Success Story Of IAS Topper Junaid Ahmad: जुनैद अहमद उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे नगीना के रहने वाले हैं. उनके क्षेत्र से आईएएस बनने वाले वे पहले कैंडिडेट हैं. केवल यही नहीं और भी बहुत से रिकॉर्ड जुनैद के नाम हैं. उनकी सबसे खास बात तो यह है कि अपने पिछले करियर में कभी 60 प्रतिशत से ज्यादा अंक न लाने वाले जुनैद न केवल यूपीएससी परीक्षा पास करते हैं बल्कि ऑल इंडिया रैंक तीन भी लाते हैं. कोई सोच भी नहीं सकता था कि जो लड़का कभी किसी क्लास में बहुत अच्छे अंक नहीं लाया वह एक दिन आईएएस अधिकारी बन जाएगा लेकिन जुनैद ने यह सच कर दिखाया. हालांकि यहां तक पहुंचने के लिए जुनैद ने बहुत कठिनाइयों का सामना किया बहुत से फेलियर फेस किए पर कभी हार नहीं मानी. साल 2018 में टॉप करने के पहले जुनैद कई बार असफल हुए. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में जुनैद ने अपने इस सफर के बारे में संक्षिप्त में बात की.


 


जुनैद का परिचय –


अगर जुनैद के एजुकेशनल बैकग्राउंड के बारे में बात करें तो उनकी शुरुआती शिक्षा नगीना में ही हुई. इसक बाद उन्होंने इग्नू से स्नातक की डिग्री ली. इस समय तक जुनैद के हर कक्षा में औसत अंक ही आते थे. ग्रेजुएशन के समय ही जुनैद ने यूपीएससी की तैयारी करने का मन बनाया और इसी इरादे से जामिया मिलियी की रेजिडेंशियल कोचिंग ज्वॉइन करने दिल्ली पहुंच गए. उन्होंने कोचिंग ज्वॉइन की और तैयारी करने लगे. जुनैद मानते हैं कि यहां आने के बाद उनकी पर्सनेलिटी में बहुत सकारात्मक परिवर्तन हुए.


जुनैद की असफलताओं का सिलसिला भी यहीं से शुरू हुआ और वे एक-दो नहीं पूरे तीन बार यूपीएससी सीसएसई परीक्षा निकालने में नाकाम रहे. हालांकि इतने के बाद भी उनकी हिम्मत नहीं टूटी और जुनैद ने चौथा अटेम्प्ट दिया. इसी प्रयास में पहली बार जुनैद ने सफलता का पहला स्वाद चखा जब 352 रैंक के साथ उनका सेलेक्शन हुआ. जुनैद को इंडियन रेवेन्यू सर्विस एलॉट हुई पर वे इतने से संतुष्ट नहीं थे. जुनैद ने फिर एग्जाम दिया और इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ेते हुए ऑल इंडिया रैंक तीन के साथ टॉपर बने.


 


यहां देखें जुनैद अहमद द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू - 



जुनैद का अनुभव –


जुनैद सबसे पहले तो सलाह देते हैं कि इस एग्जाम को तीन भागों में बांटकर तैयार करने के बजाय इंटीग्रेटेड वे में इसकी तैयारी आरंभ करें. जब कोई हिस्सा तैयार करें तो प्री, मेन्स और इंटरव्यू तीनों के लिहाज से उसे प्रिपेयर करें. सबसे पहले अपना बेस मजबूत करें और इस स्टेप को स्किप करने की कतई कोशिश न करें. इसके लिए जुनैद एनसीईआरटी की किताबों को बहुत अच्छे से पढ़ने की सलाह देते हैं. उन्होंने भी इन किताबों को बहुत बढ़िया तरह से प्रिपेयर किया था. इसके बाद आए स्टैंडर्ड बुक्स पर. इस स्टेज पर अलग किताबों के फेर में न पड़ें और वहीं बुक्स पढ़ें जो सब पढ़ते हैं. बस ध्यान रहे कि एक किताब कई-कई बार पढ़नी है यानी रिवीजन खूब अच्छे से करना है.


मेन्स के लिए जुनैद मुख्यतः आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करने और ऑप्शनल पर अतिरिक्त ध्यान देने की सलाह देते हैं. उन्हें लगता है कि कई अटेम्प्ट्स में उनका लिखित अभ्यास न करने की वजह से सेलेक्शन रुक गया था. इसी प्रकार ऑप्शनल आपके अंक बढ़ाता है इस पर खास ध्यान दें.


आखिर में जुनैद यही कहते हैं कि लाइफ में एक गोल होना बहुत जरूरी है वरना जीवन निरर्थक हो जाता है. यही नहीं जब इस गोल की तरफ बढ़ते हुए बार-बार असफल हों तो घबराएं नहीं और इन्हें स्टेपिंग स्टोन मानें. यह भी याद रखें कि अगर आपको मोटिव सोशल सर्विस या किसी और प्रकार से दूसरों की सेवा का है तो आप सफल जरूर होंगे.


IAS Success Story: चार प्रयास और तीन में सफल पर नहीं रुकीं रोमा जब तक बन नहीं गईं IAS ऑफिसर

Education Loan Information:

Calculate Education Loan EMI