IAS Success Story: IIT से IIM और फिर पहले ही अटेम्पट में IAS कैसे तय किया लोकेश ने यह सफर? जानिए
फरीदाबाद के लोकेश यादव ने साल 2018 में UPSC CSE परीक्षा पहले अटेम्पट में पास कर ली थी. इसके पहले वे IIT और IIM से भी डिग्री ले चुके हैं. आज जानते हैं लोकेश से कैसे उन्होंने निरंतर सफलताएं हासिल की.
Success Story Of IAS Topper Lokesh Yadav: लोकेश यादव उन कैंडिडेट्स में से आते हैं जिनका कैरियर एक मिसाल मालूम देता है, जहां वे निरंतर एक के बाद एक सफलताएं पाते ही चले जाते हैं. जाहिराना तौर पर इसके पीछे सालों की तपस्या और कड़ी मेहनत है पर अपने लक्ष्य को लेकर इतना केंद्रित होना भी आसान नहीं होता. लेकिन फरीदाबाद के लोकेश ने अपनी स्टूडेंट लाइफ के किसी क्षण को बर्बाद न करते हुए हर पल को प्रोडक्टिव बनाया.
लोकेश का जन्म स्थान रेवाड़ी है और वे बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे थे. क्लास 12वीं के बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएशन किया और उसके बाद आईआईएम अहमदाबाद से पोस्टग्रेजुएशन यानी एमबीए. कुछ कारणों से लोकेश ने सिविल सेवा का मन बनाया और जुट गए यूपीएससी सीएसई परीक्षा की तैयारी में. यहां भी उन्होंने पहले ही अटेम्पट में मंजिल पायी. साल 2018 के पहले ही अटेम्पट में वे सेलेक्ट हो गए. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में लोकेश ने शेयर की अपनी प्रिपरेशन स्ट्रेटजी.
सबसे जरूरी है सेल्फ बिलीफ
लोकेश कहते हैं कि परीक्षा के तीनों चरणों को पास करने के पहले सबसे ज्यादा जरूरी है सेल्फ बिलीफ. आपको खुद पर यह विश्वास होना चाहिए कि मैं यह परीक्षा पास कर सकता हूं या कर सकती हूं. चाहे लोग कुछ भी कहें कि बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स बैठते हैं, मुश्किल होगा या कुछ और पर आप अपने दिमाग में रखें कि आपको केवल एक सीट से मतलब है जो आपको चाहिए. इस दृढ़ता के साथ जब मैदान में कूदेंगे तो जरूर सफल होंगे.
सीमित सोर्स
लोकेश आगे बताते हैं कि प्री का पेपर ऑब्जेक्टिव होता है, मेन्स का सब्जेक्टिव और इंटरव्यू आपकी पर्सनेलिटी की परीक्षा. तीनों को ही उनकी जरूरत के मुताबिक तैयार करें. सबसे पहले स्टेप के अंतर्गत सिलेबस देखें और इसे हमेशा अपने पास रखें. यही आपको सफलता के पास ले जाएगा. अपनी किताबों को सीमित रखें पर यह देखें कि वह पूरा कोर्स कंप्लीट करती हों. लोकेश ने भी शुरुआत एनसीईआरटी और कुछ कॉमन किताबों से की थी. जब तैयारी थोड़ी आगे बढ़ गई तो उन्होंने मॉक टेस्ट देना शुरू कर दिया था.
बहुत पहले टेस्ट देना कर दिए थे आरंभ
लोकेश ने प्री परीक्षा की तैयारी थोड़ा आगे बढ़ने पर ही टेस्ट देना आरंभ कर दिए थे. वे मानते हैं कि यह टेस्ट ही बताते हैं कि आपकी तैयारी सही दिशा में जा भी रही है या नहीं. इसलिए टेस्ट जरूर दें और जल्दी दें. इनके रिजल्ट के हिसाब से तय करें कि किस एरिया में आपको दिक्कत है या कौन सा एरिया आप आसानी से हैंडल कर पा रहे हैं. जब यह तय हो जाए तो उसी के हिसाब से आगे की तैयारी करें. यानी जिस एरिया की जैसी रिक्वायरमेंट है उसी हिसाब से एक्ट करें. प्री के पहले लोकेश ने करीब 30 से 40 टेस्ट दिए थे और उनका फीडबैक भी लिया था.
ऐस्से, एथिक्स और ऑप्शनल
लोकेश का मानना है कि ये तीन पेपर आपके लिए बहुत जरूरी रोल प्ले करते हैं और आपकी सफलता भी सुनिश्चित करते हैं. इनमें से एथिक्स और ऐस्से के साथ यह समस्या होती है कि कैंडिडेट इन्हें सीरियसली नहीं लेते. चूंकि ऐस्से की प्रिपरेशन जीएस के साथ ही कवर हो जाती है इसलिए एस्पिरेंट्स को लगता है कि यह विषय तो वे कर ही लेंगे. यह अपरोच ठीक नहीं है. आपकी राइटिंग स्किल्स कितनी भी अच्छी हों पर परीक्षा के पहले कम से कम दस से बारह ऐस्से जरूर लिखें. इससे आपका अभ्यास तो होता ही है, स्पीड बढ़ती है, आप ऐस्से फ्रेम करना सीखते हैं और समय सीमा के अंदर पेपर पूरा भी होता है.
देखें लोकेश यादव द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अब आते हैं ऑप्शनल पेपर पर. यह पेपर स्कोर करने और अच्छी रैंक दिलाने में अहम भूमिका निभाता है इसलिए इसका चुनाव सावधानी से करें. विषय पर पकड़, रुचि के अलावा एक चीज और देख लें कि वह सब्जेक्ट कितना रिवार्डिंग है, इसके बाद सेलेक्शन करें. लोकेश के पास पोस्टग्रेजुएशन में मैनेजमेंट विषय था इसलिए उन्होंने इसे ही अपना ऑप्शनल चुना.
लोकेश की सलाह
लोकेश जहां प्री और मेन्स के लिए सिलेबस को मुख्य मानते हैं, वहीं साक्षात्कार के लिए डैफ को बहुत अहमियत देते हैं. वे कहते हैं कि डैफ में लिखा एक-एक शब्द आपके लिए अहम है, इसे तैयार कर लें. जहां से भी जो भी प्रश्न बनने की संभावना हो उसे तैयार करें और लिखकर देखें. लिखने से आपके विचार पक्के होते हैं. इंटरव्यू में मुख्यतः आपका प्रेजेंटेशन देखा जाता है. जरूरी है कि इसके लिए भी मॉक ज्वॉइन करें क्योंकि सीधा इंटरव्यू के लिए अपियर होना आपको नर्वस कर सकता है.
बाकी अपने बैकग्राउंड को लेकर कभी चिंतित न हों, खुद पर भरोसा रखें कि आप यह परीक्षा पास करेंगे तभी वास्तव में ऐसा कर पाएंगे. कड़ी मेहनत, सही स्ट्रेटजी और सेल्फ बिलीव ही आपको सफल बना सकते हैं.
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