IAS Success Story: दो प्रयास, दोनों में सफल ऐसे तय किया मयंक मित्तल ने UPSC का यह सफर
मयंक मित्तल ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा के दो अटेम्प्ट्स दिए और दोनों में ही सफल हुए. कैसे हर बार की मयंक ने यह परीक्षा पास, जानें यहां.
Success Story Of IAS Topper Mayank Mittal: मयंक मित्तल ने साल 2019 की यूपीएससी सीएसई परीक्षा 29वीं रैंक के साथ पास की. यह उनका दूसरा प्रयास था. इसके पहले भी वे एक बार यूपीएससी सिविल सर्विसेस एग्जाम दे चुके थे और सफल भी हुए थे. यानी मयंक ने यूपीएससी सीएसई की दो अटेम्प्ट्स दिए और दोनों में चयनित हुए. पहली बार में आयी रैंक 105 जिसके तहत मिलने वाली सेवा से वे संतुष्ट नहीं थे इसलिए उन्होंने दोबारा एग्जाम दिया. इस बार मयंक की रैंक आयी 29. इस रैंक के तहत उन्हें उनका मनचाहा आईएएस पद मिला.
मयंक दूसरे कैंडिडेट्स को दी जाने वाली मुख्य सलाहों में से एक सलाह यह देते हैं कि परीक्षा की तैयारी करने में जल्दबाजी न करें और आराम से पहले एग्जाम के बारे में सबकुछ पता कर लें उसके बाद ही तैयारी आरंभ करें. मयंक अपने अनुभव से कहते हैं कि कई बार कैंडिडेट्स को परीक्षा की तैयारी करने की इतनी जल्दी होती है कि वे सिलेबस तक ठीक से खत्म नहीं करते और मैदान में उतर जाते हैं. इस जल्दबाजी से बचें. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में मयंक ने विभिन्न विषयों पर बात की.
पिछले साल के पेपर्स से करें तैयारी –
मयंक सबसे पहले तो सिलेबस ठीक से देखने की सलाह देते हैं, उसके बाद स्ट्रेटजी बनाने और उसे फॉलो करने के लिए कहते हैं. उनके हिसाब से अगर हर चीज प्लान कर लेंगे तो आसानी रहेगी. कुछ छूटेगा नहीं और सबकुछ समय के अंदर कवर हो जाएगा.
मयंक आगे कहते हैं कि परीक्षा प्रारूप को समझने के लिए पिछले साल के पेपर्स देख सकते हैं. ये किसी कोचिंग में मिलने वाले क्वैश्चन पेपर की तुलना में बेहतरीन विकल्प होते हैं. अगली सलाह मयंक यह देते हैं कि बाजार में दो तरह के प्रश्न-पत्र मिलते हैं, एक में साल के हिसाब से क्वैश्चन पेपर होते हैं और एक में टॉपिक के हिसाब से. मयंक के अनुसार टॉपिक वाला प्रश्न-पत्र लें और जब कोई विषय तैयार हो जाए तो पेपर देकर चेक करें कि आपकी तैयारी कैसी है.
यहां देखें मयंक मित्तल द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू -
मयंक की सलाह -
मयंक कहते हैं कि पहले दिन से प्री और मेन्स दोनों की तैयारी साथ शुरू करें. अगर अलग-अलग तैयारी की योजना बनाएंगे तो कभी सिलेबस खत्म नहीं होगा. यही नहीं प्री के बाद मेन्स परीक्षा के लिए जितना समय बचता है, उतना पूरा नहीं पड़ता. अगर आप एक साल के समय को दिमाग में लेकर चल रहे हैं और पहले ही मेन्स की तैयारी आरंभ नहीं कर चुके हैं तो इसे कभी समय से खत्म नहीं कर पाएंगे. क्योंकि यह समय रिवीजन, आंसर राइटिंग प्रैक्टिस, मॉक टेस्ट्स देने और डाउट्स क्लियर करने का होता है. किसी नई चीज की तैयारी की शुरुआत इस समय नहीं हो सकती.
यहां एक बात का ध्यान और रखें कि बाकी पेपरों के अलावा ऐस्से और एथिक्स के पेपर को भी बराबर महत्व दें. अक्सर कैंडिडेट्स इन्हें इग्नोर कर देते हैं. अब आते हैं अगली जरूरी बात पर और वह है, आंसर राइटिंग. दूसरे कैंडिडेट्स से अलग मयंक कहते हैं कि, बहुत ज्यादा अभ्यास की जरूरत नहीं है लेकिन एक दिन में एक आंसर भी लिखेंगे तो काफी है. बस अपनी गलतियों को एनालाइज करते हुए चलें और जहां सुधार की गुंजाइश हो उसे समय रहते कर लें. एक बात और कि सफलता मिलने में समय लगे तो परेशान न हों, यहां सबका सफर एक जैसा नहीं होता. कोई जल्दी मंजिल पर पहुंचता है तो किसी को समय लगता है.
UPPSC PCS 2019 की परीक्षा में हुए थे ये दो अहम बदलाव, मथुरा के विशाल ने किया टॉप, देखें टॉपर्स लिस्ट, पढ़ें 5 टॉपर्स की स्ट्रेटजीEducation Loan Information:
Calculate Education Loan EMI