही पढ़ने में काफी होशियार होते हैं. इनके हर कक्षा में अच्छे अंक आते हैं और ये अक्सर टॉपर भी होते हैं. लेकिन आज हम जिनके विषय में आपको बताने जा रहे हैं वे हमेशा से अव्वल आने वाले नहीं बल्कि एक एवरेज़ स्टूडेंट थे. जुनैद के सामान्यतः कभी 60 प्रतिशत से ऊपर नंबर नहीं आये. क्या आप यकीन मानेंगे की यही जुनैद न केवल यूपीएससी परीक्षा पास करते हैं बल्कि ऑल इंडिया रैंक 03 भी लाते हैं. हालांकि जुनैद के लिए यह सफलता आसान नहीं थी. उन्हें एक या दो बार नहीं बल्कि पांचवे अटेम्प में यह सफलता हाथ लगी. इसके पीछे उनकी सालों की मेहनत है.
यूपी के हैं जुनैद –
अब जब जुनैद सफल हो चुके हैं जो उनके नाम कई तरह के रिकॉर्ड हो गए हैं. जैसे अपने टाउन नगीना से आईएएस बनने वाले जुनैद पहले इंसान हैं. वे मूलतः उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नगीना नामक कस्बे के रहने वाले हैं. उनकी शुरुआती शिक्षा यहीं हुयी फिर उन्होंने एएमयू से पढ़ाई की. इसके बाद जुनैद ने ग्रेजुएशन के लिए इग्नू को चुना और ओपेन यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. इस समय तक जुनैद कभी भी पढ़ाई को लेकर न बहुत गंभीर थे, न उनके अंक अच्छे आते थे. हालांकि यही वो समय भी था जब उन्होंने सिविल सर्विसेस देने की सोची. जुनैद ने इसके लिए जामिया मिलिया की रेज़िडेंशियल कोचिंग भी ज्वॉइन कर ली जो खासकर यूपीएससी के एस्पिरेंट्स के लिए चलायी जाती है. यहां पढ़ाई से लेकर रहना खाना सब मुफ्त होता है. जुनैद मानते हैं कि यहां के माहौल से लेकर यहां मिलने वाली शिक्षा ने उन्हें उनका लक्ष्य हासिल करने में बहुत मदद की.
जुनैद का धैर्य है अद्भुत –
जुनैद के लिए यह सफर आसान नहीं था. उन्होंने एक-दो बार नहीं पूरे पांच बार यह परीक्षा दी है. यूपीएससी जैसी परीक्षा की तैयारी जो इंसान को निचोड़ कर रख देती है उसमें इतने साल देना आसान नहीं है वो भी तब जब असफलता पर असफलता हाथ लग रही हो. लेकिन चेहरे पर हमेशा मुस्कान रखने वाले जुनैद किसी भी बात से जल्दी घबराते नहीं हैं. इन पांच सालों में से चौथे साल में जुनैद यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए थे और उन्होंने 352वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की थी. इस साल उन्हें आईआरएस मिला लेकिन जुनैद ने परीक्षा की तैयारी ज़ारी रखी. आखिरकार उनकी सालों की मेहनत सफल हुयी और साल 2019 में जुनैद ने न केवल यूपीएससी परीक्षा पास की बल्कि तीसरी रैंक लाकर वे टॉपर भी बने. इस पूरे सफर में जुनैद की मेहनत और धैर्य काबिलेतारीफ है.
क्या कहता है जुनैद का अनुभव –
जुनैद एक साक्षात्कार में कहते हैं कि इस बात से खास फर्क नहीं पड़ता कि आपका बैकग्राउंड क्या रहा है आप जिस दिन से तैयारी शुरू करते हैं, उसी दिन से शुरुआत होती है. पिछला कुछ भी मैटर नहीं करता खासतौर पर तब जब आपने उन दिनों अच्छे से पढ़ाई नहीं की है. हालांकि वे इस बात को बिल्कुल सपोर्ट नहीं करते कि स्कूल या ग्रेजुएशन के दिनों में ठीक से पढ़ाई नहीं करनी चाहिए. वे मानते हैं कि न पढ़ना बाद में आपसे और मेहनत कराता है. जुनैद कहते हैं शुरू में अपना बेस मजबूत करने के लिए उन्हें आठ से दस घंटे पढ़ाई करनी पड़ती थी लेकिन एक बार बेसिक्स क्लियर हो जाने के बाद 4 से 5 घंटे ही काफी होते हैं. किताबों को लेकर ज्यादा कंफ्यूज़ न हों, जो है उसे ही ठीक से पढ़ें और बार-बार रिवाइज़ करें.
बाकी कैंडिडेट्स से उलट जुनैद मानते हैं कि उन्हें सोशल मीडिया ने परीक्षा की तैयारी करने में बहुत मदद की. वे कहते हैं कि ऑनलाइन इतना कंटेंट है और इतने प्रकार का है कि आप सोच भी नहीं सकते. अगर ठीक तरह से इस्तेमाल किया जाए तो सोशल मीडिया मददगार साबित हो सकती है. इसके अलावा जुनैद कैंडिडेट्स को टिप्स देते हैं कि किसी की न सुनें केवल वही करें जो आपका दिल कहता है. निराशावादी लोगों से दूर रहें और परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी फिजिकल हेल्थ का भी भरपूर ध्यान रखें. अगर सही स्ट्रेटजी बनाकर पूरे दिल से तैयारी करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी.
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