Success Story Of IAS Topper Koya Sree Harsha: तेलांगना के हर्षा ने 2017 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में टॉप किया था. यह उनका पहला प्रयास था और पहले अटेम्पट में ही कोया ने न केवल यह एग्जाम पास किया बल्कि 6वीं रैंक भी हासिल की. एनआईटी जमशेदपुर से प्रोडक्शन एंड इंडिस्ट्रियल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद कुछ समय हर्षा ने नौकरी भी की. हैदराबाद की एक बड़ी कंपनी में उन्होंने चार साल काम किया फिर कुछ वजहों से उनका झुकाव सिविल सर्विसेस की तरफ हुआ और नौकरी छोड़ हर्षा यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए. यहां का उनका स्टे बहुत लंबा नहीं रहा क्योंकि उन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली. आज जानते हैं हर्षा से उनकी प्रिपरेशन स्ट्रेटजी.


हर्षा ने की कहीं-कहीं सेलेक्टिव स्टडी –


दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में हर्षा बताते हैं कि उन्होंने यूपीएससी के लिए विस्तार में पढ़ने के बजाय कुछ विषयों में सेलेक्टिव स्टडी की थी. ये वे विषय थे जो उन्हें समझ नहीं आ रहे थे और उन्हें लगता था कि जब तक वे इन्हें पढ़ेंगे तब तक कुछ और अच्छे से तैयार कर लेंगे. हालांकि यूपीएससी जैसी परीक्षा में सेलेक्टिव स्टडी का विकल्प ठीक नहीं है जहां कहीं से कुछ भी पूछा जा सकता है पर हर्षा के पास समय की कमी थी तो उन्होंने अपने लिए यह स्ट्रेटजी अपनायी पर इसकी सलाह वे हर किसी को नहीं देते. यहां यह भी ध्यान रहे की हर्षा ने किसी विषय के एक या दो टॉपिक स्किप किए थे, इससे ज्यादा नहीं.


देखें कोया श्री हर्षा द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू



सिलेबस पर रहें स्टिक –



हर्षा कहते हैं कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए सिलेबस पर खास ध्यान दें और उससे स्टिक रहें वरना समस्या हो सकती है. पहले सिलेबस को ठीक से देख लें और उसी के अनुरूप सीमित किताबों का सेलेक्शन कर लें. इस बारे में हर्षा कहते हैं कि आपको बुक लिस्ट या सोर्स ज्यादातर टॉपर्स बता सकते हैं या वे एक जैसे ही होंगे पर फर्क इस बात से पड़ता है कि आप उनकी तैयारी किस प्रकार करते हैं. आपका पढ़ने का तरीका क्या है. हालांकि यहां हर्षा भी यह बात कहते हैं कि किताबें सीमित रखें और उन्हीं से बार-बार पढ़ें. जितने अच्छे से रिवीजन करेंगे उतना अच्छा रहेगा.


एनसीईआरटी पर देते हैं जोर –


हर्षा बाकी किताबों और कोचिंग्स के नोट्स के अलावा एनसीईआरटी की किताबों पर बहुत फोकस करने को कहते हैं. वे कहते हैं की क्लास 6 से 12 तक की एनसीईआरटी की किताबों को जरूर देखें, यह बहुत मदद करती हैं. किताब पढ़ने का एक तरीका भी वे बताते हैं कि पहली रीडिंग कहानी की तरह कर डालें. उसके बाद जब समझ आ जाए की इसमें क्या जरूरी है और क्या बहुत जरूरी तो उसी हिसाब से उसे तैयार करें. वे सिलेबस को टुकड़े में तोड़कर तैयार करने की सलाह देते हैं. ताकी एक-एक हिस्सा तैयार होता जाए और कुछ भी न छूटे.


हर्षा की सलाह –


हर्षा यही कहते हैं कि सिलेबस के हिसाब से तैयारी करें और किताबों को यथा संभव कम से कम रखें. उन्हीं किताबों को बार-बार पढ़ें और जितना हो सके रिवीजन और प्रैक्टिस टेस्ट पर ध्यान दें. ऑप्शनल का चुनाव बहुत सोच-समझकर करें और प्रीवियस ईयर्स के क्वेश्चन पेपर जरूर सॉल्व करें. इससे आपको अंदाजा हो जाता है की परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न आते हैं. टाइम मैनेजमेंट का विशेष ध्यान रखें और अपने लिए छोटे-छोटे शेड्यूल बनाएं. सिलेबस देखें और तय करें कि इतने समय में यह विषय या यह टॉपिक खत्म करना है और ऐसा करें भी. हफ्ते और दिनों के हिसाब से अपना टाइम-टेबल बनाएं ताकि समय न बर्बाद हो. सही स्ट्रेटजी और फुल डेडीकेशन से तैयारी करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी.


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