Success Story Of IAS Topper Mohd. Shafiq: मोहम्मद शफीक साल 2020 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उनका यूपीएससी का सफर काफी कठिनाइयों भरा था और यह सफलता पाने में उन्हें काफी समय भी लग गया फिर भी शफीक ने कभी हिम्मत नहीं हारी. अपनी गलतियों को सुधारकर और अपने परिवार के सपोर्ट से वे यहां तक पहुंचे. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में उन्होंने परीक्षा के दौरान फॉलो की स्ट्रेटजी और खुद को मोटिवेटेड रखने के टिप्स शेयर किए. साथ ही बताया कि कुछ कैंडिडेट्स क्या गलती करते हैं जिससे वे सफल नहीं हो पाते. आइये जानते हैं विस्तार से.


यूपीएससी का सफर है लेंदी –


शफीक कहते हैं कि यूपीएससी का सफर आमतौर पर काफी लंबा होता है इसलिए इस सफर के दौरान आपका मोटिवेटेड रहना बहुत जरूरी होता है. बात भी सही है क्योंकि अगर किसी कैंडिडेट का पहली बार में ही चयन हो जाए तब भी इस सेलेक्शन के पीछे कम से कम डेढ़ से दो साल की मेहनत होती है. इसलिए खुद को मोटिवेटेड रखने का तगड़ा कारण तलाशें और उससे चिपके रहें. कई बार कुछ कैंडिडेट्स का पहले लेवल पर ही सेलेक्शन नहीं होता. ऐसे में वे काफी निराश हो जाते हैं लेकिन आपको ऐसा नहीं करना है और जितना हो सके खुद को संभाले रखना है. खुद को भरोसा दिलाएं की आज नहीं तो कल चयन जरूर होगा. क्योंकि निराशा के साथ कभी भी तैयारी आगे नहीं बढ़ाई जा सकती.


देखें मोहम्मद शफीक द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू



कैंडिडेट्स करते हैं ये गलती –


शफीक का अनुभव बताता है कि कई बार कैंडिडेट्स इस परीक्षा के विभिन्न चरणों में इसलिए फेल होते हैं क्योंकि उन्होंने हर स्टेज की तैयारी ठीक से नहीं की होती. जब प्री की तैयारी करते हैं तो केवल उसी पर फोकस करते हैं इससे मेन्स छूट जाता है. क्योंकि प्री के बाद इतना समय नहीं बचता की मेन्स के लिए तैयारी या प्रैक्टिस की जा सके. ठीक इसी प्रकार जब मेन्स की तैयारी करते हैं तो इंटरव्यू को बिलकुल इग्नोर कर देते हैं. कहने का मतलब यह है कि इस परीक्षा की तीनों स्टेजेस आपस में गुंथी हुई हैं. बेहतर होगा कि आप तीनों की तैयारी साथ ही करें और जब जो परीक्षा पास आ जाए, खास उस पर ध्यान देने लगें. अपना शेड्यूल बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखें और टाइम-टेबल को भी ऐसे ही सेट करें.


सोशल मीडिया पर आंख मूंदकर न करें भरोसा –


शफीक आगे कहते हैं कि सोशल मीडिया या ऑनलाइन मैटीरियल पर आंख मूंदकर भरोसा न करें. कई बार इसमें कुछ ऐसी चीजें बता दी जाती हैं जो वास्तविकता से कोसों दूर होती हैं. जैसे इंटरव्यू में पूछे जाने वाले प्रश्नों का ही उदाहरण ले लें. इनको लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां फैला दी जाती हैं. इसी  प्रकार विषयों को लेकर भी कुछ साइट्स कंफ्यूजन पैदा करती हैं. बेहतर होगा कि आप ऐसे किसी भी सोर्स पर भरोसा करने के पहले यूपीएससी का सिलेबस ठीक से देख लें और उसी के अनुसार केवल जरूरी हिस्सों पर फोकस करें.


एवरीथिंग अंडर द सन को नहीं मानते सच –


यूपीएससी के लिए अक्सर यह बात कही जाती है कि यहां किसी भी विषय से कोई भी सवाल पूछ लिया जाता है. शफीक इसको सच नहीं मानते. वे कहते हैं कि यह लोगों की गलतफहमी है कि यूपीएससी में कहीं से भी कुछ भी आ सकता है. उनका अपना एक सिलेबस है और आपको उसके आसपास ही तैयारी करनी है. इसे समझने के लिए आप पिछले साल के प्रश्न-पत्र देख सकते हैं.


दूसरी जरूरी बात शफीक प्रैक्टिस को मानते हैं. वे कहते हैं कि जितना हो सके परीक्षा के लिए अभ्यास करें. जब प्रैक्टिस करेंगे तो ही सफलता के करीब पहुंच पाएंगे क्योंकि पढ़ना और एग्जाम में उसे लिखना दो अलग बातें हैं.


फेलियर है, इवॉल्विंग प्रॉसेस –


शफीक कहते हैं कि उन्हें भी सफलता हासिल करने में कई साल लगे. इसलिए अगर इस सफर में आप फेल होते हैं तो इसे फेलियर न मानकर अपना इवॉल्विंग और लर्निंग प्रॉसेस मानें. इन सालों में आप लगातार कुछ न कुछ सीखते हैं. सफलता मिले या न मिले पर आपको अपने प्रयासों को नहीं थमने देना है. कड़ी मेहनत और शेड्यूल बनाकर की गई पढ़ाई नतीजे जरूर दिलाती है. शेड्यूल के विषय में भी शफीक कहते हैं कि छोटे-छोटे टारगेट बनाएं क्योंकि जब ये पूरे होते हैं तो मोटिवेशन और हाई हो जाता है.


वे इस लाइन के साथ अपनी बात खत्म करते हैं कि परीक्षा के लिए पढ़ाई जरूरी है पर इसका मतलब यह कतई नहीं कि आप अपनी हॉबीज की तिलांजली दे दें. खुद को रिलैक्स करने के लिए जो भी पसंद हो करें पर जरूर करें. इससे आपका आउटपुट और बढ़ जाता है. सही दिशा में सही स्ट्रेटजी और सही मोटिवेशन के साथ आगे बढ़ेंगे तो देर से ही सही पर सफलता जरूर मिलेगी.


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